रायपुर/धमतरी/बालोद: इस साल मॉनसून पूरी तरह से छत्तीसगढ़ पर मेहरबान रहा. लेट से आया मॉनसून जमकर बरसा. बस्तर से लेकर रायपुर और सरगुजा से लेकर कवर्धा तक जमकर बारिश हुई. इतनी बारिश हुई की छत्तीसगढ़ के कई जिलों के गांव टापू में तब्दील हो गए. बस्तर तक पानी पूरा भीग गया. बढ़िया बारिश के चलते इस साल छत्तीसगढ़ के ज्यादातर डैमों में अच्छा खासा पानी जमा हो गया है. अच्छी बारिश और डैमों में जमा हुए पानी से किसान खुश हैं. चावल की खेती के लिए किसानों को काफी पानी की जरुरत होती है. डै
गंगरेल बांध 86 फीसदी तक भरा: धमतरी में कुल 4 बांध हैं. रविशंकर जलाशय यानि की गंगरेल बांध. इस बार की बारिश में 32 टीएमसी वाले गंगेरल बांध में 28.60 टीएमसी पानी भरा हुआ है यानी 86.91 फीसदी पानी भर चुका है. जबकी मॉडमसिल्ली बांध की क्षमता 5.8 टीएमसी है यहां पर 5.7 टीएमसी पानी भर चुका है. यानी 98.88 प्रतिशत पानी डैम के कैचमेंट एरिया में जमा हो चुका है. इसके साथ ही दुधावा बांध की क्षमता 10.192 है जो 98.80 फीसदी तक भर चुका है. आंकड़ों की नजर से देखें तो दुधावा बांध 10.072 टीएमसी भर चुका है. वहीं 6.995 टीएमसी वाला सोंढूर बांध 5.397 टीएमसी भर चुका है जो लगभग 90 फीसदी के करीब है. कुल मिलाकर धमतरी के डैम पानी से लबलब हैं.
जिले में अब तक 1004 मि.मी. औसत बारिश दर्ज: धमतरी में 1 जून से अब तक 1004.2 मि.मी. औसत बारिश दर्ज की गई है. भू अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक धमतरी तहसील में 979.5 मि.मी, कुरूद तहसील में 864.4 मि.मी, मगरलोड में 767 मि.मी, नगरी तहसील में 1263.8 मि.मी, भखारा में 790.8 मि.मी, कुकरेल तहसील में 1074.8 मि.मी और बेलरगांव तहसील में 1289.3 मि.मी. औसत बारिश दर्ज हुई.
बालोद के सभी डैम पानी से फुल: बालोद जिले में कुल चार बड़े बांध हैं. जिसमें तांदुला बांध, खरखरा बांध, मटियमोती बांध, गोंदली डैम भी पानी से फुल हो चुका है. बालोद में सबसे ज्यादा धान और सब्जियों की खेती होती है. धान और सब्जियों की खेत में पानी की ज्यादा जरुरत होती है. सभी डैमों में अच्छा खासा पानी भर जाने से किसान काफी खुश हैं.
बालोद के बड़े डैम कितने भरे
- तांदूला डैम में 83.41 प्रतिशत पानी भरा.
- खरखरा डैम में 100 फीसदी पानी भरा.
- मटियामोती डैम में 97. 28 फीसदी पानी भरा.
- गोंदली डैम में 69.86 प्रतिशत पानी भरा.