नई दिल्ली: राजधानी के गाजीपुर इलाके में नाले में बुधवार को डूबकर मां बेटे की मौत हो गई. हादसे के वक्त मां अपने तीन वर्षीय बेटे के साथ बाजार जा रही थी. जलभराव की वजह से नाले का पता नहीं चला और दोनों नाले में जमा पानी में डूब गए. घंटों की मशक्कत के बाद दोनों के शव को बरामद किया गया. वहीं हादसे को लेकर पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि महज आधा किलोमीटर दूर घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस को 1 घंटे से भी ज्यादा समय लग गया. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया है और मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दिया.
महिला की पहचान 22 वर्षीय तनुजा के रूप में हुई है, जबकि उसके बेटे की पहचान प्रियांशु के रूप में की गई है. तनुजा अपने पति गोविंद के साथ दिल्ली से सटे गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में रहती थी. गोविंद प्राइवेट जॉब करता है. उसने बताया कि बुधवार शाम तनुजा बुध बाजार में खरीदारी करने गई थी. निर्माणाधीन नाले का पता न चलने से दोनों नाले में डूब गए. आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें निकालने की कोशिश की, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए. बार-बार फोन करने के बावजूद पुलिस को वहां पहुंचने में एक घंटे का वक्त लगा.
#WATCH पूर्वी दिल्ली की DCP अपूर्वा गुप्ता ने कहा, " कल 8:30 बजे खोड़ा कॉलोनी में एक मां-बेटे के नाले में गिरकर डूबने की सूचना मिली... हमने दो शवों को बरामद किया है, जांच में पता चला कि मृतक 23 वर्षीय महिला थी, वह अपने 3 वर्षीय बेटे के साथ सब्जी खरीदने के लिए बाज़ार गई थी और वापस… pic.twitter.com/nA5aKFJ9dE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2024
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इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसमें तनुजा और उसका मृत अवस्था में मिले. गोविंद का आरोप है की उनकी पत्नी और बेटे की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है. हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक कुलदीप कुमार ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की. उन्होंने हादसे के लिए डीडीए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि डीडीए की तरफ से ड्रेन का निर्माण किया जा रहा है. ड्रेन खुले हुए थे और सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए थे.
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