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अधिवक्ताओं की हड़ताल पर हाईकोर्ट सख्त, इंदौर व ग्वालियर बार एससोसिएशन को नोटिस जारी - एमपी वकीलों की हड़ताल

MP High Court notice Bar Association : मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में वकीलों की हड़ताल को लेकर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इंदौर तथा ग्वालियर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किए हैं.

MP High Court notice Bar Association
इंदौर व ग्वालियर बार एससोसिएशन को नोटिस जारी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 3:14 PM IST

जबलपुर। वकीलों की हड़ताल को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने बार काउंसिल आफ इंडिया को निर्देशित किया है कि कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट पेश करें. याचिका पर अगली सुनवाई 27 फरवरी को निर्धारित की गयी है. गौरतलब है कि मार्च 2023 में अधिवक्ता प्रदेश व्यापी हड़ताल पर चले गये थे. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करते हुए अधिवक्ताओं को तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिये. हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय तथा हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पारित आदेश को हवाला देते हुए कहा है कि अधिवक्ता काम पर नहीं लौटते हैं तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जायेगा.

कोर्ट ने अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना की चेतावनी दी थी

कोर्ट ने ये भी कहा था कि आदेश का पालन नहीं करने वालों अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जायेगी. हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि आदेश की प्रति के साथ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश भर के जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को नोटिस जारी करें. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि 25 प्रकरणों के निराकरण का आदेश तीन माह के लिए स्थगित कर दिया गया था.

काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने हड़ताल वापस लेने को कहा था

इस मामले में काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने भी 23 मार्च को स्टेट बार के चेयरमैन को पत्र लिखकर तत्काल हड़ताल वापस लेने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन भी नहीं किया गया. हाई कोर्ट ने निर्देशित किया था कि आदेश के बावजूद पैरवी के लिए उपस्थित नहीं होने वाले अधिवक्ताओं के संबंध में जानकारी प्राप्त कर न्यायालय को अवगत कराएं. याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देशित किया था कि आदेश के बावजूद भी काम पर नहीं लौटने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर न्यायालय को अवगत करवाएं.

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कोर्ट में उपस्थित होने वाले वकीलों के नाम सत्यापित करें

बुधवार को याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि राज्य अधिवक्ता परिषद के अधिवक्ता ने यह स्वीकार किया है कि इंदौर, ग्वालियर तथा जबलपुर बार एसोसिएशन तथा मध्यप्रदेश एडवोकेट एसोसिएशन अगल-अलग संस्था हैं. जबलपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन तथा मध्यप्रदेश एडवोकेट एसोसिएशन की तरफ से अलग-अलग हलफनामा दायर किए गए. युगलपीठ ने इंदौर तथा ग्वालियर बार एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए निर्देशित किया है कि उपस्थित होने वाले अधिवक्ताओं के नाम सत्यापित करें.

जबलपुर। वकीलों की हड़ताल को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने बार काउंसिल आफ इंडिया को निर्देशित किया है कि कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट पेश करें. याचिका पर अगली सुनवाई 27 फरवरी को निर्धारित की गयी है. गौरतलब है कि मार्च 2023 में अधिवक्ता प्रदेश व्यापी हड़ताल पर चले गये थे. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करते हुए अधिवक्ताओं को तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिये. हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय तथा हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पारित आदेश को हवाला देते हुए कहा है कि अधिवक्ता काम पर नहीं लौटते हैं तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जायेगा.

कोर्ट ने अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना की चेतावनी दी थी

कोर्ट ने ये भी कहा था कि आदेश का पालन नहीं करने वालों अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जायेगी. हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि आदेश की प्रति के साथ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश भर के जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को नोटिस जारी करें. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि 25 प्रकरणों के निराकरण का आदेश तीन माह के लिए स्थगित कर दिया गया था.

काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने हड़ताल वापस लेने को कहा था

इस मामले में काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने भी 23 मार्च को स्टेट बार के चेयरमैन को पत्र लिखकर तत्काल हड़ताल वापस लेने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन भी नहीं किया गया. हाई कोर्ट ने निर्देशित किया था कि आदेश के बावजूद पैरवी के लिए उपस्थित नहीं होने वाले अधिवक्ताओं के संबंध में जानकारी प्राप्त कर न्यायालय को अवगत कराएं. याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देशित किया था कि आदेश के बावजूद भी काम पर नहीं लौटने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर न्यायालय को अवगत करवाएं.

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बुधवार को याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि राज्य अधिवक्ता परिषद के अधिवक्ता ने यह स्वीकार किया है कि इंदौर, ग्वालियर तथा जबलपुर बार एसोसिएशन तथा मध्यप्रदेश एडवोकेट एसोसिएशन अगल-अलग संस्था हैं. जबलपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन तथा मध्यप्रदेश एडवोकेट एसोसिएशन की तरफ से अलग-अलग हलफनामा दायर किए गए. युगलपीठ ने इंदौर तथा ग्वालियर बार एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए निर्देशित किया है कि उपस्थित होने वाले अधिवक्ताओं के नाम सत्यापित करें.

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