भोपाल: मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. प्रदेश में गेहूं खरीदी के लिए 20 जनवरी से ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होगी. इस बार प्रदेश में 2425 रुपये की दर से गेहूं खरीदा जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश सरकार किसानों को खरीदी गई फसल का भुगतान 48 घंटे के अंदर कर देगी. इसको लेकर प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार की तर्ज पर किसानों को राशि का भुगतान करेगी. इसके लिए सरकार तैयारी में जुटी है. खाद नागरिक आपूर्ति विभाग ने इसके लिए अधिकारियों की 2 टीमों को उत्तरप्रदेश भेजा है.
150 रुपये ज्यादा समर्थन मूल्य
राज्य सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर उपार्जन की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए 20 जनवरी से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. रजिस्ट्रेशन के बाद प्रदेश के किसान अपने उपार्जन केन्द्रां पर जाकर गेहूं बेच सकेंगे. उपार्जन के लिए प्रदेश भर में 4 हजार केन्द्र बनाए जा रहे हैं. इस बार पिछले साल से 200 से ज्यादा उपर्जन केन्द्र बनाए जा रहे हैं.
भुगतान को लेकर मोहन सरकार का बड़ा बदलाव
खरीदी केन्द्र पर अनाज की खरीदी के बाद किसानों को पावती उपलब्ध कराई जाएगी. हालांकि इस बार खरीद के बाद पैसों के भुगतान को लेकर मोहन सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है. अभी तक खरीदी के बाद 7 दिनों में किसानों के पंजीकृत आधार लिंक्ड बैंक खातों में राशि पहुंचने का प्रावधान है, लेकिन इसके बाद भी किसानों के खातों में पैसे पहुंचने में 15 दिन से ज्यादा लग जाते हैं.
अब चंद घंटों में मिलेगा उपज का दाम
मध्य प्रदेश में किसानों को उनकी उपज का दाम चंद घंटों में देने की तैयारी की जा रही है. मध्यप्रदेश में जहां 7 दिनों में फसल की राशि पहुंचने का नियम है, वहीं उत्तरप्रदेश और बिहार राज्य में फसल खरीदी के 48 घंटे में राशि पहुंचाई जाती है. मध्य प्रदेश सरकार अब इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश के किसानों को सुविधा देने की तैयारी कर रही है.
मध्यप्रदेश सरकार ने इसके लिए खाद नागरिक आपूर्ति विभाग ने 2 टीमों को उत्तर प्रदेश भेजा है. यह टीम उत्तरप्रदेश में भुगतान की प्रक्रिया का आंकलन करेगी और इसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर सौंपेगी. बताया जा रहा है कि सरकार इसी साल से यह व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रही है. खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरूण शमी के मुताबिक "उपार्जन को लेकर उत्तर प्रदेश में की जा रही कार्रवाई के अध्ययन के लिए टीम लखनऊ भेजी गई है."
इस बार ज्यादा होगी खरीदी
मध्य प्रदेश में पिछले साल 6 लाख 16 हजार किसानों से 48 लाख टन गेहूं का उपार्जन किया गया था. उम्मीद है कि इस बार पिछले बार से ज्यादा गेहूं की खरीदी होगी. वहीं इस साल अभी तक 5 लाख 61 हजार 627 किसानों से 36 लाख 50 हजार 736 टन धान की खरीदी की जा चुकी है.
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इस तरह होगा ई-उपार्जन
मध्य प्रदेश में गेहूं के ई-उपार्जन की प्रकिया का पहला चरण 20 जनवरी को ऑनलाइन पंजीयन के साथ शुरू होगा. पंजीयन के साथ किसानों द्वारा स्लॉट बुकिंग की जाएगी. इसके बाद उपार्जन केन्द्र से किसानों के अनाज की खरीदी होगी. खरीदी किए गए अनाज का परिवहन कर गोदामों तक पहुंचाया जाएगा. इसके साथ ही आधार से लिंक्ड खातों में पैसों का भुगतान किया जाएगा. उपार्जन के लिए वारदाना, भंडारण, परिवहन की व्यवस्था की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.