भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश को एक और सौगात देने जा रही है. अब प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन व एमआरआइ की फैसिलिटी दी जाएगी. इनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर के मेडिकल कॉलेजों शामिल हैं. जिनमें मरीजों की फ्री सीटी स्कैन और एमआरआई जांच होगी. सरकार के मुताबिक जल्द जांच होने की संभावना है. मेडिकल कालेज द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी दे दी है.
अभी पीपीपी से दी जा रही सुविधा
अभी क्या हो रहा है कि निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) से मरीजों को यह सुविधा मिल रही है. जिसके चलते गैर आयुष्मान रोगियों को फीस देना पड़ती है. सरकार की तरफ से अस्पतालों में सीटी स्कैन व एमआरआई की सौगात मिलने से मरीजों पर भार कम हो जाएगा. यह दोनों सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी तो गंभीर मरीजों का उपचार भी आसान हो जाएगा.
छात्रों को मिलेगा सीखने का मौका
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने विद्यार्थियों की क्लीनिकल पढ़ाई को लेकर खुद की सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन लगाने के लिए कहा है. मशीन निजी होने के चलते एमबीबीएस और एमडी-एमएस के छात्रों को सीखने का मौका नहीं मिल पाता है. लेकिन अब सीटी स्कैन और एमआरआई की सुविधा मिल जाने से छात्र अच्छे से सीख सकते हैं. हालांकि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों की मानें तो अभी मशीनों को लगने में 4 माह का समय लग सकता है.
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एमपी में स्वास्थ्य सेवाओं का कायाकल्प
बता दें कि, मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में निरंतर स्वस्थ्य सेवाओं में इजाफा करती जा रही है. हाल ही में रीवा-जबलपुर-रतलाम मेडिकल कॉलेजों में कीमोथैरेपी की सुविधा दी गई है. जबकि जनवरी में सीएम मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को मर्ज करते हुए हर जिले में एक्सीलेंस कॉलेज खोले जाने का ऐलान किया था.