भोपाल। एमपी में भोपाल और इंदौर मेट्रो शहर बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं. जल्द ही यात्रियों को मेट्रो में सफर करने का आनंद मिलेगा. अधिकारियों की मानें तो सितंबर 2024 से भोपाल और इंदौर में मेट्रो का कामर्शियल रन शुरु कर दिया जाएगा. इसमें खास बात यह है कि शुरुआती एक महीने तक यात्रियों को जॉय राइडिंग का मौका मिलेगा. यानि कि यात्रियों को मेट्रो में सफर करने के लिए किराया नहीं चुकाना पड़ेगा.
सुभाष नगर से एम्स के बीच होगी निशुल्क यात्रा
भोपाल में पहले चरण में एम्स से सुभाष नगर तक करीब सात किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर में मेट्रो का संचालन किया जाएगा. इसमें ट्रैक बिछाने समेत अन्य सिविल वर्क को 95 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. अधिकारियों का दावा है कि बचा हुआ काम भी अगस्त 2024 से पहले पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद सितंबर से इस मार्ग में मेट्रो का संचालन शुरु होगा. शुरुआती एक महीने तक एम्स से सुभाष नगर तक यात्रा करने के लिए यात्रियों को किराया नहीं चुकाना होगा.
सेफ्टी ऑडिट के बाद शुरु होगा कामर्शियल रन
एमपी मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि अभी सुभाष नगर डिपो से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक करीब पांच किलोमीटर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है. इसके बीच 5 मेट्रो स्टेशन भी बनकर तैयार हैं. अभी यहां मेट्रो का सेफ्टी ट्रायल किया जा रहा है. इसके बाद सुभाष नगर से एम्स तक का कॉरिडोर तैयार होने के बाद दिल्ली से केंद्रीय मेट्रो रेल के सुरक्षा आयुक्त इस मार्ग की संरक्षा को परखेंगे. उनके संतुष्ट होने के बाद मेट्रो के कामर्शियल रन की अनुमति दी जाएगी.
दिव्यांगों के लिए मेट्रो में रहेंगे ये खास सुविधाएं
भोपाल और इंदौर मेट्रो में दिव्यांगों के लिए खास सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा, जिससे उनकी यात्रा आसान हो सके. इसके लिए मेट्रो स्टेशन, लिफ्ट और टिकट काउंटर पर दिव्यांगों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाएगा. यहां दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि का इस्तेमाल भी किया जाएगा. सीढ़ियों के साथ दिव्यांगों के लिए अलग से साइड रेलिंग और नीचे चलने के लिए विशेष प्रकार की टाइल्स लगाई जाएगी. जिससे दिव्यांग बिना किसी सहयोगी के मेट्रो रेल से आवागमन कर सकेंगे.
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मेट्रो के ब्रेक लगाने से पैदा होगी बिजली
भोपाल मेट्रो थर्ड रेल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम से संचालित होगी. इसके लिए ट्रैक पर खास तरह का इन्वर्टर लगाया जाएगा. जो मेट्रो रेल के संचालन में ब्रेक से निकलने वाली ऊर्जा को वापस ग्रिड में भेज देगा. देश में थर्ड रेल डीसी सिस्टम से बेंगलुरु, कोच्चि, अहमदाबाद, कोलकाता और गुड़गांव रैपिड मेट्रो में ब्रेकिंग से पैदा होने वाला डीसी करंट पूरी तरह बेकार हो जाता है, लेकिन भोपाल व इंदौर मेट्रो में इसका पूरी तरह उपयोग होगा. जिससे परिचालन के खर्च में कमी आएगी.
इनका कहना
मेट्रो का कामर्शियल रन शुरु होने के बाद यात्रियों को जॉय राइड का मौका दिया जाएगा. जिससे वो निशुल्क यात्रा कर मेट्रो के सफर के बारे में समझ सकेंगे.
शोभित टंडन, डायरेक्टर सिस्टम, एमपी मेट्रो