जबलपुर। कई अवसर दिये जाने के बावजूद जवाब पेश नहीं करने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर सहित आठ अधिकारियों का दस-दस हजार रुपये की कॉस्ट लगाई है. इससे प्रशासन में हड़कंप मचा है.
सरकारी जमीन पर निर्माण का मामला : याचिकाकर्ता मधुकर चतुर्वेदी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि अनूपपुर में माहेश्वरी बिल्डर द्वारा विवेकानंद स्मार्ट सिटी का निर्माण किया जा रहा है. बिल्डर द्वारा सरकारी जमीन पर निर्माण कर उसे बेच रहा है. इस संबंध में शिकायत पर जांच की गयी. परंतु बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 13 फरवरी 2023 को नोटिस जारी कर अनावेदकों से जवाब मांगा था. सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया.
ALSO READ: |
व्यक्तिगत रूप से जमा करें जुर्माना : युगलपीठ ने सभी अनावेदकों पर दस-दस हजार रुपये की कॉस्ट लगाते हुए कहा है कि नोटिस जारी होने के बाद जवाब पेश करने दो बार चार-चार सप्ताह का समय प्रदान किया गया था. इसके बावजूद भी सरकारी अधिवक्ता समय प्रदान करने समय मांग रहे हैं. युगलपीठ ने कॉस्ट की राशि व्यक्तिगत तौर पर एक सप्ताह में रजिस्ट्री में जमा कराने के निर्देश जारी किये हैं. न्यायालय ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर, एसडीएम अनूपपुर, नगर पालिका के सीएमओ , चेयरमेल रेरा, तहसीलदार तथा असिस्टेंट डायरेक्टर टीएनपीसी पर कॉस्ट लगाई है.