भोपाल। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी भी चुनाव में लगा दी गई है. जिससे पांचवी और आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं (Answer Sheets) के मूल्यांकन का कार्य पिछड़ रहा है. एमपी के 25 लाख छात्र अपने रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. जो पहले एक अप्रैल 2024 को जारी होने वाला था. इसके लिए मूल्यांकन कार्य 31 मार्च तक समाप्त करना था, लेकिन सरकारी शिक्षकों के चुनाव ड्यूटी में जाने से यह रिजल्ट अप्रैल के दूसरे सप्ताह में जारी होगा.
अधिकारियों ने बताया कि 'वर्ष 2023-24 में 25 लाख से अधिक छात्रों ने पांचवी और आठवीं की परीक्षा दी है. इसमें 70 प्रतिशत पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. ऐसे में रिजल्ट 10 से 15 अप्रैल के बीच में घोषित होने की संभावना है. राज्य शिक्षा केंद्र ने जो समय-सारिणी तय किया था, उसके हिसाब से अप्रैल के पहले सप्ताह में पांचवीं व आठवीं का परिणाम आना था, लेकिन अब तक 30 प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं को जांचना बाकी है.
मानदेय नहीं मिलने से कापी नहीं जांच रहे सरकारी शिक्षक
निजी स्कूलों के अंग्रेजी माध्यम के चार लाख विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के लिए सरकारी स्कूल में शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. इस कारण निजी स्कूलों के शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगाया गया है. शिक्षकों ने पिछले साल का मानदेय नहीं मिलने से इस बार की कापियों को जांचने से इंकार कर दिया है. इससे मूल्यांकन में शिक्षकों की भारी कमी हो गई है.
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निजी स्कूल के 1500 शिक्षकों की लगाई ड्यूटी
राजधानी में मूल्यांकन के लिए चार केंद्र बनाए गए हैं. इन केंद्रों 3200 शिक्षकों को साढ़े पांच लाख से अधिक कापियां जांचने के लिए लगाया गया है. इसमें मूल्यांकन के लिए अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों की कापियां जांचने के लिए निजी स्कूल के करीब डेढ़ हजार शिक्षक हैं. शिक्षकों का कहना है राज्य शिक्षा केंद्र ने पिछले साल की कापियों को जांचने के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया है. इस कारण इस बार मूल्यांकन नहीं करेंगे. अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगाई गई है.