सवाई माधोपुर : रणथंभौर नेशनल पार्क के मध्य स्थित रणथंभौर दुर्ग में एक बार फिर बाघिन एरोहेड टी 84 अपने शावकों के साथ चहलकदमी करती नजर आई. बाघिन अपने शावकों के साथ करीब एक घंटे तक दुर्ग में घूमती रही. इस दौरान दुर्ग में करीब 20 से 25 श्रद्धालु मौजूद रहे, जो यहां भगवान त्रिनेत्र गणेश के दर्शन के लिए आए थे. वहीं, बाघिन एरोहेड टी 84 के मूवमेंट से पूरे दुर्ग में दहशत का माहौल बन गया. बाघिन दुर्ग के पद्मला तालाब से लक्ष्मी नारायण मंदिर के बीच अपने शावकों के साथ नजर आई. हालांकि, त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बाघिन व उसके शावकों की मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग में जुट गई.
इस दौरान रणथंभौर दुर्ग में मौजूद श्रद्धालुओं को वन विभाग की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला. साथ ही श्रद्धालुओं ने बाघिन व शावकों के वीडियो भी बनाए, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. वन विभाग के मुताबिक बाघिन एरोहेड टी 84 की उम्र करीब 10 साल है. जुलाई 2023 में बाघिन ऐरोहेड ने चौथी बार तीन शावकों को जन्म दिया था. फिलहाल बाघिन शावकों को वाइल्डलाइफ ट्रेनिंग दे रही है.
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वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट मुकेश ने बताया कि बाघिन ऐरोहेड और उसके शावकों का मूवमेंट लगातार रणथंभौर दुर्ग के आसपास बना हुआ है. इससे रणथंभौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. वहीं, बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा पर भी खतरा बना हुआ है. ऐसे में वन विभाग द्वारा रणथंभौर दुर्ग में अस्थायी वन चौकी बनानी चाहिए और लगातार बाघिन और उसके शावकों की मॉनिटरिंग की जानी चाहिए.
गौरतलब है कि बाघिन और उसके शावकों का मूवमेंट रणथंभौर दुर्ग व उसके आसपास के इलाके में रहता है. ऐसे में कई बार बाघिन अपने शावकों के साथ रणथंभौर दुर्ग में पहुंच जाती है. ऐसे में त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खतरा हो सकता है. कुछ दिन पहले भी बाघिन के एक शावक ने दुर्ग में एक श्रद्धालु पर हमला कर दिया था. गनीमत रही थी कि शावक के हमले में श्रद्धालु की जान बाल-बाल बच गई थी. उसके बाद से ही बाघिन और उसके शावकों का कई बार रणथंभौर दुर्ग में मूवमेंट देखा गया है. फिलहाल वन विभाग की टीम बाघिन और उसके शावकों की मॉनिटरिंग में जुटी है.
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आरओपीटी रेंजर अश्विनी प्रताप सिंह ने बताया कि गुरुवार शाम को बाघिन एरोहेड अपने शावकों के साथ रणथंभौर दुर्ग में आ गई थी. रेंजर ने बताया कि फिलहाल बाघिन का मूवमेंट दुर्ग में ही बना हुआ है. उन्होंने कहा कि वन विभाग के कर्मी पूरी सक्रियता से बाघिन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वहीं, दुर्ग में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर जाने वाले एक मार्ग को बंद कर दिया गया है और एक मार्ग को चालू रखा गया है.