इंदौर। बीते तीन सालों से तेजी से विलुप्त हो रहे गिद्धों को लेकर वन विभाग ने प्रदेशभर के जंगलों में एक साथ गिद्धों की गिनती का काम शुरू किया है. शुक्रवार से प्रदेशभर के 33 जिलों में 900 से अधिक वनक्षेत्रों में वनकर्मियों से गिनती करवाई जा रही है. केवल इंदौर वनमंडल के 25 स्थानों पर 30 से अधिक वनकर्मी गिनती करने रवाना हुए. जहां पिछले साल के मुकाबले गिद्धों की प्रजाति में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
इंदौर वन मंडल के चार गिद्ध क्षेत्रों में गिनती
वन विभाग के निर्देश पर वन्य प्राणी और जंगलों के सफाई कर्मी कहलाए जाने वाले गिद्धों की गिनती जारी है. इसी कड़ी में इंदौर वन मंडल के अधिकारी भी जिले के चार गिद्ध क्षेत्रों में अलसुबह पहुंचे और बायनाकुलर सहित अन्य साधनों से गिद्धों की गिनती शुरू की. इंदौर जिले में पहली बार गिद्धों की गिनती के लिए एनजीओ की मदद भी ली गई है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जमीन और पेड़ों पर बैठे गिद्धों को गिनती में शामिल किया जाता है. गिद्धों की तस्वीर और जानकारी एप्लीकेशन के माध्यम से प्रदेश के वन मुख्यालय भेजी जाना है.
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इंदौर में वन अधिकारी भी पहुंचे सर्वे करने
इंदौर रेंज में आने वाले देवगुराडिया वन क्षेत्र में गिद्धों को देखने के लिए सीसीएफ नरेंद्र सनोडिया और डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी भी पहुंचे. उन्होंने पेडमी, कजलीगढ़, पातालपानी, देवगुराड़िया, ट्रेंचिंग ग्राउंड, आशापुरा, रतवी, गिद्ध खोह, कंपेल, तिंछाफाल, बड़िया सहित इंदौर, महू, चोरल और मानपुर और रालामंडल अभयारण्य के कई वनक्षेत्र में जारी गिद्धों की गिनती का काम देखा. इंदौर वन मंडल के डीएफओ एमएम सोलंकी ने बताया कि इंदौर जिले में पिछले वर्षों के मुकाबले गिद्धों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.