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मध्यप्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन नहीं होने पर हाई कोर्ट नाराज, 'कार्ययोजना की रिपोर्ट दो दिन में पेश करें'

MP high court motor vehicle act : मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर में मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित करने के बारे में सुनवाई चल रही है. हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सरकार के नुमाइंदों से कहा कि आप लोग नियमों का पालन कराने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं.

mp high court order
मध्यप्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन नहीं होने पर हाई कोर्ट नाराज
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 10:14 AM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने के मामले में याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट में कई दिनों से चल रही है. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में तैयार की गयी रणनीति के संबंध में ब्यौरा पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. कोर्ट ने इसके लिए 2 दिन का समय दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एक्ट का परिपालन सुनिश्चित करने में लगातार लापरवाही हो रही है. इसके बाद युगलपीठ ने अधिवक्ता दिनेष उपाध्याय को कोर्ट मित्र नियुक्ति करने के आदेश जारी किये.

ग्वालियर खंडपीठ से जबलपुर ट्रांसफर हुई याचिका

गौरतलब है कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर ये याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गयी थी. याचिका में कहा गया है कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सुप्रीम कोर्ट के साथ ही हाई कोर्ट ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं.

कोर्ट ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी

याचिका में कहा गया कि मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. इसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे. आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी.

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सरकार के आग्रह पर कोर्ट ने 2 दिन का समय दिया

इसके बाद निर्धारित समय सीमा में आदेश का परिपालन नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में शोकॉज नोटिस जारी किये थे. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि गत दिवस मुख्य सचिव ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में मोटर व्हीकल एक्ट के सख्ती से लागू किये जाने के संबंध में कार्ययोजना बनाई गयी है. सरकार ने कार्ययोजना के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. युगलपीठ ने रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का समय प्रदान किया.

जबलपुर। मध्यप्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने के मामले में याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट में कई दिनों से चल रही है. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में तैयार की गयी रणनीति के संबंध में ब्यौरा पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. कोर्ट ने इसके लिए 2 दिन का समय दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एक्ट का परिपालन सुनिश्चित करने में लगातार लापरवाही हो रही है. इसके बाद युगलपीठ ने अधिवक्ता दिनेष उपाध्याय को कोर्ट मित्र नियुक्ति करने के आदेश जारी किये.

ग्वालियर खंडपीठ से जबलपुर ट्रांसफर हुई याचिका

गौरतलब है कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर ये याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गयी थी. याचिका में कहा गया है कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सुप्रीम कोर्ट के साथ ही हाई कोर्ट ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं.

कोर्ट ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी

याचिका में कहा गया कि मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. इसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे. आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी.

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इसके बाद निर्धारित समय सीमा में आदेश का परिपालन नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में शोकॉज नोटिस जारी किये थे. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि गत दिवस मुख्य सचिव ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में मोटर व्हीकल एक्ट के सख्ती से लागू किये जाने के संबंध में कार्ययोजना बनाई गयी है. सरकार ने कार्ययोजना के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. युगलपीठ ने रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का समय प्रदान किया.

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