भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मियों को डीए मिलने के बाद अब कर्मचारियों ने वेतनमान में संशोधन और अनुकंपा नियुक्ति समेत 10 लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बात नहीं मानी जाने पर कर्मचरी संगठनों ने 1 दिसंबर से सत्याग्रह करने की चेतावनी दी है. इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में कर्मचारी संगठन जन जागरण आंदोलन चलाएंगे.
10 सालों से 10 मांगे पूरी होने का इंतजार
कर्मचारी नेता अशोक पांडे ने बताया कि "बीते 20 सालों से राज्य सरकार अनियमित, अंशकालीन कर्मचारियों और श्रमिकों की उपेक्षा कर रही है. लेकिन बार-बार ज्ञापन देने के बाद भी 10 लंबित मांगों पर सुनवाई नहीं हो पा रही है जिससे सरकारी कर्मचारी सरकार की इन नीतियों के खिलाफ आक्रोशित हैं. इसी तारतम्य में कर्मचारियों ने सरकार को जगाने के लिए राजधानी में सत्याग्रह और जिला स्तर पर आंदोलन चलाने की रणनीति बनाई है."
श्रमिकों को नहीं मिल रहा तय वेतन
पांडे ने बताया कि "मध्य प्रदेश में वर्तमान सूचकांक के आधार पर वेतन नहीं दिया जा रहा है. वहीं स्थाई कर्मियों के वेतन में भी सरकार ने अब तक संशोधन नहीं किया है. दैनिक वेतन भोगियों को सरकार नियमित नहीं कर रही है. अंशकालीन कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर भी वेतन नहीं मिल रहा है." पांडे ने आरोप लगाते हुए कहा कि "सरकार कर्मचारियों का वर्गीकरण कर रही है. इन कर्मचारियों को बीमा, पेंशन और अवकाश और पीएफ सुविधा का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ सत्याग्रह करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है".
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ये हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगे
- अकुशल स्थाईकर्मी का वेतन 10 हजार, अर्द्धकुशल का 12,500 और कुशल का 15 हजार रुपए करें.
- स्थाई कर्मियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दें.
- स्थाई कर्मियों को स्थानांतरण सुविधा का लाभ दें.
- स्थाई कर्मियों को सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु होने पर 10 लाख ग्रेच्युटी दें.
- दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करें.
- अंशकालीन कर्मचारी, वन समिति चौकीदारों, पीटीएस कर्मचारियों का वेतन 10 हजार रुपए प्रतिमाह एवं नियमित करें.
- केंद्र सरकार के श्रमिकों की समान प्रदेश के श्रमिकों का वेतन 20 हजार प्रतिमाह करें.
- प्रदेश के समस्त अनियमित कर्मचारियों एवं श्रमिकों का 50 लाख रुपए का बीमा निःशुल्क कराएं.
- अनियमित कर्मचारी एवं श्रमिकों को पेंशन सुविधा का लाभ दें.
- अनियमित कर्मचारी एवं श्रमिकों को प्रतिवर्ष रविवार सहित 60 दिन का अवकाश वेतन सहित दें.