रतलाम/छिंदवाड़ा। सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश में फिर धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की कार्यवाही की गई है. रतलाम शहर में कुल 6 स्थान पर प्रशासन की टीम ने कार्यवाही करते हुए लाउडस्पीकर उतरवाए हैं. इन धार्मिक स्थलों पर निर्धारित क्षमता से अधिक तीव्रता के लाउडस्पीकर लगाए गए थे. रतलाम के रहमत नगर, मिल्लत नगर, जावरा रोड और सैलाना यार्ड स्थित मस्जिद से दो-दो लाउडस्पीकर उतरवाऐ गए हैं. वहीं, गुरुद्वारे पर भी लगे अतिरिक्त लाउडस्पीकर को उतरवाया गया है.
रतलाम में हटाए लाउडस्पीकर
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शपथ लेते ही दो निर्देश तत्काल प्रभाव से दिए थे. अवैध मांस की दुकानों को बंद करने, खुले में मांस मछली आदि की दुकान संचालित नहीं करने और धार्मिक स्थलों पर अत्यधिक शोर वाले लाउडस्पीकर हटवाने का निर्देश शामिल है. इस कार्यवाही के दौरान तब स्थानीय प्रशासन ने 600 से अधिक धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए थे. इसके बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव निर्देश पर त्वरित कर्यवाही देखने को मिली है. दरअसल प्रशासनिक अधिकारियों से समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एक बार फिर लाउडस्पीकर को लेकर निर्देश जारी किए हैं. जिसका असर भी देखने को मिला और रतलाम सहित छिंदवाड़ा में भी प्रशासनिक अधिकारियों ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाए हैं.
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मस्जिद और मंदिरों से हटाए लाउडस्पीकर, दी हिदायत
इधर, छिंदवाड़ा जिला प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल ने मस्जिदों और मंदिर में लगे एक से अधिक लाउड स्पीकर निकलवा दिए हैं. उन्होंने सख्त आदेश दिए है कि मंदिरों और मस्जिदों में एक लाउडस्पीकर रहेगा. सभी लाउडस्पीकर की आवाज 65 डेसीबल रहेगी. शनिवार को तहसीलदार धर्मेन्द्र चौकसे, एसआई मयंक उइके पुलिस बल के साथ निकले. उन्होंने नगर पालिका निगम के शंकर मंदिर और जामा मस्जिद सहित अन्य मंदिरों और मस्जिदों में लगे दो लाउडस्पीकर में से एक निकलवाया दिए हैं. वहीं, मंदिर और मस्जिद समितियों को स्पष्ट निर्देशित किया है कि एक से अधिक लाउडस्पीकर रहेंगे तो कार्रवाई की जाएगी.
तेज ध्वनि पर्यावरण के लिए नुकसानदायक
इस मामले में तहसीलदार धर्मेन्द्र चौकसे ने बताया कि ''यह मुख्यमंत्री के आदेश है, किसी भी मंदिर और मस्जिद में एक से अधिक लाउड स्पीकर नहीं रहेंगे. इस निर्णय के बाद यह कार्रवाई की जा रही है, और जो भी लाउडस्पीकर लगाया जाएगा उसकी विधिवत परमिशन लेनी होगी.'' बता दें कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कोर्ट ने भी लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के निर्देश दिए थे. ऐसे में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया. पहले तो सभी धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों को बुलाकर समझाइए दी गई, इसके बाद कई धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों ने अपने-अपने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की संख्या स्वयं ही कम कर दी, और उसकी आवाज भी निर्धारित मापदंड के हिसाब से तय कर दी थी.