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भाई ने दिया दगा, MP हाईकोर्ट ने वृद्ध दंपती को दी राहत, बुरहानपुर जिला अदालत की सजा पर लगाई रोक - एमपी हाईकोर्ट

MP High Court : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुये अंतरिम आदेश के जरिये वृद्ध दंपति के विरुद्ध अधीनस्थ अदालत में विचाराधीन तीन मुकदमों में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

MP High Court
एमपी हाईकोर्ट ने वृद्ध दंपती को दी राहत
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 6, 2024, 9:54 AM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर के जस्टिस राजमोहन सिंह की एकलपीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य शासन, गृह सचिव, डीजीपी, एसपी, कलेक्टर बुरहानपुर सहित निजी पक्षकार पीयूष पिता संजय पाटनी, महेंद्र गांधी, कुमुद पत्नी संतोष पाटनी संजय कुमार पिता सुखानंद को भी नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए निर्देशित किया है.

भाई ने व्यापार से बेदखल किया, मकान हड़पा

याचिका में कहा गया है कि कि जम्बू पाटनी के पिता सुखानंद ने 1977 से यार्न का व्यापार शुरू किया था. पिता की मृत्यु के बाद भाई संतोष पाटनी ने व्यापार से बेदखल कर व्यापार और करोड़ों की संपत्ति हड़प ली. यहां तक कि पिता द्वारा उसके नाम से खरीदे गए मकान, जिसमें वह रहता था, उससे भी बेदखल कर दिया. उनके विरुद्ध घर में घुसकर मारपीट करने की तीन एफआईआर दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया. मकान से बेदखल करने के बाद भाई ने उनके दस्तावेज व गृहस्थी को नष्ट कर घर में ताला डाल दिया.

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संतान के रहते रिश्तेदारों पर भरण-पोषण का दावा नहीं किया जा सकता, याचिका खारिज

याचिकाकर्ताओं ने अपना पक्ष स्वयं रखा

हाईकोर्ट में बताया गया कि न्यायालय से भी उन्हें विधिक सहायता नहीं मिली. जमानत पर रिहा होने के बाद दस्तावेज एकत्र कर ये याचिका दायर की गई है. एकलपीठ ने अधिवक्ता रविन्द्र गुप्ता को कोर्ट मित्र नियुक्ति करते हुए उक्त आदेश जारी किए. याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने अपना पक्ष स्वयं रखा. 4 सप्ताह बाद जवाब मिलने के बाद इस मामले में हाईकोर्ट फिर सुनवाई करेगा.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर के जस्टिस राजमोहन सिंह की एकलपीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य शासन, गृह सचिव, डीजीपी, एसपी, कलेक्टर बुरहानपुर सहित निजी पक्षकार पीयूष पिता संजय पाटनी, महेंद्र गांधी, कुमुद पत्नी संतोष पाटनी संजय कुमार पिता सुखानंद को भी नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए निर्देशित किया है.

भाई ने व्यापार से बेदखल किया, मकान हड़पा

याचिका में कहा गया है कि कि जम्बू पाटनी के पिता सुखानंद ने 1977 से यार्न का व्यापार शुरू किया था. पिता की मृत्यु के बाद भाई संतोष पाटनी ने व्यापार से बेदखल कर व्यापार और करोड़ों की संपत्ति हड़प ली. यहां तक कि पिता द्वारा उसके नाम से खरीदे गए मकान, जिसमें वह रहता था, उससे भी बेदखल कर दिया. उनके विरुद्ध घर में घुसकर मारपीट करने की तीन एफआईआर दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया. मकान से बेदखल करने के बाद भाई ने उनके दस्तावेज व गृहस्थी को नष्ट कर घर में ताला डाल दिया.

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याचिकाकर्ताओं ने अपना पक्ष स्वयं रखा

हाईकोर्ट में बताया गया कि न्यायालय से भी उन्हें विधिक सहायता नहीं मिली. जमानत पर रिहा होने के बाद दस्तावेज एकत्र कर ये याचिका दायर की गई है. एकलपीठ ने अधिवक्ता रविन्द्र गुप्ता को कोर्ट मित्र नियुक्ति करते हुए उक्त आदेश जारी किए. याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने अपना पक्ष स्वयं रखा. 4 सप्ताह बाद जवाब मिलने के बाद इस मामले में हाईकोर्ट फिर सुनवाई करेगा.

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