भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बुधवार को राजधानी के कुशाभाऊ इंटरनेशनल सभागार में सरकारी स्कूलों में टॉप करने वाले 7800 विद्यार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से ई-स्कूटी की चाबी सौंपी. इस दौरान सीएम मोहन यादव ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से बात की. जिसमें सीएम ने पूछा कि भविष्य में आप लोग क्या बनना चाहते हो.
सीएम मोहन यादव ने बताया कि किसी बच्चे ने कहा कि उसे आईएएस बनना है, तो किसी ने कहा कि वो इसरो में वैज्ञानिक बनेगा. किसी ने डॉक्टर तो किसी ने पुलिस विभाग में जाने के बारे में बताया. लेकिन किसी ने नेता और उद्योगपति बनने की बात नहीं कही. मैं सोच रहा था कोई तो बोले कि मैं नेता बनूंगा. लेकिन किसी ने नेता बनने की रुचि नहीं दिखाई.
#WATCH | Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav says, " it is my luck that i got to spend time with students. we had decided to provide free e-scooties to meritorious students. it gives the message that govt always works to take the youth forward..." https://t.co/e02BkA17LW pic.twitter.com/hGM5nh9R3D
— ANI (@ANI) February 5, 2025
नैतिकता के लिए सीएम ने सुनाई बच्चों को कहानी
सीएम मोहन यादव ने कहा कि "मेरिट से काम नहीं चलेगा. उसके साथ नैतिकता भी होनी चाहिए." उन्होंने दो पड़ोसियों की कहानी सुनाते हुए कहा कि "दो पड़ोसी आपस में लड़ गए. उनकी बातचीत भी बंद हो गई. लेकिन जब एक पड़ोसी की बारात दूसरे गांव में जाने वाली थी, तो दूसरा पड़ोसी भी बारात में शामिल हो गया. इस पर लोगों ने कहा कि तुम लोगों की तो आपसी लड़ाई है, फिर भी बारात जा रहे हो तो उसने कहा कि लड़ाई हम दोनों की है, लेकिन किसी तीसरे गांव में जब वह जा रहा है, तो वहां उसको पूरा सम्मान मिलना चाहिए. घर के अंदर कुछ भी चलता रहे, लेकिन बात बाहर नहीं जानी चाहिए. प्रतिभाशाली बच्चों में प्रतिभा के साथ संस्कार भी होना चाहिए."
'जो विपरीत क्रम को तेजी से लागू करे, वही विक्रमादित्य'
सीएम मोहन यादव ने कहा कि "पन्ना धाय ने अपने देश के लिए अपने ही बच्चों की हत्याएं होती देखी. कंस के अत्याचार पर उसे मारने के बाद भगवान कृष्ण ने फिर से महाराज को बैठा दिया. सीएम ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य असंभव को संभव करने वालों में से थे. सुक्रम तो कोई भी कर सकता है लेकिन जो विक्रम यानि विपरीत क्रम में चले वहीं विक्रमादित्य है."
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 5, 2025
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ई स्कूटी के लिए 1.10 लाख और स्कूटी के लिए 90 हजार रुपये
बुधवार को प्रदेश के 7800 प्रतिभावान बच्चों को स्कूटी का प्रतीकात्मक वितरण किया गया है. इनमें बच्चे अपनी इच्छानुसार ई-स्कूटी या पेट्रोल स्कूटी का चयन कर सकते हैं. सरकार ई-स्कूटी खरीदने वाले बच्चों को 1.10 लाख रुपये और स्कूटी खरीदने वाले बच्चों को 90 हजार रुपये देगी. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साल 2023-24 के टॉपर विद्यार्थियों को स्कूटी वितरण में करीब 80 करोड़ रुपये खर्च होंगे. अधिकारियों ने बताया कि साल 2022-23 में 2760 बच्चों को ई-स्कूटी और 5018 बच्चों को स्कूटी प्रदान की गई थी. जिसमें करीब 40.40 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.