पटना: भले विधायक वह दूसरे दल की हैं, भले उनके दामाद उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है, भले उनके समधी केंद्र में मंत्री हैं, भले उनका दामाद बिहार में मंत्री हों लेकिन उनके दिल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बसते हैं. हम बात कर रहे हैं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की विधायक ज्योति मांझी की. बाराचट्टी की विधायक ज्योति मांझी मंगलवार को विधानसभा में अलग रूप में नजर आईं. वजह ये थी कि उनके साथ उनकी बेटी दीपा मांझी भी आईं. इससे पहले उनकी बेटी दर्शक दीर्घा में बैठती थी लेकिन अब उनकी विधायक बेटी उनके साथ विधानसभा के अंदर गईं और उनके साथ सीट भी शेयर किया. ईटीवी भारत ने इमामगंज से नई विधायक बनीं दीपा मांझी और उनकी विधायक मां ज्योति मांझी से खास बातचीत की.
विधानसभा में छायी विधायक मां-बेटी की जोड़ी: अपनी बेटी को साथ में विधानसभा में ले जाने और उनको अपने साथ बैठाने की खुशी ज्योति मांझी के चेहरे पर साफ तौर पर दिख रही थी. जब ईटीवी भारत ने उनसे पूछा कि अपनी बेटी को विधानसभा के अंदर अपने बगल में बैठाना कैसा लगा तो ज्योति मांझी ने कहा कि हमने अपनी बेटी को शुरू से ही समाजसेवी बनाया है. आज देखकर बहुत खुशी हो रही है. जो अवसर मिला है, वह बहुत है. इमामगंज की जनता ने जो खुशी दी है. उसके लिए उनको मैं बधाई देता हूं.
'कभी सोचा नहीं था कि यहां आएंगे': ज्योति मांझी अपनी बेटी दीपा मांझी के बारे में बताती हैं कि इसके पिताजी ने इस पर बहुत मेहनत किया है. इनको साइकिल चलाना, मोटरसाइकिल चलाना सिखाया है. उन्होंने कहा था कि बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं है. जब उनसे पूछा जाता है कि एक मां के तौर पर अपनी बेटी को विधायक बनाकर अपने साथ बैठाने में आपको कैसा लगा तो ज्योति मांझी खिलखिला कर हंसते हुए बोली कि बहुत अच्छा लगा. हम बहुत खुशकिस्मत हैं और इसके लिए महान जनता को धन्यवाद देते हैं. एनडीए गठबंधन के सभी नेताओं को हम बधाई देते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देते हैं.
मां और पति भी बैठते हैं विधानसभा में: इस मौके पर दीपा मांझी से जब पूछा गया कि आपको कैसा लगा जब आप मां के साथ बैठी तो उन्होंने कहा कि मैं अपने क्षेत्र की जनता को धन्यवाद देती हूं. हमें यहां तक पहुंचाया है और मां के साथ बैठने का मौका इमामगंज की जनता ने दिया है. मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली समझती हूं. इमामगंज की जनता ने ही हमें मौका दिया है. मम्मी के साथ सीट शेयर करने का.
"मैंने कभी नहीं सोचा था कि मम्मी के साथ विधानसभा जाएंगे लेकिन यह मौका आ गया कि पति भी साथ बैठे थे. वह (पति संतोष मांझी) मेरे आगे बैठे थे. मेरे लिए यह गौरव वाला पल था. यह इतिहास है, यह रिकॉर्ड है. मुझे विश्वास नहीं हुआ था कि मैं यहां आऊंगी लेकिन इमामगंज की जनता ने मुझे यहां भेजा है."- दीपा मांझी, हम विधायक, इमामगंज
शपथ इमामगंज के विकास, प्रगति और उज्ज्वल भविष्य का । #meraimamganj
— Deepa Santosh Manjhi (@dipamanjhi) November 25, 2024
एक बार फिर से इमामगंज की देवतुल्य जनता को हृदयतल की अनंत गहराइयों से धन्यवाद एवं आभार।@santoshmanjhi_ @jitanrmanjhi#deepakumari pic.twitter.com/YPwTvxUi16
गरीब के घर में भी खाया खाना: दीपा मांझी से जब ईटीवी भारत ने पूछा कि आपकी मां की वह तमाम बातें याद आ गई होगी, जब बचपन मां ने डांटा होगा या कुछ और हुआ होगा? तो उन्होंने कहा कि नहीं मम्मी ने मुझे कभी नहीं डांटा है लेकिन, मेरे पिताजी ने मेरा बहुत सपोर्ट किया है. हम क्षेत्र में भी इस बार घूम रहे थे तो सभी वर्ग के पास हम जा रहे थे. एक दलित परिवार के पास गए थे तो उन्होंने कहा कि तुम तो बड़े घर की बेटी हो, पतोह (बहू) हो तो, मेरे यहां खाओगी? तो दीपा मांझी ने कहा कि जाकर मैं उनके यहां खाना खाई. उन्होंने ओल की सब्जी और चावल खिलाया था. बहुत स्वादिष्ट था.
मेरे पिता और ससुर ने आगे बढ़ाया: दीपा मांझी ने कहा कि यहां तक लाने में मेरे पापा का बहुत बड़ा हाथ था. उन्होंने बताया कि मेरे पापा बालेश्वर प्रसाद ने स्विमिंग सिखाया. साइकिल और बाइक चलाना सिखाया. मुझे पेड़ पर भी चढ़ाना सिखाया. उनके कहने पर मैं कहीं भी चली जाती थी. उस समय मुझे हिम्मत आ जाती थी कि मेरे पापा हैं तो मुझे कुछ नहीं हो सकता है. पापा ने बहुत हिम्मत दिया लेकिन दूसरे पापा यानी मेरे ससुर जीतन राम मांझी ने मुझे राजनीति करना भी सिखाया. दोनों पापा ने मुझे सब कुछ सिखाया है. शादी से पहले हम समाज के बीच में थे. मेरा सौभाग्य है कि मेरी शादी भी ऐसे घर में हुई, जहां समाज सेवा किया जाता है.
अब घर पर राजनीतिक बात ज्यादा होती है?: दीपा मांझी से जब पूछा गया कि अब घर में किस तरह की बातें होती हैं? आपके ससुर केंद्र में मंत्री हैं. आपके पति बिहार में मंत्री हैं. आपकी मां विधायक हैं आप खुद विधायक हो गई तो बातें घरेलू होती हैं या फिर राजनीति की होती हैं? तो दीपा मांझी ने कहा कि महिला हूं तो बातें तो घरेलू की होती है लेकिन, अब राजनीति की भी बातें शुरू हो गई हैं. राजनीति की भी बातें होती है.
क्या बोलीं ज्योति मांझी?: वहीं मां ज्योति मांझी कहती हैं कि हम शुरू से ही जनता की सेवा करते रहे हैं. गरीबों के बीच में रहे हैं. लोगों के बीच में प्रवास किए हैं. हमने लोगों के दुख दर्द को समझा है. हम लोगों का लक्ष्य होगा कि कोई भी भूख से ना मरे. दीपा को भी विधायकी से जुड़ी बातों को बताना शुरू कर दिया है. मुझे पूरा विश्वास है कि वह सफल साबित होगी और जनता से जुड़ी समस्या को मुखरता से उठाएगी.
'मेरे लिए भगवान हैं नीतीश कुमार': इसी मौके पर जब ईटीवी भारत ने पूछा कि आप तो हम की विधायक है लेकिन पहली बार आपको तो विधायक नीतीश कुमार ने बनाया था, ऐसे में वह मुख्यमंत्री के बारे में क्या सोचती हैं? इस पर ज्योति देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री मेरे दिल में रहते हैं. नीतीश कुमार ने कीचड़ से कमल को निकाला है. हम कहां झारखंड बॉर्डर पर थे. वहां से लाकर मुझे विधायक बनाया है. उन्होंने जीरो से हीरो बनाया है. मेरे हृदय में वह भगवान के रूप में रहेंगे.
"हां पहली बार नीतीश कुमार जी ने ही मुझे विधायक बनाया. वह हमेशा मेरे दिल में रहेंगे. मेरे लिए वह भगवान की तरह हैं, क्योंकि उन्होंने मुझे झारखंड बॉर्डर से उठाकर विधायक बनाया."- ज्योति देवी, हम विधायक, बाराचट्टी
ये भी पढ़ें:
विधायक मां ने विधायक बेटी को चूमा, दीपा मांझी की जीत के बाद परिवार में जश्न
पति 'बिहार सरकार' तो ससुर 'भारत सरकार', बहू की जीत बनी प्रतिष्ठा का सवाल, मांझी से टकराएंगे मांझी