टीकमगढ़। सागर लोकायुक्त टीम ने सोमवार को कुंवरपुर हल्का के पटवारी को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. दरअसल पटवारी ने कुंवरपुर के एक किसान से जमीन के नामांतरण संबंधी मामले में 25 हजार की रिश्वत की मांग की थी. आखिर में 15 हजार में सौदा तय होने पर आज पटवारी अपने आवास पर रिश्वत की पहली किश्त 10 हजार रुपए लेते हुए लोकायुक्त टीम द्वारा रंगे हाथों पकड़े गए. लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है.
क्या है मामला
लोकायुक्त एसपी कार्यालय सागर की निरीक्षक मंजु सिंह से मिली जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ के कुंवरपुर के सत्येंद्र तिवारी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी जमीन को उसके पड़ोसी ने अपना बताकर किसी और के लिए बेच दिया है. जमीन बेचने के बाद नामांतरण कराने का आवेदन दिया है. मैंने जमीन का नामांतरण रोकने कुंवरपुर हल्का के पटवारी अलंकृत पस्तोर से मुलाकात की. तो मेरी मजबूरी समझकर पटवारी ने मुझे डराया और नामांतरण करने की धमकी देकर 25 हजार रूपए रिश्वत की मांग की गयी. जब पटवारी रिश्वत के लिए दबाव बनाने लगा और धमकाने लगा, तो सत्येंद्र तिवारी ने सागर लोकायुक्त कार्यालय संगठन में शिकायत की. लोकायुक्त संगठन ने शिकायत की जांच पड़ताल की, तो शिकायत सही पाए जाने पर पटवारी को योजनाबद्ध तरीके से रंगे हाथों पकड़ने रणनीति बनायी और आज अवकाश के दिन आवास पर रिश्वत की पहली किश्त लेते गिरफ्तार किया.
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छुट्टी के चक्कर में फंस गया पटवारी
लोकायुक्त संगठन द्वारा शिकायत सही पाए जाने के बाद आवेदक से फिर पटवारी से संपर्क करने कहा गया और पटवारी द्वारा मांगी जा रही रिश्वत कम करने की मांग की गई. काफी मान मनोव्वल के बाद पटवारी 15 हजार रुपए रिश्वत लेने के लिए तैयार हो गया. अवकाश के दिन रिश्वत की पहली किस्त लेने के लिए आवेदक को अपने घर बुलाया. आवेदक के साथ पटवारी के घर के पास लोकायुक्त टीम भी पहुंची और जैसे ही पटवारी ने आवेदक से रिश्वत की पहली किस्त 10 हजार लिए, तो लोकायुक्त टीम ने पटवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. पटवारी को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर जमानत दे दी गई है.