भोपाल। जलभराव के बीच कई बार लोग पानी के बहाव में फंस जाते हैं. ऐसे में यदि बचाव कार्य के लिए कई लोग प्रशिक्षित हो जाएं तो लोगों तक सहायता पहुंचाने में तेजी आएगी. इसी को देखते हुए होम गार्ड द्वारा पिछले कुछ वर्षों में बचाव कार्य के लिए तैरने में माहिर भोई ओर केवट समाज के लोगों को भी ट्रेनिंग दी गई है. इन लोगों का काम जलभराव, बाढ़ या आगजनी के दौरान फायर अमले के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना है और लोगों की जान बचाना है. इस बार होम गार्ड द्वारा एनसीसी और एनएसएस के 300 छात्रों को आपदा मित्र के रूप में तैयार किया गया है.
एनडीएमए-एसडीएमए ने संयुक्त रूप से दी है ट्रेनिंग
इन छात्रों को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी और स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के संयुक्त तत्वावधान में ट्रेनिंग दी गई है. ट्रेनिंग के बाद लाइफ सेविंग किट और स्पेशल यूनिफार्म दी गई है. जिसका उपयोग आपदा मित्र बचाव कार्य के दौरान करते हैं. सभी छात्रों को शीतल दास की बगिया और छोटे तालाब के पास 12 दिनों की ट्रेनिंग के बाद स्पेशल बोट का खोलना, जोड़ना ओबीएम के बारे में जानकारी दी गई है. इसके अलावा जलभराव वाले स्थानों तक रबर बोट को लाना ले जाना, असेंबल्ड करने की भी जानकारी दी गई है.
इस तरह पहचाने जाएंगे आपदा मित्र
आपदा मित्रों को पहचान देने के लिए इन्हें विशेष लाइफ सेविंग किट, लाइफ जैकेट, यूनिफार्म और आईडी कार्ड प्रदान किया गया है. इन छात्रों को भोपाल के अलग-अलग क्षेत्रों से चुना गया है. जहां से यह आपदा के दौरान होने वाली चुनौतियों का सामना करेंगे. भोई समाज व केवट समाज के लोग शीतलदास की बगिया पर तैनात किए जाएंगे.
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पूरे प्रदेश में 11 जिलों में पूरी हो चुकी ट्रेनिंग
भोपाल सहित 11 जिलों में एनसीसी और एनएसएस के छात्रों को यह प्रशिक्षण दिया गया है. छात्रों को ट्रेनिंग के दौरान आपदा में बचाव के काम में आने वाली सीपीआर देने की भी जानकारी दी गई है. पुलिस फायर सेवा ने आगजनी के दौरान फायर टीम की मदद करने के लिए अग्निशमन यंत्र के संचालन की जानकारी आपदा मित्रों को दी है.