रतलाम। देश भर में चर्चा का विषय बने महादेव बेटिंग एप घोटाले के ही जैसा एक क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग स्कैम भी बीते दिनों एमपी में सामने आया है. जिसमें क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग करने और फर्जी एमएलएम कंपनी एमटीएफई में निवेशकों के करोड़ों रुपए फंसे हुए है. मध्य प्रदेश की रतलाम पुलिस ने सबसे पहले इस मामले का खुलासा किया था. वहीं, रतलाम पुलिस क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बाईनेंस से संपर्क कर इस फर्जी कंपनी का क्रिप्टो अकाउंट फ्रीज करवाने में सफल हुई है. रतलाम पुलिस अब जिले के निवेशकों का फंसा हुआ पैसा, वापस दिलवाने का प्रयास कर रही है.
करंसी के नाम पर ठगी करने वाली कंपनी एमटीएफई का काला कारोबार मध्य प्रदेश और राजस्थान ही नहीं बल्कि श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर में भी फैला हुआ है. देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले इसके नेटवर्क में भोले भाले निवेशकों ने पैसा डबल होने की उम्मीद में करोड़ों रुपए क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग के लिए लगा दिए. इस पोंजी स्कीम वाली कंपनी में अकेले रतलाम जिले में 55 लाख रुपए की ठगी की शिकायत हुई है.
कैसे हुआ करोड़ों की ठगी का खुलासा
सबसे पहले सितंबर 2023 में रतलाम के जावरा पुलिस थाने में कुछ शिकायतकर्ताओं ने एमएलएम बिजनेस कंपनी एमटीएफई के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उनके द्वारा कंपनी में निवेश किए जाने और रुपए डूब जाने की शिकायत की गई थी. मामला जब रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के संज्ञान में आया तो इस मामले की गहराई से जांच की गई. इस क्षेत्र में कंपनी चला रहे नीमच निवासी हुजैफा जमाली और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस पूछताछ में हुजैफा ने बताया कि इस कंपनी को वेंडी नाम की एक विदेशी महिला चला रही है.
रतलाम पुलिस की जांच में यह मामला क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग का सामने आया. पकड़े गए आरोपियों द्वारा निवेशकों का पैसा क्रिप्टोकरंसी में लगाया गया था. बाद में इस फर्जी कंपनी के तार बैंगलोर, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर से जुड़े होना पाया गया. रतलाम पुलिस जिले के अलग-अलग शिकायतकर्ताओं के 55 लाख रुपए वापस लाने का प्रयास कर रही है. जिसके लिए क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क किया जा रहा है.
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कैसे हुई ठगी
क्रिप्टो में निवेश करने और कुछ दिनों में ही रुपए डबल हो जाने का लालच दिखा कर निवेशकों को इस पूंजी स्कीम से जोड़ा गया. एमटीएफई ने श्रीलंका क्रिकेट प्रीमियर लीग 2023 का स्पॉन्सर बनकर और प्रचार-प्रसार दिखाकर लोगों का भरोसा जीता. इसके बाद अलग-अलग क्षेत्र में कंपनी ने अपने एजेंट बनाए और क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन अकाउंट खोलने शुरू किए. कुछ दिनों तक निवेशकों को उनके बढ़ते हुए रुपए भी फर्जी ऑनलाइन अकाउंट पर दिखाए गए. रुपए डबल होने की उम्मीद में छोटा-मोटा काम धंधा करने वाले लोग अपनी सारी पूंजी लगाते चले गए. जानकारी के अनुसार इस फर्जी कंपनी में देश में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों के एकाउंट है.
बहरहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस घोटाले में रतलाम पुलिस ने बड़ा खुलासा तो किया ही है. निवेशकों के क्रिप्टोकरंसी में फंसे हुए लाखों रुपए वापस दिलवाने के लिए स्पेन स्थित क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाईनेंस से लगातार संपर्क किया जा रहा है. वहीं, इस कंपनी के मास्टरमाइंड की तलाश नेपाल और मणिपुर में की जा रही है.