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मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूलों के लदने वाले हैं दिन, सरकारी स्कूलों में होगा बड़ा बदलाव - SCHOOL EDUCATION MADHYA PRADESH

मध्य प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारेगी. मार्च अप्रैल में ही कोर्स और यूनिफार्म स्कूलों में पहुंच जाएगा.

SCHOOL EDUCATION MADHYA PRADESH
सरकारी स्कूलों में होगा बड़ा बदलाव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

भोपाल: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों के बढ़ते ड्रॉप आउट संकट से बचने के लिए राज्य सरकार सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं में सुधार करने जा रही है. जिससे प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए लाइन लगाएंगे. इसके लिए सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के साथ निजी स्कूलों की मनमानी पर स्कूल शिक्षा विभाग शिकंजा कसने जा रहा है. सरकारी स्कूलों की जिन खामियों के कारण अभिभावक अपने बच्चों को यहां दाखिला दिलाने से कतराते हैं, अब उनमें सुधार करने की तैयारी है.

सरकारी स्कूलों में नहीं होगी शिक्षकों की कमी
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि, ''सरकारी स्कूलों की व्यवस्था से पहले वहां शिक्षकों की कमी पूरी करना जरुरी है. ऐसे में इस वर्ष स्कूल शिक्षा विभाग ने 42 हजार शिक्षकों को उच्च पद प्रभार और युक्तियुक्तकरण के जरिए उन स्कूलों में पहुंचाया है, जहां शिक्षकों की कमी थी. अब नए शैक्षणिक सत्र से अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी अप्रैल महीने में ही पूरी कर ली जाएगी. जिससे बच्चों के कोर्स समय पर शुरु हो सकें. अभी सरकारी स्कूलों में खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने में आधे से अधिक सत्र बीत जाता है और बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती है. जिससे बच्चों का रिजल्ट बिगड़ता है.''

MINISTER UDAY PRATAP SINGH
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह (ETV Bharat)

अप्रैल में मिल जाएंगी यूनीफार्म और किताबें
मंत्री उदय प्रताप ने बताया कि, ''राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों को शुल्क गणवेश और पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं. स्कूल खुलने के बाद पाठ्य पुस्तक निगम सरकारी स्कूलों में किताबें भिजवाता है. लेकिन अब नई व्यवस्था में किताबें अप्रैल महीने से पहले इन स्कूलों में पहुंचेंगी. वहीं यूनीफार्म के लिए दी जाने वाली राशि भी अप्रैल महीने में ही छात्रों के बैंक खातों में पहुंच जाएगी. जिससे वो समय पर गणवेश तैयार करवा सकेंगे.

टीचर पर होगी स्कूलों में एडमिशन की जिम्मेदारी
स्कूल शिक्षा विभाग हर साल प्रदेश में शाला त्यागी बच्चों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं. ऐसे में विभाग अब स्कूल के शिक्षकों को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहा है. अब सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिला कराने की जिम्मेदारी अभिभावक नहीं स्कूल के हेड मास्टर और प्राचार्याें की होगी. स्कूल शिक्ष मंत्री ने बताया कि, ''प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन के बाद उनकी जिम्मेदारी सरकारी की होगी.''

''जैसे बच्चा 5वीं कक्षा पास कर लेता है, संबंधित प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर की जिम्मेदारी होगी, कि वो उस बच्चे का दाखिला दूसरे मिडिल स्कूल में कराएगा. इसमें बच्चों के मार्कशीट व अन्य प्रमाण पत्र दूसरे स्कूल में जमा कराने की जिम्मेदारी भी हेड मास्टर की होगी. इसी तरह जब बच्चा 8वीं पास कर लेगा तो उस स्कूल का प्रचार्य बच्चे का एडमिशन दूसरे हाई या हायर सेकंडरी स्कूल में कराएगा.''

भोपाल: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों के बढ़ते ड्रॉप आउट संकट से बचने के लिए राज्य सरकार सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं में सुधार करने जा रही है. जिससे प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए लाइन लगाएंगे. इसके लिए सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के साथ निजी स्कूलों की मनमानी पर स्कूल शिक्षा विभाग शिकंजा कसने जा रहा है. सरकारी स्कूलों की जिन खामियों के कारण अभिभावक अपने बच्चों को यहां दाखिला दिलाने से कतराते हैं, अब उनमें सुधार करने की तैयारी है.

सरकारी स्कूलों में नहीं होगी शिक्षकों की कमी
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि, ''सरकारी स्कूलों की व्यवस्था से पहले वहां शिक्षकों की कमी पूरी करना जरुरी है. ऐसे में इस वर्ष स्कूल शिक्षा विभाग ने 42 हजार शिक्षकों को उच्च पद प्रभार और युक्तियुक्तकरण के जरिए उन स्कूलों में पहुंचाया है, जहां शिक्षकों की कमी थी. अब नए शैक्षणिक सत्र से अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी अप्रैल महीने में ही पूरी कर ली जाएगी. जिससे बच्चों के कोर्स समय पर शुरु हो सकें. अभी सरकारी स्कूलों में खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने में आधे से अधिक सत्र बीत जाता है और बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती है. जिससे बच्चों का रिजल्ट बिगड़ता है.''

MINISTER UDAY PRATAP SINGH
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह (ETV Bharat)

अप्रैल में मिल जाएंगी यूनीफार्म और किताबें
मंत्री उदय प्रताप ने बताया कि, ''राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों को शुल्क गणवेश और पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं. स्कूल खुलने के बाद पाठ्य पुस्तक निगम सरकारी स्कूलों में किताबें भिजवाता है. लेकिन अब नई व्यवस्था में किताबें अप्रैल महीने से पहले इन स्कूलों में पहुंचेंगी. वहीं यूनीफार्म के लिए दी जाने वाली राशि भी अप्रैल महीने में ही छात्रों के बैंक खातों में पहुंच जाएगी. जिससे वो समय पर गणवेश तैयार करवा सकेंगे.

टीचर पर होगी स्कूलों में एडमिशन की जिम्मेदारी
स्कूल शिक्षा विभाग हर साल प्रदेश में शाला त्यागी बच्चों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं. ऐसे में विभाग अब स्कूल के शिक्षकों को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहा है. अब सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिला कराने की जिम्मेदारी अभिभावक नहीं स्कूल के हेड मास्टर और प्राचार्याें की होगी. स्कूल शिक्ष मंत्री ने बताया कि, ''प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन के बाद उनकी जिम्मेदारी सरकारी की होगी.''

''जैसे बच्चा 5वीं कक्षा पास कर लेता है, संबंधित प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर की जिम्मेदारी होगी, कि वो उस बच्चे का दाखिला दूसरे मिडिल स्कूल में कराएगा. इसमें बच्चों के मार्कशीट व अन्य प्रमाण पत्र दूसरे स्कूल में जमा कराने की जिम्मेदारी भी हेड मास्टर की होगी. इसी तरह जब बच्चा 8वीं पास कर लेगा तो उस स्कूल का प्रचार्य बच्चे का एडमिशन दूसरे हाई या हायर सेकंडरी स्कूल में कराएगा.''

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