Ujjain Simhastha New Model : 2028 में मध्यप्रदेश के उज्जैन में होने जा रहे सिंहस्थ को लेकर मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार 3 साल पहले ही जोर शोर से तैयारी कर रही है. खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव इस महापर्व को लेकर इंटरेस्ट ले रहे हैं. अपने गृह क्षेत्र में होने जा रहे सिंहस्थ 2028 के लिए मोहन यादव नया मॉडल लाने की तैयारी में हैं, जिससे अगल सिंहस्थ और भी बेमिसाल होगा.
मुख्यमंत्री ने बताया सिंहस्थ 2028 का नया मॉडल
पिछले दिनों खबर आई थी कि उज्जैन से अधिकारियों की टीम प्रयागराज महाकुंभ में रिसर्च के लिए भेजी जाएगी. वहीं अब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि कैसे महाकुंभ से लिए गए इनपुट्स के आधार पर उज्जैन सिंहस्थ 2028 की भव्यता और बढ़ाई जाएगी. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, '' महाकुंभ 2025 के समापन के बाद, भीड़ व ट्रैफिक प्रबंधन, ड्रोन मॉनीटरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सुरक्षा में लगी कंपनियों और स्टार्टअप्स का एक सम्मेलन उज्जैन में आयोजित किया जाएगा. इनकी मदद से उज्जैन सिंहस्थ का मॉडल तैयारी किया जाएगा.''
प्रयागराज और हरिद्वार का होगा एनालिसिस
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, '' सिंहस्थ-2028 की तमाम व्यवस्थाओं को व्यापक और सर्वोत्तम रूप प्रदान करने प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ के मॉडल का एनालिसिस किया जाएगा. यहां की बेस्ट प्रैक्टिस सिंहस्थ-2028 में लागू की जाएंगी. सीएम ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को देख रहे अधिकारियों को विशेष निर्देश भी दिए हैं.
'रेलवे के साथ अभी से कॉर्डिनेट करें अधिकारी'
सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए रेलवे के कॉर्डिनेट करने के लिए विशेष कमेटी बनाने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को घाटों तक आसानी पहुंचाने के लिए भी नए रास्ते बनाए जाएं
आधुनिक होगा सिंहस्थ 2028
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस बार सिंहस्थ की तैयारियों में आधुनिक तकनीकों पर ज्यादा जोर रहेगा. प्रयागराज महाकुंभ दौरे से लौटने के बाद संबंधित अधिकारी अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे. इस रिपोर्ट के आधार पर उज्जैन में कार्य योजनाओं को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा. उज्जैन से लेकर इंदौर तक सीवरेज, स्वच्छता, ट्रैफिक मैनेजमेंट, हरियाली, वॉटर मैनेजमेंट आदि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
सिंहस्थ 2028 में पहुंचेंगे 15 करोड़ से ज्यादा लोग
सिंहस्थ 2028 को लेकर मध्यप्रदेस शासन ने करीब 15 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया है. ऐसे में 3 साल पहले से ही तमाम व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए खुद मोहन यादव दिलचस्पी लेकर कार्य योजना को आगे बढ़ा रहे हैं.
यह भी पढ़ें -