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जल जीवन मिशन को लेकर विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस ने कहा- प्रदेश भर में हुई गड़बड़ी की हो जांच

MP Jal Jeevan Mission Flaws: विधानसभा में बुधवार को जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों को लेकर कांग्रेस ने सवाल पूछा और सरकार से प्रदेश भर में इसकी जांच कराने की मांग की. लेकिन, सरकार जांच के लिए तैयार नहीं हुई, इस पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

MP Jal Jeevan Mission Flaws
जल जीवन मिशन को लेकर विधानसभा में हंगामा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 14, 2024, 7:59 PM IST

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन को लेकर मध्य प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम की इस योजना के कामों में प्रदेश भर में जमकर गड़बड़ी हुई है. जल जीवन मिशन को लेकर प्रश्नकाल के दौरान अलग-अलग 19 सवाल लगाए गए थे. इसको लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने प्रदेश स्तर पर जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में प्रदेश भर में गड़बड़ी हुई है. सरकार प्रदेश स्तर पर जांच कराने को तैयार नहीं हुई, ऐसे में विरोध स्वरूप विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. कांग्रेस विधायकों ने सदन में और बाहर जमकर नारेबाजी की.

कांग्रेस ने जल जीवन मिशन के काम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने सवाल पूछा कि ग्वालियर जिले के डबरा के गांव में पानी की टंकी बनी लेकिन, इससे पानी सप्लाई आज तक नहीं हो सकी. कांग्रेस विधायक सोहन लाल बाल्मीकि, दिनेश जैन ने भी अपने विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के काम में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने कहा कि जल जीवन मिशन में प्रदेश भर में गड़बड़ी हुई है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इसकी प्रदेश स्तर पर जांच करने की मांग की. कांग्रेस के सीनियर विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि "बीजेपी बड़े गर्व से कहती है कि मोदी जी ने इतने घरों में पानी पहुंचा दिया, लेकिन जमीन पर एक भी नल जल योजना नहीं है. घरों में पानी नहीं पहुंच रहा सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले."

सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वॉकआउट

मंत्री पहलाद पटेल ने कहा कि सरकार की संवेदनशीलता पर प्रश्न न उठाएं. केंद्र से इस योजना में इतना पैसा आया है कि यहां इतना मैनपावर ही नहीं है. गुणवत्ता को लेकर केंद्र और राज्य दोनों सरकार गम्भीर हैं, सभी को पलीता ना लगायें. यदि कोई स्पेसिफिक काम हो तो उसको उठाएं. उधर, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम मामले में जांच करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. विधानसभा की कार्रवाई नियम कायदे से चलेगी. जरूरी हुआ तो इन मामलों की जांच भी सरकार कराने को तैयार है, लेकिन इसके आधार पर पूरे प्रदेश में जांच कराना ठीक नहीं है. सरकार द्वारा जांच न कराए जाने के विरोध में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन को लेकर मध्य प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम की इस योजना के कामों में प्रदेश भर में जमकर गड़बड़ी हुई है. जल जीवन मिशन को लेकर प्रश्नकाल के दौरान अलग-अलग 19 सवाल लगाए गए थे. इसको लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने प्रदेश स्तर पर जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में प्रदेश भर में गड़बड़ी हुई है. सरकार प्रदेश स्तर पर जांच कराने को तैयार नहीं हुई, ऐसे में विरोध स्वरूप विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. कांग्रेस विधायकों ने सदन में और बाहर जमकर नारेबाजी की.

कांग्रेस ने जल जीवन मिशन के काम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने सवाल पूछा कि ग्वालियर जिले के डबरा के गांव में पानी की टंकी बनी लेकिन, इससे पानी सप्लाई आज तक नहीं हो सकी. कांग्रेस विधायक सोहन लाल बाल्मीकि, दिनेश जैन ने भी अपने विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के काम में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने कहा कि जल जीवन मिशन में प्रदेश भर में गड़बड़ी हुई है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इसकी प्रदेश स्तर पर जांच करने की मांग की. कांग्रेस के सीनियर विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि "बीजेपी बड़े गर्व से कहती है कि मोदी जी ने इतने घरों में पानी पहुंचा दिया, लेकिन जमीन पर एक भी नल जल योजना नहीं है. घरों में पानी नहीं पहुंच रहा सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले."

सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वॉकआउट

मंत्री पहलाद पटेल ने कहा कि सरकार की संवेदनशीलता पर प्रश्न न उठाएं. केंद्र से इस योजना में इतना पैसा आया है कि यहां इतना मैनपावर ही नहीं है. गुणवत्ता को लेकर केंद्र और राज्य दोनों सरकार गम्भीर हैं, सभी को पलीता ना लगायें. यदि कोई स्पेसिफिक काम हो तो उसको उठाएं. उधर, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम मामले में जांच करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. विधानसभा की कार्रवाई नियम कायदे से चलेगी. जरूरी हुआ तो इन मामलों की जांच भी सरकार कराने को तैयार है, लेकिन इसके आधार पर पूरे प्रदेश में जांच कराना ठीक नहीं है. सरकार द्वारा जांच न कराए जाने के विरोध में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

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