इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कहा कि ''उनकी सरकार सेमीकंडक्टर के निर्माण में ताइवान के साथ सहयोग करने को इच्छुक है, जो इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों, ड्रोन और संचार उपकरणों में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली उच्च तकनीक सामग्री है.'' दरअसल सीएम मोहन यादव इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) द्वारा आयोजित "सतत भविष्य के लिए पर्यावरण शासन" पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे. ताइवान का आई-शौ विश्वविद्यालय संगोष्ठी में प्रतिभागियों में से एक था.
मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री वर्चुअल शामिल
देवी विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हाल में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया. जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ऑनलाइन शामिल हुए. वही संगोष्ठी में सांसद शंकर लालवानी, आई शोउ विश्वविद्यालय ताइवान के अध्यक्ष डॉ. गुयुआन कुआंग, टीईसीसी नई दिल्ली के शिक्षा निदेशक पीटर चेन, डीएवीवी की कुलपति प्रो रेणु जैन अतिथि के तौर पर शामिल हुए, संगोष्ठी में पर्यावरण संरक्षण संधारणीय विकास विषय पर अनुसंधान शोध और ज्ञान के आदान-प्रदान को लेकर बात हुई.
ताइवान चिप्स के उत्पादन में अग्रणी, एमपी में भी संभावनाएं
सीएम मोहन यादव ने कहा, "ताइवान चिप्स के उत्पादन में दुनिया में अग्रणी है. मध्य प्रदेश में भी इस क्षेत्र में निवेश की काफी संभावनाएं हैं. ऐसे में हम इस क्षेत्र में आगे बढ़ने को लेकर काफी गंभीर हैं और रास्ते में आने वाली हर कठिनाई को दूर करेंगे.'' सीएम ने कहा कि ''ताइवान और भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करना चाहिए. मध्य प्रदेश सरकार इस प्रयास में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है.''
ताइवान के आई-शौ विश्वविद्यालय के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर
मुख्यमंत्री मोहन यादन ने कहा कि ''सेमीकंडक्टर क्षेत्र की मौजूदा जरूरतों को देखते हुए मध्य प्रदेश ताइवान के साथ शैक्षणिक संबंधों को भी मजबूत करना चाहता है.'' वहीं, डीएवीवी की कुलपति रेणु जैन ने कहा कि ''दोनों विश्वविद्यालयों के बीच विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी और चिप निर्माण में ज्ञान के आदान-प्रदान पर ताइवान के आई-शौ विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.''
ताइवान के पांच विश्वविद्यालय के साथ हो चुका है एमओयू
दरअसल देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों सेमीकंडक्टर के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक ताइवान के 6 विश्वविद्यालयों का दौरा किया था. उस समय 5 विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू हुए थे. वहीं ताइवान की आई शोउ यूनिवर्सिटी ने डीएवीवी के साथ अलग शुरुआत की. दोनों यूनिवर्सिटी ने मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठि का आयोजन किया और दोनों के बीच एक एमओयू भी साइन हुआ.