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'आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाए बिहार सरकार नहीं तो..', पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुकेश सहनी की मांग - Mukesh Sahani

Mukesh Sahani On Reservation: पटना हाईकोर्ट ने बिहार में आरक्षण बढ़ाने के मामले पर सुनवाई करते हुए कानून को रद्द कर दिया है. इसको लेकर मुकेश सहनी ने बिहार सरकार से सुप्रीम कोर्ट जाने की अपील की है. मुकेश सहनी ने कहा कि अगर बिहार सरकार नहीं जाती है तो विपक्ष इसके लिए कोर्ट जाएगी. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 21, 2024, 11:57 AM IST

पटनाः बिहार में आरक्षण बढ़ाने के फैसले पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने आपत्ति जतायी है. उन्होंने बिहार सरकार से अपील की है कि हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. इस दौरान मुकेश सहनी ने यह भी कहा कि अगर सरकार सर्वोच्च न्यायालय नहीं जाती है तो विपक्ष कोर्ट जाने का काम करेगी.

'सर्वोच्च न्यायालय जाएगी विपक्ष': पटना उच्च न्यायालय के बिहार सरकार के आरक्षण की सीमा को 50 फीसद से बढ़ाकर 65 फीसद करने के कानून को रद्द किए जाने पर मुकेश सहनी ने असंतोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला पटना उच्च न्यायालय का है. इसके खिलाफ सरकार को सर्वोच्च न्यायालय जाना चाहिए नहीं तो विपक्ष सर्वोच्च न्यायालय जाएगी.

तिकड़म अपना रही बीजेपीः मुकेश सहनी ने कहा कि वीआईपी जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी भागीदारी के पक्ष में है. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर आरक्षण को लागू नहीं करने देने का आरोप भी लगाए. कहा कि बीजेपी शुरू से चाहती है कि गरीबों को आरक्षण नहीं दिया जाए. इसलिए तिकड़म अपना रही है.

"भाजपा सत्ता में आने के साथ ही अपना तिकड़म शुरू कर दी. यह संदेह पहले से ही था. भाजपा कभी नहीं चाहती है कि गरीबों को आरक्षण मिले. हकीकत है कि भाजपा जाति आधारित गणना के भी खिलाफ थी. अगर ऐसा नहीं है तो फिर देश में जाति आधारित गणना सरकार क्यों नहीं करवा रही है. सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाए नहीं तो विपक्ष जाएगी. " -मुकेश सहनी, वीआईपी प्रमुख

'प्रधानमंत्री से मिलने की मांग': मुकेश सहनी ने कहा कि विपक्ष शुरू से इसे शेड्यूल 9 में डालने की मांग करता रहा है लेकिन अब तक 9 महीने हो चुके हैं. भाजपा और केंद्र सरकार ने इस काम को पूरा नहीं किया. उन्होंने नीतीश कुमार से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री से मिलने की मांग की.

पटना हाईकोर्ट का फैसलाः गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षण संस्थान और सरकारी नौकरी में एससी-एसटी, ईबीसी और अन्य पिछड़े वर्गों को 65 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने के कानून पर फैसला किया. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कानून को रद्द कर दिया है. इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है.

यह भी पढ़ेंः बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण का कानून रद्द, नीतीश सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका - 65 percent reservation in Bihar

पटनाः बिहार में आरक्षण बढ़ाने के फैसले पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने आपत्ति जतायी है. उन्होंने बिहार सरकार से अपील की है कि हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. इस दौरान मुकेश सहनी ने यह भी कहा कि अगर सरकार सर्वोच्च न्यायालय नहीं जाती है तो विपक्ष कोर्ट जाने का काम करेगी.

'सर्वोच्च न्यायालय जाएगी विपक्ष': पटना उच्च न्यायालय के बिहार सरकार के आरक्षण की सीमा को 50 फीसद से बढ़ाकर 65 फीसद करने के कानून को रद्द किए जाने पर मुकेश सहनी ने असंतोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला पटना उच्च न्यायालय का है. इसके खिलाफ सरकार को सर्वोच्च न्यायालय जाना चाहिए नहीं तो विपक्ष सर्वोच्च न्यायालय जाएगी.

तिकड़म अपना रही बीजेपीः मुकेश सहनी ने कहा कि वीआईपी जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी भागीदारी के पक्ष में है. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर आरक्षण को लागू नहीं करने देने का आरोप भी लगाए. कहा कि बीजेपी शुरू से चाहती है कि गरीबों को आरक्षण नहीं दिया जाए. इसलिए तिकड़म अपना रही है.

"भाजपा सत्ता में आने के साथ ही अपना तिकड़म शुरू कर दी. यह संदेह पहले से ही था. भाजपा कभी नहीं चाहती है कि गरीबों को आरक्षण मिले. हकीकत है कि भाजपा जाति आधारित गणना के भी खिलाफ थी. अगर ऐसा नहीं है तो फिर देश में जाति आधारित गणना सरकार क्यों नहीं करवा रही है. सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाए नहीं तो विपक्ष जाएगी. " -मुकेश सहनी, वीआईपी प्रमुख

'प्रधानमंत्री से मिलने की मांग': मुकेश सहनी ने कहा कि विपक्ष शुरू से इसे शेड्यूल 9 में डालने की मांग करता रहा है लेकिन अब तक 9 महीने हो चुके हैं. भाजपा और केंद्र सरकार ने इस काम को पूरा नहीं किया. उन्होंने नीतीश कुमार से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री से मिलने की मांग की.

पटना हाईकोर्ट का फैसलाः गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षण संस्थान और सरकारी नौकरी में एससी-एसटी, ईबीसी और अन्य पिछड़े वर्गों को 65 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने के कानून पर फैसला किया. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कानून को रद्द कर दिया है. इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है.

यह भी पढ़ेंः बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण का कानून रद्द, नीतीश सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका - 65 percent reservation in Bihar

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