अनूपपुर। इस समय जहां पूरा प्रदेश ठंड कि ठिठुरन से परेशान है. अभी गर्मी के मौसम का दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं दिख रहा. इसके बाद भी प्रदेश के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां गर्मी के मौसम से भी बदतर हालात हैं. अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत पड़री पंचायत के चौरादादर के गांव के लोग पानी की समस्या से परेशान हैं. ये ग्रामीण सुबह होते ही पहाड़ों के रास्ते से होते हुए 2 किमी दूर पानी लेने जाते हैं. तब जाकर इनके सूखे कंठों की प्यास बुझ पाती है. ऐसे पथरीले रास्तों से पानी से भरे बर्तन लेकर आना-जाना यह इनका रोज का काम है.
सालों से पानी के लिए जूझ रहा ये गांव
दरअसल, यह गांव पहाड़ी इलाके पर स्थित है. जिसके चलते यहां पर्याप्त जलसंसाधन नही है. रोजमर्रा के कामों से लेकर पीने तक के पानी ले लिए ग्रामीणों को रोज परेशान होना पड़ता है. हर दिन सुबह-सबेरे उठकर ये पथरीले रास्तों से अपने बर्तन लेकर जाते हैं. ग्रामीण जब पानी लेने जाते हैं, तो इस दौरान अपनी भाषा में यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि 'पानी बनिस जियू के जंजाल' इसका मतलब है पानी जी का जंजाल बन गया है. यहां के लोग आजादी के 76 वर्ष बाद या यूं कहें कि सालों से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. चौरादादर गांव में 45 घर के लोग निवासरत हैं और लगभग 300 की आबादी वाले गांव में शासन-प्रशासन की योजना दम तोड़ती नजर आ रही है.
क्या कह रहे ग्रामीण
इस गांव के ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या आज की नहीं है. कई पीढ़ी से हम ऐसे ही जंगली रास्तों का सफर तय कर रोजाना सुबह से पानी के लिए बकान गांव में आते हैं. इन जंगली-पथरीले रास्तों से होकर पानी ले जाते हैं, हालांकि पीएचई विभाग ने बकान गांव में एक बोर कराया था और कहा जा रहा था कि पहाड़ चढ़ाकर पानी पहुचाएंगे, पर 6 महीने से ऊपर बीत गए, बोर ऐसे का ऐसे ही पड़ा हुआ है.
क्या कह रहे अधिकारी
कहने को तो इस गांव में पीएचई विभाग ने पूर्व में 2 से 3 हैण्डपम्प खनन करवाए हैं, पर किसी काम के नहीं है. अब ऐसे में सवाल विभाग पर भी उठ रहा कि क्या इस गांव मे बोर कराने से पहले विभाग ने सर्वे नहीं कराया या महज कागजी सर्वे करा कर दिखावे के लिए हैण्डपम्प खनन कराया. जिससे ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझ पा रही है.
यहां पढ़ें... |
कब होगा समस्या का हल
गौरतलब है की इस गांव में ग्रामीणों की परेशानी साफ दिखाई पड़ रही है. इस मामले पर सब अलग-अलग सफाई दे रहे हैं. देखने वाली बात तो यह होगी कि इस गांव के लिए शासन प्रशासन कौन सा स्थाई कदम उठता है और कब तक. जिससे ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो सके बहरहाल वर्तमान की स्थिति बदहाल ही नजर आ रही है.