बूंदी. मातृ दिवस पर जहां पूरा विश्व मातृ दिवस मना रहा था, तो वहीं बूंदी शहर से एक ऐसी खबर आई, जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि कोई कैसे इतना निर्दयी हो सकता है. एक मां अपने 3 साल के नौनिहाल को चंद लमहों के लिए अपने सीने से लगाने के लिए रात भर घर के बाहर बैठी रही, फिर भी उसके ससुराल वालों का दिल नहीं पसीजा.
मामला बूंदी शहर के बीबनवा रोड का है. एक मां अपने 3 साल के मासूम बच्चे की एक झलक पाने और उससे मिलने के लिए शनिवार रात 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक अपने ससुराल में घर के बाहर बैठी रही. बेबस मां मासूम से मिलने के लिए घर की चौखट पर गिड़गिड़ाती रही, विनती करती रही, बिलखती रही, लेकिन उसके ससुराल वालों ने उसकी एक ना सुनी. मां ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए "मैं अपने बच्चों से मिलकर रहूंगी. ये मेरा अधिकार है. मैं अपने बच्चे के साथ यहीं रहूंगी." उसके ससुराल के लोगों ने गेट पर ताला लगा दिया और उसे अपने बच्चे से मिलने नहीं दिया गया.
सदर थाना अधिकारी भगवान सहाय ने बताया कि महिला अपने बच्चों को लेने के लिए घर के बाहर बैठी हुई है, लेकिन इसमें पुलिस क्या कर सकती है. पुलिस का काम तो लड़ाई झगड़ा हो तभी होता है. यह कोर्ट का मामला है. कोर्ट जिसको भी बच्चा दे, उसको हम दिला सकते हैं. पुलिस को किसी को बच्चा दिलाने का अधिकार नहीं है.
रात से दोपहर तक बैठी रही महिला : बूंदी जिले के बीबनवा रोड स्थित मारुति नगर पर एक मां अपने 3 साल के मासूम बच्चे से मिलने के लिए शनिवार रात 8 बजे से रविवार दोपहर 2 बजे तक बैठी रही. महिला ने कहा कि "यह मेरा अधिकार है. मैं अपने बच्चों को लेकर थोड़ी भाग रही हूं. मैं ससुराल में रहना चाहती हूं. मेरे बच्चे के साथ रहना चाहती हूं. मेरे पति के साथ रहना चाहती हूं, लेकिन यह लोग मुझे घर में घुसने नहीं दे रहे हैं और ना हीं मेरे बच्चों से मुझे मिलने दे रहे हैं.
मैं 8 दिन पहले अपने बच्चे से मिली थी. इसके बाद से अब तक मैंने उसकी शक्ल तक नहीं देखी. महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति उसे बहला फुसलाकर 6 मई को पुस्तैनी गांव ले जाने की कह कर उसे मोटरसाइकिल में बैठाकर ले गए और मेरी बहन के यहां छोड़ दिया. महिला ने अपने पति पर मारपीट और गाली-गलौज का आरोप भी लगाया है. महिला ने बताया कि उसने बोरखेड़ा थाने में इसकी रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी.
पति ने लगाए गंभीर आरोप : महिला के पति का कहना है कि उसने बच्चे को देने के लिए कभी भी मना नहीं किया है. पति ने आरोप लगाया कि वह बच्चे को मार देगी. उसने बताया कि इसके पहले भी उसकी पत्नी ने बच्चों को गला दबाकर मारने की कोशिश की थी, जब भी मेरे छोटे भाई यशवंत ने बच्चे को बचाया था. वहीं. एक बार बच्चे को जहर देने की भी कोशिश महिला कर चुकी है. पति ने कहा कि कोर्ट में मामला चल रहा है जो भी फैसला करेगा, वह उसके लिए मंजूर होगा.
वहीं, सदर थाने में दोनों पक्षों को समझाइश के दौरान भूख प्यास और तेज गर्मी के चलते महिला बेहोश हो गई, जिसते बाद पुलिस उसे तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसका इलाज जारी है. वहीं, महिला के चाचा व भाई ने ससुराल पक्ष पर महिला के साथ मारपीट करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला के परिजनों ने पूरे मामले में राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन व पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.