भोपाल। नर्सिंग घोटाले का विधानसभा में गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा. इस मुद्दे को लेकर पक्ष-विपक्ष में फिर तीखी नोंकझोंक हुई. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मंत्री ने सदन में गलत जानकारी रखी है और इसलिए विशेषाधिकार हनन मामले में सूचना दी है, इस पर विचार किया जाए. नर्सिंग मामले में सदन में चर्चा कराई जाए. संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा एक विषय पर दूसरी बार चर्चा नहीं हो सकती. उधर कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने मीडिया से चर्चा में आरोप लगाया कि 'मंत्री विश्वास सारंग के समय मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग को मान्यता दी गई, उसके मालिक आज जेल में है.'
सरकार ले मंत्री पर एक्शन
जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि 'मंत्री विश्वास सारंग द्वारा एक पत्र जारी किया गया था. इस पत्र के चौथे बिंदु में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि जिन कॉलेजों को वर्ष 2019-20 और 2020-21 और 2021-22 में संबद्धता नहीं मिली है, उस पर पुनः विचार किया जाएगा. मंत्री विश्वास सारंग ने सदन में कहा था कि मैं संबद्धता और मान्यता में अंतर नहीं समझ पाया. जबकि मैंने सदन में संबद्धता और मान्यता दोनों की बात कही थी. जबलपुर के नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता में मंत्री विश्वास सारंग द्वारा आदेशित किया गया था कि सभी कॉलेज को संबद्धता हेतु मान्य किया जाए. मंत्री विश्वास ने जिस मलय कॉलेज को मान्यता दी. उसके मालिक आज जेल में हैं. कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि विश्वास सारंग के कार्यकाल में 200 कॉलेजों को मान्यता दी गई.'
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मंत्री विश्वास बोले मुझे बदनाम करने की साजिश
उधर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि 'इस मुद्दे के जरिए कांग्रेस मुझे बदनाम करने की साजिश कर रही है. मैं इस मामले में सबूत के साथ सदन में जवाब दे चुका हूं. जब मैंने जवाब दिया तो विपक्ष के पास कोई जवाब नहीं था. उनका गुब्बारा फूट गया है, अब वे पंचर हो चुके गुब्बारे में फिर हवा भरने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस सरकार के समय जिस कॉलेज को मान्यता दी गई. उसमें सुनीता शुजू के साइन हैं. गौरतलब है कि नर्सिंग मामले पर मंगलवार को सदन में ध्यानाकर्षण के तहत चर्चा हुई थी. इस दौरान सरकार की तरफ से मंत्री विश्वास सारंग और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने पक्ष रखा था. हालांकि जवाब ने असंतुष्ट विपक्ष ने बजट भाषण के दौरान भी जमकर हंगामा किया था.