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मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियां ठीक करने के लिए हाई कोर्ट ने गठित की कमेटी, ये जिम्मेदारी मिली

MP Nursing Colleges Scam : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अमानक पाये गये नर्सिंग कॉलेजों की खामियां दूर करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. ये कमेटी संबंधित कॉलेजों को निर्धारित समय प्रदान करेगी. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इन कॉलेजों की मान्यता पर निर्णय लिया जाएगा.

MP Nursing Colleges Scam
मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियां, गठित की कमेटी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 20, 2024, 7:44 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट जबलपुर में चल रही है. सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को सही माना था. इसके अलावा 74 कॉलेजों में मानकों की कमी तथा 65 कॉलेजों को अपात्र पाया था. अब हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस एके पालीवाल ने कॉलेजों में गड़बड़ियां दूर करने के लिए कमेटी का गठन किया है. हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है.

सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई

गौरतलब है कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से प्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को संचालन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए थे. सीबीआई की तरफ से 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में पेश की गयी थी. युगलपीठ ने आदेश में अपात्र पाए गए कॉलेजों को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया. इन कॉलेजों के छात्रों को किसी अन्य कॉलेजों में समायोजित नहीं किया जायेगा.

खामियां दूर करने के लिए कॉलेजों को मिलेगा समय

युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि कमेटी सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर मानक पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों को खामियां दूर करने समय प्रदान करेंगी. निर्धारित समय अवधि के बाद कॉलेजों की रिपोर्ट व राज्य सरकार को सौंपी जायेगी. रिपोर्ट के आधार पर खामियां दूर नहीं करने वाले कॉलेजों पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी. युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि कमेटी मान्यता प्रणाली और संबंधित नियम को मजबूत करने तथा संस्थानों में सुधार के संबंध में अपने सुझाव दे सकते हैं.

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अब अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी

कमेटी में पूर्व आईएएस अधिकारी आरएस जुलानिया तथा इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रकाश मणि त्रिपाठी को सदस्य बनाया गया है. युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि शेष कॉलेजों की जांच सीबीआई तीन माह में पूरी कर जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे. याचिका पर अगली सुनवाई 22 फरवरी को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की.

जबलपुर। मध्यप्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट जबलपुर में चल रही है. सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को सही माना था. इसके अलावा 74 कॉलेजों में मानकों की कमी तथा 65 कॉलेजों को अपात्र पाया था. अब हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस एके पालीवाल ने कॉलेजों में गड़बड़ियां दूर करने के लिए कमेटी का गठन किया है. हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है.

सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई

गौरतलब है कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से प्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को संचालन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए थे. सीबीआई की तरफ से 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में पेश की गयी थी. युगलपीठ ने आदेश में अपात्र पाए गए कॉलेजों को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया. इन कॉलेजों के छात्रों को किसी अन्य कॉलेजों में समायोजित नहीं किया जायेगा.

खामियां दूर करने के लिए कॉलेजों को मिलेगा समय

युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि कमेटी सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर मानक पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों को खामियां दूर करने समय प्रदान करेंगी. निर्धारित समय अवधि के बाद कॉलेजों की रिपोर्ट व राज्य सरकार को सौंपी जायेगी. रिपोर्ट के आधार पर खामियां दूर नहीं करने वाले कॉलेजों पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी. युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि कमेटी मान्यता प्रणाली और संबंधित नियम को मजबूत करने तथा संस्थानों में सुधार के संबंध में अपने सुझाव दे सकते हैं.

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अब अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी

कमेटी में पूर्व आईएएस अधिकारी आरएस जुलानिया तथा इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रकाश मणि त्रिपाठी को सदस्य बनाया गया है. युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि शेष कॉलेजों की जांच सीबीआई तीन माह में पूरी कर जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे. याचिका पर अगली सुनवाई 22 फरवरी को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की.

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