इंदौर। कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने वाले छात्रों ने उच्च शिक्षा विभाग से इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है. वहीं, उच्च शिक्षा विभाग की संभागीय अतिरिक्त संचालक डॉ.सुधा सिलावट का कहना है "यह राज्य शासन का विषय है और इसे लेकर शासन ही निर्णय लेगा." बता दें कि उच्च शिक्षा विभाग ने इस वर्ष महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों से सीट अलॉटमेंट होने के बाद सत्र की संपूर्ण फीस जमा करने का आदेश जारी किया है.
इससे पहले तीन किस्तों में फीस जमा करने की थी सुविधा
इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों से ₹1000 जमा करा कर सीट रिजर्व करने की सुविधा दी जाती थी. वहीं सत्र में दो या तीन किस्तों में पूरी फीस जमा करने की सहूलियत दी जाती थी. अब छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के दौरान ही संपूर्ण फीस एक साथ जमा करनी होगी. प्रवेश प्रक्रिया के दौरान ही सम्पूर्ण फीस जमा करने के आदेश के चलते छात्र और अभिभावक विरोध कर रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि इससे उन पर आर्थिक भार पड़ रहा है, जिससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना रहा पड़ रहा है.
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पैरेंट्स व स्टूडेंट्स ने की उच्च शिक्षा विभाग से मांग
पैरेंट्स ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी आदेश में परिवर्तन की गुहार लगाई है. इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग की संभागीय अतिरिक्त संचालक डॉ.सुधा सिलावट का कहना है "यह शासन स्तर का मामला है और इस बारे वे शासन के आदेशों का पालन कर रहे हैं. यदि उनके पास कोई इस तरह का मामला या आवेदन आता है तो वह इसे शासन के संज्ञान में लाएंगे." उन्होंने यह भी कहा कि शासन के विभिन्न योजनाओं के तहत इन छात्र-छात्राओं को एडमिशन दिए जा रहे हैं. कई कॉलेजों में इंस्टॉलमेंट में फीस लेने की सुविधा उपलब्ध है.