मुरैना। जिले में खुले पड़े कुएं और नाले हादसों को दावत दे रहे हैं. आलम यह है कि अधिकांश कुएं सूख चुके हैं और नालों में पानी बह रहा है. इसके बावजूद इस ओर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं. बीते रोज रामपुर कस्बे में एक महिला खुले पड़े सूखे कुएं में गिर गई. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी. इसके बाद भी जिम्मेदार चेत नहीं रहे हैं. हैरत की बात यह है कि जिला प्रशासन ने अप्रैल माह में खुले पड़े कुएं, बावड़ी और बोरवेल को बंद करने के सख्त निर्देश दिए थे. इसके बाद भी अभी तक कई जगहों पर कुएं बावड़ी और बोरवेल खुड़े पड़े हैं.
हादसे का बना रहता है डर
आपको बता दें कि जिले के कुछ इलाकों का जायजा लेने पर हकीकत काफी डरावनी दिखी. जिसमें कैलारस, सबलगढ़ और पहाड़गढ़ ब्लॉक शामिल है. कैलारस ब्लॉक की थाटीपुर पंचायत जिसमें पांच मौजे और पुरा पड़ता है. इन गांवों में आधा दर्जन कुएं हैं, जो किसी मौत के घर से कम नहीं है. ऐसा इसलिए कि इन कुओं में अब बाउंड्री भी खत्म हो चुकी है. जिसके चलते ये कुएं सड़क के लेबल पर आ गए हैं. स्थानीय लोगों की माने तो कुएं में अक्सर जानवर गिर जाते हैं, जिन्हें जानकारी मिलने पर बमुश्किल बाहर निकाला जाता है. हैरत की बात यह है कि यहां दिन भर बच्चे घूमते रहते हैं. जिससे ग्रामीणों को हर वक्त हादसा होने का डर सा लगा रहता है.
प्रशासन बना मूक दर्शक
जिले में खुले कुएं में गिरने से कई लोगों की जान जा चुकी है. जिसमें सबसे चर्चित मामला जाैरा थाना क्षेत्र का है, जहां अप्रैल के महीने में एसआई सोवरन सिंह यादव के पिता बारात में आए हुए थे, लेकिन रात अधिक होने के चलते खुले कुएं में गिर गए. जिससे उनकी मौत हो गई थी. वहीं दूसर मामला चीनी थाना क्षेत्र के छैरा गांव का है. यहां व्यक्ति की दो दिन बाद कुएं में डेड बॉडी मिली थी. ताजा मामला रामपुर कस्बे के राधा स्वामी आश्रम के पास का है. जहां बीते रोज एक महिला गिर गई. लोग रेस्क्यू कर महिला को अस्पताल लेकर आए. जहां महिला का उपचार चल रहा है. इन घटनाओं को सामने आने के बाद भी प्रशासन चुपी साधे है.
बोरवेल हादसों में मध्य प्रदेश अव्वल
खुले बोर में गिरने की घटनाएं सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश से ही सामने आती हैं. जिसमें मुरैना जिला भी शुमार करता है, यहां ऐसे दो हादसे हो चुके हैं, जिनमें एक मासूम की दर्दनाक मौत हुई थी. पहली घटना 27 मार्च 2015 को नूराबाद थाना क्षेत्र के चौखूटी गांव में हुई थी. वहीं, दूसरी घटना 19 अक्टूबर 2015 को बागचीनी के हार गांगोली गांव में खुले हुए बोर में तीन साल का राघव अपने खेत पर खेलते समय खुले बोर में चला गया था. तीन दिन तक चले रेस्क्यू के बाद राघव को बोर से बाहर निकाला गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी थी.
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दोषी पर होगी सख्त कार्रवाई
इन घटनाओं को सामने आने के बाद प्रशासन ने कई बार खुले बोरवेल और कुएं बंद करने के निर्देश दिए, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने अनसुनाकर दिया. अभी भी जिले भर में आधा सैकड़ा खुले कुएं आराम से मिल जाएंगे. इस मामले को लेकर जब अपर कलेक्टर चंद्र भूषण प्रसाद से बात की गई तो उनका कहना था कि "यह एक गंभीर मामला है. खुले कुएं और बोरवेल को बंद करने के निर्देश दिए जा चुके थे. अगर खुले कुएं और बोरवेल अभी तक बंद नहीं हुए हैं, तो प्रशासन इसकी जांच कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा. अभी होने वाली टीएल मीटिंग में भी इस बात पर फोकस किया जाएगा."