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एमपी हाईकोर्ट ने दी नाबालिग के 28 सप्ताह के गर्भ को अबॉर्शन करवाने की अनुमति - permission to minor abortion

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल की दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को 28 सप्ताह के गर्भ को गर्भपात करवाने की अनुमति दे दी है. इससे पहले एकलपीठ ने गर्भपात की अनुमति नहीं दी थी.

MP High Court
नाबालिग को 28 सप्ताह के गर्भ को गर्भपात करवाने की अनुमति (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 10, 2024, 1:45 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कहना है कि दुष्कर्म के बाद यदि लड़की बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती तो उसके स्वास्थ्य और उसके भविष्य को देखते हुए ऐसी अनुमति दी जा सकती है. गौरतलब है कि भोपाल की 17 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ था. उसके बाद वह गर्भवती हो गई. लेकिन वह इस बच्चे को पालने को तैयार नहीं थी. इसलिए उसने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से गर्भपात कराने की अनुमति मांगी.

एकलपीठ ने अनुमति देने से किया था इंकार

लड़की के गर्भ में पलता हुआ बच्चा बड़ा होता जा रहा था और अब लड़की का गर्भ लगभग 28 सप्ताह का हो चुका है. लड़की को जब एकलपीठ से अनुमति नहीं मिली तो उसने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुमति मांगी. लड़की की ओर से पैरवी कर रही एडवोकेट प्रियंका तिवारी ने कहा "लड़की की उम्र अभी बहुत कम है. ऐसी स्थिति में यदि वह बच्चे को जन्म देती है तो उसके जीवन के लिए ठीक नहीं है. वहीं बच्चे के जन्म के बाद परिस्थितियों और खराब हो जाएंगी, क्योंकि फिर बच्चे का पालन पोषण कौन करेगा. इसलिए उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए."

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मुख्य न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को समझा

सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की पीठ ने लड़की को गर्भपात की अनुमति दे दी. दरअसल, 24 सप्ताह से ज्यादा के ऊपर के गर्भ को गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती और इस मामले में गर्भावस्था 28 सप्ताह की हो गई है. लेकिन चीफ जस्टिस ने अपने आदेश में लिखा "यदि लड़की खुद इस बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती तो ऐसी स्थिति में उसे गर्भपात की अनुमति दी जा सकती है और राज्य सरकार उसे सुविधा मुहैया करवाएगी."

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कहना है कि दुष्कर्म के बाद यदि लड़की बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती तो उसके स्वास्थ्य और उसके भविष्य को देखते हुए ऐसी अनुमति दी जा सकती है. गौरतलब है कि भोपाल की 17 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ था. उसके बाद वह गर्भवती हो गई. लेकिन वह इस बच्चे को पालने को तैयार नहीं थी. इसलिए उसने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से गर्भपात कराने की अनुमति मांगी.

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लड़की के गर्भ में पलता हुआ बच्चा बड़ा होता जा रहा था और अब लड़की का गर्भ लगभग 28 सप्ताह का हो चुका है. लड़की को जब एकलपीठ से अनुमति नहीं मिली तो उसने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुमति मांगी. लड़की की ओर से पैरवी कर रही एडवोकेट प्रियंका तिवारी ने कहा "लड़की की उम्र अभी बहुत कम है. ऐसी स्थिति में यदि वह बच्चे को जन्म देती है तो उसके जीवन के लिए ठीक नहीं है. वहीं बच्चे के जन्म के बाद परिस्थितियों और खराब हो जाएंगी, क्योंकि फिर बच्चे का पालन पोषण कौन करेगा. इसलिए उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए."

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