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अलौकिक वाराणसी; दक्षिण भारतीयों का काशी में मोक्ष टूर, ऑफ सीजन में डिमांड भरपूर - Supernatural Varanasi

बनारस में मोक्ष की धारणा लेकर हर साल हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. खास तौर पर से दक्षिण भारतीयों की मान्यता है कि नवरात्र काशी की धरा पर बिताएं तो मोक्ष प्राप्ति होती है. ऐसे में मोक्ष टूर पैकेज की डिमांड अधिक हो रही हैं. Supernatural Varanasi

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 13, 2024, 3:55 PM IST

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काशी में मोक्ष टूर.

वाराणसी : बनारस इन दिनों पर्यटन का हब बना हुआ है. देश दुनिया से लोग बनारस को निहारने के लिए आ रहे हैं. काशी का बढ़ता क्रेज दक्षिण की नीलगिरी पहाड़ियों के क्रेज को भी पीछे छोड़ चुका है. नीलगिरी की वादियों में भी रहने वाले लोग बनारस को सिर्फ निहारने नहीं बल्कि यहां मोक्ष प्राप्ति के लिए भी आ रहे हैं.

यही वजह है कि इन दोनों काशी के 'मोक्ष टूर पैकेज' की डिमांड भरपूर है. इसकी जून तक की एडवांस बुकिंग हो चुकी है. दक्षिण भारतीयों की मान्यता है कि वह मोक्ष प्राप्ति के लिए नवरात्र काशी की धरा पर बिताएं. ऐसे में मोक्ष टूर पैकेज की डिमांड अधिक हो रही है.

अलौकिक वाराणसी .
अलौकिक वाराणसी .
अलौकिक वाराणसी .
अलौकिक वाराणसी .



वाराणसी में इन दिनों टूरिस्ट्स की संख्या अधिक हो चुकी है. वाराणसी आना लोग सबसे अधिक आना पसंद कर रहे हैं. यही वजह है कि रोजाना लाखों लोग काशी में सिर्फ मंदिरों के दर्शन और घाटों पर घूमने के लिए मौजूद रहते हैं. इसी बीच अब ट्रैवल एजेंसियों के पास 'मोक्ष टूर पैकेज' की मांग अधिक आ रही है.

इस पैकेज की डिमांड करने वाले सबसे अधिक दक्षिण भारतीय पर्यटक हैं. इस पैकेज के माध्यम से वे नवरात्र के समय काशी की धरती पर रहना चाहते हैं और मोक्ष की प्राप्ति करना चाहते हैं. अपनी मान्यताओं के आधार पर वे रात का समय काशी में ही बिताते हैं.

अलौकिक वाराणसी.
अलौकिक वाराणसी.


साउथ इंडिया से सबसे अधिक आ रही डिमांड : स्प्रिचुअल टूर के ट्रैवल एजेंट संतोष सिंह ने बताया कि हमारे पास साउथ इंडिया से सबसे अधिक मोक्ष टूर की डिमांड आ रही है. इसमें 9 रात और 10 दिन वे वाराणसी में ही रुकते हैं. इसमें हम लोग तीन से चार दिन वाराणसी लोकल का टूर कराते हैं.

इसके बाद सेम डे अलग जगह पर स्टे कराते हैं. जैसे एक ही दिन में प्रयागराज का स्टे कराकर रात में वाराणसी स्टे कराते हैं. ऐसे ही अयोध्या, बोधगया का एक दिन का स्टे कराकर रात का स्टे वाराणसी में कराया जाता है. यह हमारा मोक्ष टूर चलता है.

अलौकिक वाराणसी.
अलौकिक वाराणसी.

संतोष सिंह के अनुसार श्रद्धालुओं में यह मान्यता होती है कि वे वाराणसी में ही रात्रि प्रवास करेंगे तो ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी. मोक्ष टूर के लिए लगातार लोग जानकारियां लेते रहते हैं. कोई खास ऐसा महीना नहीं है, जिसमें अधिक मांग हो. हमेशा इसकी मांग बनी रहती है.

महीने में तीन से चार पैकेज हमेशा रहते हैं. पहले के समय में अप्रैल से लेकर सितंबर तक हमारा सीजन लीन होता था. विदेशी पर्यटक भी नहीं आते थे और भारतीय पर्यटक भी इतनी गर्मी में नहीं चलते थे, मगर अब अयोध्या का मंदिर खुल जाने की वजह से टूरिस्ट अधिक आना शुरू हो गए हैं.

काशी में पर्यटकों की संख्या.
काशी में पर्यटकों की संख्या.


राम मंदिर की वजह से बढ़े टूरिस्ट : संतोष सिंह ने बताया कि हमारे पर जो भी टूरिस्ट मोक्ष टूर पैकेज के लिए आते हैं वे वाराणसी के साथ ही अयोध्या टूर के लिए भी आते हैं. जब मंदिर का गेट खुला था तब उस समय इतनी भीड़ थी कि हम लोगों ने अपने टूरिस्ट्स से कहा था कि कुछ दिन इंतजार करके आएं.

हमारे कहने पर ही ये सभी टूरिस्ट अप्रैल, मई, जून और जुलाई में अपना टूर का प्रोग्राम बना रहे हैं. इन सभी महीनों में टूर के पैकेज की डिमांड बनी रहती है. अप्रैल से जून तक के लिए मोक्ष टूर की बुकिंग अधिक आ रही है. पहले की बात करें तो इन महीनों में हमारे पास बुकिंग्स नहीं आती थीं.

यह भी पढ़ें : राजमहल क्रूज 17 विदेशी पर्यटक को लेकर आज पहुंचेगा बनारस, जानिए कितना है एक यात्री का किराया

यह भी पढ़ें : विश्वनाथ धाम ने पर्यटन को दिया नया नाम, काशी रिलिजियस टूरिज्म के जरिये भरेगा उड़ान

काशी में मोक्ष टूर.

वाराणसी : बनारस इन दिनों पर्यटन का हब बना हुआ है. देश दुनिया से लोग बनारस को निहारने के लिए आ रहे हैं. काशी का बढ़ता क्रेज दक्षिण की नीलगिरी पहाड़ियों के क्रेज को भी पीछे छोड़ चुका है. नीलगिरी की वादियों में भी रहने वाले लोग बनारस को सिर्फ निहारने नहीं बल्कि यहां मोक्ष प्राप्ति के लिए भी आ रहे हैं.

यही वजह है कि इन दोनों काशी के 'मोक्ष टूर पैकेज' की डिमांड भरपूर है. इसकी जून तक की एडवांस बुकिंग हो चुकी है. दक्षिण भारतीयों की मान्यता है कि वह मोक्ष प्राप्ति के लिए नवरात्र काशी की धरा पर बिताएं. ऐसे में मोक्ष टूर पैकेज की डिमांड अधिक हो रही है.

अलौकिक वाराणसी .
अलौकिक वाराणसी .
अलौकिक वाराणसी .
अलौकिक वाराणसी .



वाराणसी में इन दिनों टूरिस्ट्स की संख्या अधिक हो चुकी है. वाराणसी आना लोग सबसे अधिक आना पसंद कर रहे हैं. यही वजह है कि रोजाना लाखों लोग काशी में सिर्फ मंदिरों के दर्शन और घाटों पर घूमने के लिए मौजूद रहते हैं. इसी बीच अब ट्रैवल एजेंसियों के पास 'मोक्ष टूर पैकेज' की मांग अधिक आ रही है.

इस पैकेज की डिमांड करने वाले सबसे अधिक दक्षिण भारतीय पर्यटक हैं. इस पैकेज के माध्यम से वे नवरात्र के समय काशी की धरती पर रहना चाहते हैं और मोक्ष की प्राप्ति करना चाहते हैं. अपनी मान्यताओं के आधार पर वे रात का समय काशी में ही बिताते हैं.

अलौकिक वाराणसी.
अलौकिक वाराणसी.


साउथ इंडिया से सबसे अधिक आ रही डिमांड : स्प्रिचुअल टूर के ट्रैवल एजेंट संतोष सिंह ने बताया कि हमारे पास साउथ इंडिया से सबसे अधिक मोक्ष टूर की डिमांड आ रही है. इसमें 9 रात और 10 दिन वे वाराणसी में ही रुकते हैं. इसमें हम लोग तीन से चार दिन वाराणसी लोकल का टूर कराते हैं.

इसके बाद सेम डे अलग जगह पर स्टे कराते हैं. जैसे एक ही दिन में प्रयागराज का स्टे कराकर रात में वाराणसी स्टे कराते हैं. ऐसे ही अयोध्या, बोधगया का एक दिन का स्टे कराकर रात का स्टे वाराणसी में कराया जाता है. यह हमारा मोक्ष टूर चलता है.

अलौकिक वाराणसी.
अलौकिक वाराणसी.

संतोष सिंह के अनुसार श्रद्धालुओं में यह मान्यता होती है कि वे वाराणसी में ही रात्रि प्रवास करेंगे तो ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी. मोक्ष टूर के लिए लगातार लोग जानकारियां लेते रहते हैं. कोई खास ऐसा महीना नहीं है, जिसमें अधिक मांग हो. हमेशा इसकी मांग बनी रहती है.

महीने में तीन से चार पैकेज हमेशा रहते हैं. पहले के समय में अप्रैल से लेकर सितंबर तक हमारा सीजन लीन होता था. विदेशी पर्यटक भी नहीं आते थे और भारतीय पर्यटक भी इतनी गर्मी में नहीं चलते थे, मगर अब अयोध्या का मंदिर खुल जाने की वजह से टूरिस्ट अधिक आना शुरू हो गए हैं.

काशी में पर्यटकों की संख्या.
काशी में पर्यटकों की संख्या.


राम मंदिर की वजह से बढ़े टूरिस्ट : संतोष सिंह ने बताया कि हमारे पर जो भी टूरिस्ट मोक्ष टूर पैकेज के लिए आते हैं वे वाराणसी के साथ ही अयोध्या टूर के लिए भी आते हैं. जब मंदिर का गेट खुला था तब उस समय इतनी भीड़ थी कि हम लोगों ने अपने टूरिस्ट्स से कहा था कि कुछ दिन इंतजार करके आएं.

हमारे कहने पर ही ये सभी टूरिस्ट अप्रैल, मई, जून और जुलाई में अपना टूर का प्रोग्राम बना रहे हैं. इन सभी महीनों में टूर के पैकेज की डिमांड बनी रहती है. अप्रैल से जून तक के लिए मोक्ष टूर की बुकिंग अधिक आ रही है. पहले की बात करें तो इन महीनों में हमारे पास बुकिंग्स नहीं आती थीं.

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