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अवैध घर भरेंगे मोहन यादव सरकार का खजाना, मकान मालिक करें यह काम वर्ना भुगतेंगे अंजाम - MP Govt Search Illegal Houses

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

मध्य प्रदेश में अवैध मकानों को लेकर मोहन यादव सरकार सख्त दिखाई दे रही है. अब प्रदेश में सरकारी जमीन पर बने और बिना परमिशन के मकानों को सरकार खोजेगी और मकान मालिकों से तगड़ा टैक्स वसूल किया जाएगा.

MP Govt Search Illegal Houses
मध्य प्रदेश में अब नहीं छुपा सकेंगे अवैध मकान (ETV Bharat Graphics)

भोपाल: यदि आपने अवैध मकान बनाया है, जो सरकारी जमीन पर बना है या उसकी बिल्डिंग की परमिशन नहीं ली है. लेकिन आप इस संपत्ति को छिपाना चाह रहे हैं, तो अब ऐसा नहीं हो पाएगा. दरअसल सरकार अब ऐसे अवैध मकानों को ढ़ूंढने जा रही है. पहले ऐसे भवनों को चिंहित किया जाएगा, इसके बाद उनसे भवन अनुज्ञा शुल्क और पेनाल्टी जमा कराई जाएगी. इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.

भवन एवं संनिर्माण मंडल तक पहुंचेगी अवैध मकानों की सूची
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रापर्टी टैक्स पोर्टल में इस प्रकार प्रावधान किया जाएगा, जिससे एक नवंबर 2024 को या इसके बाद बनने वाले मकान यदि बिना परमिशन के बने हैं. तो इनकी जानकारी सीधे जिले के भवन एवं संनिर्माण कल्याण मंडल का जिले में पदस्थ उपकर निर्धारण अधिकारी के पास पहुंचेगी. इसके बाद भवन मालिक से बिल्डिंग परमिशन और भवन संनिर्माण मंडल का टैक्स वसूलने के लिए नोटिस भेजा जाएगा. इसमें पेनाल्टी भी लगाई जाएगी. नगरीय विकास एवं आवास विभाग उन भवनों से भी उपकर की राशि वसूलेगी, जो एक नवंबर 2024 से पहले बन चुके हैं. इसको लेकर कार्य योजना तैयार की जा रही है.

भवन संनिर्माण मंडल के पास पहुंचेगी उपकर की राशि
नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने बताया कि, ''अभी बिल्डिंग परमिशन लेते समय भवन अनुज्ञा शुल्क के साथ कर्मकार मंडल का एक प्रतिशत उपकर भी वसूला जाता है. नई व्यवस्था में अब बिल्डिंग परमिशन की राशि जमा होते ही कर्मकार की फीस भवन संनिर्माण मंडल के खाते में पहुंचेगी. अब तक नगरीय विकास विभाग द्वारा यह राशि भवन संनिर्माण मंडल के खाते में भेजी जाती थी. एबीपीएएस पोर्टल पर एमपी भवन संनिर्माण मंडल के लिए मास्टर यूजर लागिन बनाया जाएगा. जिससे मंडल द्वारा प्रत्येक कार्य हेतु जारी होने वाली अनुमति, उससे कटौती होने वाली उपकर राशि तथा मंडल को जमा होने वाली उपकर राशि की जानकारी प्राप्त की जा सके.''

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नगर की सीमा से लगी कालोनियों की मानीटरिंग करेंगे एसडीएम
ऐसे ग्राम जो कि नगरीय निकायों की सीमा के पास स्थित है एवं जिनमें आवासीय कॉलोनियों का निर्माण हो रहा है, इसके निर्माण की अनुमति संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) यानि एसडीएम द्वारा प्रदाय की जाती है. ऐसी कॉलोनियों की जानकारी एसडीएम से प्राप्त करने के लिए मंडल द्वारा जानकारी प्रारूप (कॉलोनी का नाम, कुल लागत, कटौती किये गये उपकर की राशि, मंडल को जमा किये गये उपकर की राशि, राशि जमा करने का माध्यम एवं दिनांक इत्यादि) प्रारूप तैयार की एसडीएम को प्रेषित किया जाएगा. एसडीएम से समन्वय कर जानकारी प्राप्त करने की कार्रवाई के लिए समस्त श्रम कार्यालयों को भेजी जाएगी.

भोपाल: यदि आपने अवैध मकान बनाया है, जो सरकारी जमीन पर बना है या उसकी बिल्डिंग की परमिशन नहीं ली है. लेकिन आप इस संपत्ति को छिपाना चाह रहे हैं, तो अब ऐसा नहीं हो पाएगा. दरअसल सरकार अब ऐसे अवैध मकानों को ढ़ूंढने जा रही है. पहले ऐसे भवनों को चिंहित किया जाएगा, इसके बाद उनसे भवन अनुज्ञा शुल्क और पेनाल्टी जमा कराई जाएगी. इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.

भवन एवं संनिर्माण मंडल तक पहुंचेगी अवैध मकानों की सूची
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रापर्टी टैक्स पोर्टल में इस प्रकार प्रावधान किया जाएगा, जिससे एक नवंबर 2024 को या इसके बाद बनने वाले मकान यदि बिना परमिशन के बने हैं. तो इनकी जानकारी सीधे जिले के भवन एवं संनिर्माण कल्याण मंडल का जिले में पदस्थ उपकर निर्धारण अधिकारी के पास पहुंचेगी. इसके बाद भवन मालिक से बिल्डिंग परमिशन और भवन संनिर्माण मंडल का टैक्स वसूलने के लिए नोटिस भेजा जाएगा. इसमें पेनाल्टी भी लगाई जाएगी. नगरीय विकास एवं आवास विभाग उन भवनों से भी उपकर की राशि वसूलेगी, जो एक नवंबर 2024 से पहले बन चुके हैं. इसको लेकर कार्य योजना तैयार की जा रही है.

भवन संनिर्माण मंडल के पास पहुंचेगी उपकर की राशि
नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने बताया कि, ''अभी बिल्डिंग परमिशन लेते समय भवन अनुज्ञा शुल्क के साथ कर्मकार मंडल का एक प्रतिशत उपकर भी वसूला जाता है. नई व्यवस्था में अब बिल्डिंग परमिशन की राशि जमा होते ही कर्मकार की फीस भवन संनिर्माण मंडल के खाते में पहुंचेगी. अब तक नगरीय विकास विभाग द्वारा यह राशि भवन संनिर्माण मंडल के खाते में भेजी जाती थी. एबीपीएएस पोर्टल पर एमपी भवन संनिर्माण मंडल के लिए मास्टर यूजर लागिन बनाया जाएगा. जिससे मंडल द्वारा प्रत्येक कार्य हेतु जारी होने वाली अनुमति, उससे कटौती होने वाली उपकर राशि तथा मंडल को जमा होने वाली उपकर राशि की जानकारी प्राप्त की जा सके.''

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