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MPPSC से चयनित अफसरों की शंकाओं का सीएम ने किया समाधान, देखें- संवाद के दौरान सवाल व जवाब

Mohan yadav meets mppsc candidates : मध्यप्रदेश सिविल सेवा परीक्षा पास करके अफसर बने नवयुवाओं से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संवाद किया. इस दौरान सीएम ने उन्हें सुशासन के गुर सिखाए. इस दौरान नए अफसरों के सवालों के जवाब भी सीएम ने इत्मीनान से दिए.

Mohan yadav meets mppsc candidates on good governance
MPPSC से चयनित अफसरों की शंकाओं का सीएम ने किया समाधान
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 25, 2024, 3:29 PM IST

भोपाल। राजधानी के रवींद्र भवन में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा 2019 एवं 2020 में चयनित 559 अधिकारियों को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने नियुक्ति पत्र दिए. इससे पहले चयनित अधिकारियों ने सीएम मोहन यादव से कई सवाल किए. एक सवाल के जवाब में सीएम मोहन यादव ने सिंगरौली जिले की चितरंगी तहसील के एसडीएम का उदाहरण दिया. बता दें कि चितरंगी के एसडीएम ने एक महिला कर्मचारी से अपने जूते के फीते बंधवाए. इससे नाराज होकर सीएम ने तत्काल एसडीएम को वहां से हटाने के निर्देश दिए हैं.

चुनौती के आगे सिर नहीं झुकाना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान राम को अलग-अलग तरह से जाना जाता है. रामराज्य के पथिक बनकर आप आगे जा रहे हैं. ये नियुक्ति पत्र नहीं ये विश्वास पत्र है. यह आपका अंतिम पड़ाव नहीं है. शासन की किसी मंजूरी की जरूरत होगी तो मैं उसे करूंगा. चुनौती के आगे बढ़ना है. उसके आगे सिर नहीं झुकाना है. यह युग नई टेक्नोलॉजी का है. पीएम मोदी हमारे सामने आगे एक उदाहरण हैं. नई टेक्नोलॉजी का उपयोग हम सबको करना चाहिए. स्कूल शिक्षा के सिस्टम में हमारे यहां बोर्ड परीक्षा होती है. पास करने वाले सर्टिफिकेट की मान्यता होती है. उज्जैन में एक गुरुकुल है जहां पहले तो बहुत हतोत्साहित किया जाता है, लेकिन वहां पास होने पर प्रमाण पत्र दिया जाता है.

Mohan yadav meets mppsc candidate
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से नए अफसरों के सवाल व जवाब

एसडीएम को हटाने का जिक्र

चितरंगी एसडीएम को हटाने पर सीएम ने कहा कि भले ही महिला का भाव सही हो लेकिन आपका भाव सही नहीं है. हम आपको सस्पेंड नहीं कर रहे लेकिन हटा रहे हैं. सीएम ने कहा कि मैं समझ रहा हूं कि जूते बांध रही महिला का भाव भले ही गलत न हो लेकिन ये ठीक नहीं है. आपने ऐसा काम किया जो पब्लिकली ठीक नहीं था. उन्होंने अधिकारियों को संदेश दिया कि आप जो कर रहे हैं, उसका प्रभाव क्या होगा, ये सोचकर काम करें. एक नवनियुक्त महिला अधिकारी ने सीएम से पूछा कि पब्लिक डीलिंग कैसे करें. इस पर सीएम ने कहा कि जनसेवा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, इंटेंशन सही होना चाहिए. हम अहंकार नहीं पालें और जहां से हमारी जड़ें हैं, उन्हें न काटें.

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मुख्यमंत्री से नए अफसरों के सवाल व जवाब

सवाल - अपनी व्यस्त दिनचर्या कैसे मेंटेन करते हैं.

जवाब - मैं डायरी मेंटेन करता हूं, उसमें लिखता हूं कि मुझे क्या करना है. किससे मिलता हूं. नवाचार भी करता रहता हूं. आगे क्या करना है, इसका भी ध्यान रखता हूं.

सवाल - आपकी सफलता में किस दोस्त का महत्वपूर्ण योगदान है.

जवाब - ये बात सही है हम किसी काम को करने जाते हैं तो सहयोगी जरूरी होते हैं. मैंने शुरुआत होटल में काम करते हुए की. होटल के काम के साथ राजनीति की. शुरुआत में जिनसे मित्रता की, वे आज भी साथ हैं. अपने साथ जुडे़ सभी लोगों की अच्छाई और बुराई के बारे में भी जानो. उनकी बुराइयों को दूर करो. उन्हें छोड़ो मत जिन्हें एक बार दोस्त बना लो.

सवाल - जनसेवा में कौन से तीन बातों का खयाल रखें.

जवाब - हमारे द्वारा किये गए काम गरिमा बढ़ाने वाला हो, विभाग के दायरे से आगे बढ़कर भी काम करना चाहिए. हम जहां से आये हैं, उन जड़ों का ख्याल रखना चाहिए. अहंकार नहीं पालना चाहिए. मध्यप्रदेश गान के समय खड़े होना जरूरी नहीं, ये परंपरा बदलना होगी. राष्ट्रगीत व राष्ट्रगान के समय खड़ा होना ठीक है.

सवाल - प्रदेश के विकास के लिए क्या प्राथमिकता है.

जवाब - विकास की कोई प्राथमिकता नहीं होती है, सभी के समन्वय के साथ विकास करना जरूरी है..

प्रश्न - स्ट्रेस प्रबधंन के लिए क्या करना है.

जवाब - कॉलेज के समय एमपीपीएससी चेयरमैन ने मेरे से कहा कि मैं तुम्हे डिप्टी कलेक्टर तो बना ही सकता हूं. तब मैंने कहा था कि मेरे नीचे आईएएस काम करेंगे. कभी भी नौकरी में कुछ हो सकता है, बिल्कुल काम करें. जो हमारा आत्मविश्वास बोले वही काम करें. परीक्षा दें तो डूबकर दें.

भोपाल। राजधानी के रवींद्र भवन में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा 2019 एवं 2020 में चयनित 559 अधिकारियों को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने नियुक्ति पत्र दिए. इससे पहले चयनित अधिकारियों ने सीएम मोहन यादव से कई सवाल किए. एक सवाल के जवाब में सीएम मोहन यादव ने सिंगरौली जिले की चितरंगी तहसील के एसडीएम का उदाहरण दिया. बता दें कि चितरंगी के एसडीएम ने एक महिला कर्मचारी से अपने जूते के फीते बंधवाए. इससे नाराज होकर सीएम ने तत्काल एसडीएम को वहां से हटाने के निर्देश दिए हैं.

चुनौती के आगे सिर नहीं झुकाना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान राम को अलग-अलग तरह से जाना जाता है. रामराज्य के पथिक बनकर आप आगे जा रहे हैं. ये नियुक्ति पत्र नहीं ये विश्वास पत्र है. यह आपका अंतिम पड़ाव नहीं है. शासन की किसी मंजूरी की जरूरत होगी तो मैं उसे करूंगा. चुनौती के आगे बढ़ना है. उसके आगे सिर नहीं झुकाना है. यह युग नई टेक्नोलॉजी का है. पीएम मोदी हमारे सामने आगे एक उदाहरण हैं. नई टेक्नोलॉजी का उपयोग हम सबको करना चाहिए. स्कूल शिक्षा के सिस्टम में हमारे यहां बोर्ड परीक्षा होती है. पास करने वाले सर्टिफिकेट की मान्यता होती है. उज्जैन में एक गुरुकुल है जहां पहले तो बहुत हतोत्साहित किया जाता है, लेकिन वहां पास होने पर प्रमाण पत्र दिया जाता है.

Mohan yadav meets mppsc candidate
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से नए अफसरों के सवाल व जवाब

एसडीएम को हटाने का जिक्र

चितरंगी एसडीएम को हटाने पर सीएम ने कहा कि भले ही महिला का भाव सही हो लेकिन आपका भाव सही नहीं है. हम आपको सस्पेंड नहीं कर रहे लेकिन हटा रहे हैं. सीएम ने कहा कि मैं समझ रहा हूं कि जूते बांध रही महिला का भाव भले ही गलत न हो लेकिन ये ठीक नहीं है. आपने ऐसा काम किया जो पब्लिकली ठीक नहीं था. उन्होंने अधिकारियों को संदेश दिया कि आप जो कर रहे हैं, उसका प्रभाव क्या होगा, ये सोचकर काम करें. एक नवनियुक्त महिला अधिकारी ने सीएम से पूछा कि पब्लिक डीलिंग कैसे करें. इस पर सीएम ने कहा कि जनसेवा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, इंटेंशन सही होना चाहिए. हम अहंकार नहीं पालें और जहां से हमारी जड़ें हैं, उन्हें न काटें.

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सवाल - अपनी व्यस्त दिनचर्या कैसे मेंटेन करते हैं.

जवाब - मैं डायरी मेंटेन करता हूं, उसमें लिखता हूं कि मुझे क्या करना है. किससे मिलता हूं. नवाचार भी करता रहता हूं. आगे क्या करना है, इसका भी ध्यान रखता हूं.

सवाल - आपकी सफलता में किस दोस्त का महत्वपूर्ण योगदान है.

जवाब - ये बात सही है हम किसी काम को करने जाते हैं तो सहयोगी जरूरी होते हैं. मैंने शुरुआत होटल में काम करते हुए की. होटल के काम के साथ राजनीति की. शुरुआत में जिनसे मित्रता की, वे आज भी साथ हैं. अपने साथ जुडे़ सभी लोगों की अच्छाई और बुराई के बारे में भी जानो. उनकी बुराइयों को दूर करो. उन्हें छोड़ो मत जिन्हें एक बार दोस्त बना लो.

सवाल - जनसेवा में कौन से तीन बातों का खयाल रखें.

जवाब - हमारे द्वारा किये गए काम गरिमा बढ़ाने वाला हो, विभाग के दायरे से आगे बढ़कर भी काम करना चाहिए. हम जहां से आये हैं, उन जड़ों का ख्याल रखना चाहिए. अहंकार नहीं पालना चाहिए. मध्यप्रदेश गान के समय खड़े होना जरूरी नहीं, ये परंपरा बदलना होगी. राष्ट्रगीत व राष्ट्रगान के समय खड़ा होना ठीक है.

सवाल - प्रदेश के विकास के लिए क्या प्राथमिकता है.

जवाब - विकास की कोई प्राथमिकता नहीं होती है, सभी के समन्वय के साथ विकास करना जरूरी है..

प्रश्न - स्ट्रेस प्रबधंन के लिए क्या करना है.

जवाब - कॉलेज के समय एमपीपीएससी चेयरमैन ने मेरे से कहा कि मैं तुम्हे डिप्टी कलेक्टर तो बना ही सकता हूं. तब मैंने कहा था कि मेरे नीचे आईएएस काम करेंगे. कभी भी नौकरी में कुछ हो सकता है, बिल्कुल काम करें. जो हमारा आत्मविश्वास बोले वही काम करें. परीक्षा दें तो डूबकर दें.

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