भोपाल। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार का पहला बजट 3 जुलाई को विधानसभा में पेश किया जाएगा. हालांकि बजट में आम लोगों पर कोई नए कर का भार नहीं डाला जाएगा. मानसून सत्र की शुरूआत 1 जुलाई से होने जा रही है. इसमें राज्य सरकार 11 विधेयक भी पेश करेगी. इसमें प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में एक रूपता लाने और बोरवेल हादसों को रोकने से जुड़े विधेयक भी लाए जाएंगे. उधर विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं. सत्र में सत्ता पक्ष को घेरने के लिए विपक्ष रणनीति बनाने में जुटा है.
सत्र में लाए जाएंगे कई विधेयक
1 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा में सरकार करीब 1 दर्जन विधेयक लेकर आएगी. इसमें प्रदेश में बोरवेल में होने वाले हादसों को रोकने से जुड़ा बिल भी शामिल होगा. इसमें हादसे होने पर बोरवेल मालिक और जिम्मेदारी अधिकारी भी सजा के हादसे में आएंगे. यह बिल पास हुआ तो मध्यप्रदेश बोरवेल को लेकर नियम बनाने वाला पहला राज्य होगा. सरकार प्रदेश में बढ़ते विश्वविद्यालयों की संख्या को देखते हुए विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के लिए संशोधन विधेयक भी लेकर आ रही है. इसके अलावा मध्यप्रदेश स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन अपराध अधिनियम 1964 में संशोधन विधेयक, मध्यप्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024 और मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 को विधानसभा में मंजूरी के लिए रखा जाएगा. पर्यावरण विभाग द्वारा भी एक शासकीय संकल्प विधानसभा में पेश किया जाएगा.
3 जुलाई को पेश किया जाएगा बजट
मानसून सत्र के तीसरे दिन 3 जुलाई को मोहन सरकार का पहला बजट पेश किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री और वित मंत्री जगदीश देवड़ा बजट पेश करेंगे. यह सरकार का पूर्ण बजट होगा. लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार लेखानुदान लेकर आई थी. बजट को लेकर वित्त विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वित मंत्री जगदीश देवड़ा के मुताबिक यह तीसरा साल होगा जब आमजन के सुझावों को बजट में सम्मिलत किया गया है. बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा जा रहा है. वित विभाग की ओर से कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं. प्रदेश का बजट जनता का बजट है.
विपक्ष ने की तैयारी
मानसून सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं. कांग्रेस सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति बना रही है. इसको अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस ने 30 जून को विधायक दल की बैठक बुलाई है. कांग्रेस विधानसभा में सत्ता पक्ष को नर्सिग होम घोटाले, प्रदेश में बढ़ते अपराध, दलित अपराध, बीजेपी के घोषणा पत्र को लेकर सत्ता पक्ष को घेरेगी.