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अब बाहर से आने वाले मरीजों को रहने में नहीं होगी दिक्कत, पटना AIIMS में बनेगा रैन बसेरा, किया गया शिलान्यास

MP Sushil Modi: पटना AIIMS में मरीज के साथ आए परिजनों को अब रहने में परेशानी नहीं होगी. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने जो अपने फंड से रैन बसेरा बनाने का निर्णय लिया, उसका मंगलवार को शिलान्यास किया गया. बता दें कि यह रैन बसेरा 7 करोड़ 50 लाख की लागत से तैयार होगा. इस शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान एम्स के कई डॉक्टर मौजूद थे.

Sushil Modi
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 5, 2024, 6:05 PM IST

पटना: राजधानी पटना में बने AIIMS में हर दिन हजारों मरीज इलाज करवाने आते है. ऐसे में बाहर से आए मरीजों और उनके परिजनों के रहने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आसपास में मौजूदा होटलों में रेट इतना हाई रहता कि परिजन वहां रह नहीं सकते. ऐसे में इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने 7 करोड़ 50 लाख की लागत से रैन बसेरा बनाने का जो निर्णय लिया था, उसका मंगलवार को शिलान्यास किया गया.

डे-नाइट शेल्टर का किया शिलान्यास: मिली जानकारी के अनुसार, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एम्स में गरीब मरीजों के परिजन के लिए डे नाइट शेल्टर का रिबन काटकर शिलान्यास किया. इस मौके पर दीघा विधायक संजीव चौरसिया व संस्थान के सीईओ डॉ गोपाल कृष्णा पॉल के साथ एम्स के कई डॉक्टर मौजूद थे. पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक जी.के.पाल ने सुशील कुमार मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपचार का लाभ उठाने के लिए महानगरों का रुख न करना पड़े.

मरीजों को मिलेगी राहत: बताया जा रहा कि एमपीएलएडी योजना के तहत एक डे-नाइट शेल्टर का शिलान्यास किया गया है. मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी, पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रोफेसर (डॉ) गोपाल कृष्ण पाल और दीघा विधायक संजीव चौरसिया समेत कई लोग मौजूद थे. पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक जी.के.पाल ने कहा कि डे-नाइट शेल्टर का निर्माण पूरा हो जाने पर राज्य के दूर-दराज के इलाकों से आने वाले मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

"इस सेवा के जुड़ने से बिहार में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. पड़ोस के राज्यों से भी आए लोगों को इसका फायदा होगा." - सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

"एम्स को इस परियोजना को पूरा करने में केवल 6 से 8 महीने लगेंगे, जो ग्रामीण लोगों के लिए समय पर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा लाने के प्रयास में एक और मील का पत्थर साबित होगा. डे-नाइट शेल्टर में एक कैफेटेरिया भी होगा. जहां मरीजों और उनके परिजनों को भोजन की सुविधा प्रदान की जाएगी." - डॉ गोपाल कृष्ण, कार्यकारी निदेशक, पटना एम्स

इसे भी पढ़े- Patna News : 'विधानसभा अध्यक्ष बनते बनते रह गए थे'..उन पर लिखी पुस्तक 'बुलंद आवाज' का विमोचन

पटना: राजधानी पटना में बने AIIMS में हर दिन हजारों मरीज इलाज करवाने आते है. ऐसे में बाहर से आए मरीजों और उनके परिजनों के रहने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आसपास में मौजूदा होटलों में रेट इतना हाई रहता कि परिजन वहां रह नहीं सकते. ऐसे में इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने 7 करोड़ 50 लाख की लागत से रैन बसेरा बनाने का जो निर्णय लिया था, उसका मंगलवार को शिलान्यास किया गया.

डे-नाइट शेल्टर का किया शिलान्यास: मिली जानकारी के अनुसार, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एम्स में गरीब मरीजों के परिजन के लिए डे नाइट शेल्टर का रिबन काटकर शिलान्यास किया. इस मौके पर दीघा विधायक संजीव चौरसिया व संस्थान के सीईओ डॉ गोपाल कृष्णा पॉल के साथ एम्स के कई डॉक्टर मौजूद थे. पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक जी.के.पाल ने सुशील कुमार मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपचार का लाभ उठाने के लिए महानगरों का रुख न करना पड़े.

मरीजों को मिलेगी राहत: बताया जा रहा कि एमपीएलएडी योजना के तहत एक डे-नाइट शेल्टर का शिलान्यास किया गया है. मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी, पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रोफेसर (डॉ) गोपाल कृष्ण पाल और दीघा विधायक संजीव चौरसिया समेत कई लोग मौजूद थे. पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक जी.के.पाल ने कहा कि डे-नाइट शेल्टर का निर्माण पूरा हो जाने पर राज्य के दूर-दराज के इलाकों से आने वाले मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

"इस सेवा के जुड़ने से बिहार में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. पड़ोस के राज्यों से भी आए लोगों को इसका फायदा होगा." - सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

"एम्स को इस परियोजना को पूरा करने में केवल 6 से 8 महीने लगेंगे, जो ग्रामीण लोगों के लिए समय पर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा लाने के प्रयास में एक और मील का पत्थर साबित होगा. डे-नाइट शेल्टर में एक कैफेटेरिया भी होगा. जहां मरीजों और उनके परिजनों को भोजन की सुविधा प्रदान की जाएगी." - डॉ गोपाल कृष्ण, कार्यकारी निदेशक, पटना एम्स

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