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सौतेले पिता के कुकर्मों पर डाला मां-बेटी ने पर्दा, डीएनए रिपोर्ट ने करा दी उम्रकैद की सजा - SESSIONS COURT GWALIOR

ग्वालियर की जिला और सत्र न्यायालय ने नाबालिग बेटी के कुकर्मी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 20, 2024, 11:07 PM IST

ग्वालियर: अपनी ही बेटी को हवस का शिकार बनाने वाले सौतेले पिता को ग्वालियर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान आरोपी की पत्नी और उसकी सौतेली बेटी ने बाद में अपने पिता के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया, यानी वे दोनों पक्षी द्रोही हो गए. बावजूद इसके कोर्ट ने एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट को पर्याप्त सबूत मानते हुए 30 साल के सौतेले पिता को उम्र कैद की सजा दी है.

कोर्ट ने कहा, जिस घर में बेटियां ही सुरक्षित नहीं हैं, ऐसे में आरोपी के खिलाफ नरमी उचित नहीं है

हालांकि इस कलयुगी पिता ने न्यायालय में कहा कि यह उसका पहला अपराध है इसलिए सजा में उसे रियायत दी जाए. लेकिन कोर्ट ने कहा कि जिस घर में बेटियां ही सुरक्षित नहीं हैं और रक्षक की भक्षक बन जाएं, ऐसे में आरोपी के खिलाफ नरमी बरती जाना उचित नहीं है. इसलिए कोर्ट ने युवक को आजीवन कारावास के साथ ही 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.

घटना के समय लड़की की उम्र महज साढे़ आठ साल थी. घटना विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के अंतर्गत सामने आई थी. जहां 4 मई 2022 को घर में अकेली लड़की को सौतेले पिता ने अपनी हवस का शिकार बना लिया था.

बेटी और उसकी मां ने कोर्ट में बताया था कि उनका आपस का झगड़ा था लेकिन पुलिस ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कर लिया

लड़की की मां सरकारी अस्पताल में कार्यरत है. सरकारी अधिवक्ता आशीष राठौर ने बताया कि बेटी और उसकी मां ने कोर्ट में बताया था कि उनका आपस का झगड़ा था लेकिन पुलिस ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कर लिया था. अभियोजन ने इस बात को नहीं माना. लड़की के कपड़ों पर वीर्य और मानव शुक्राणु पाए गए थे. डीएनए रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई थी. इसे कोर्ट ने पुख्ता सबूत माना था.

ग्वालियर: अपनी ही बेटी को हवस का शिकार बनाने वाले सौतेले पिता को ग्वालियर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान आरोपी की पत्नी और उसकी सौतेली बेटी ने बाद में अपने पिता के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया, यानी वे दोनों पक्षी द्रोही हो गए. बावजूद इसके कोर्ट ने एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट को पर्याप्त सबूत मानते हुए 30 साल के सौतेले पिता को उम्र कैद की सजा दी है.

कोर्ट ने कहा, जिस घर में बेटियां ही सुरक्षित नहीं हैं, ऐसे में आरोपी के खिलाफ नरमी उचित नहीं है

हालांकि इस कलयुगी पिता ने न्यायालय में कहा कि यह उसका पहला अपराध है इसलिए सजा में उसे रियायत दी जाए. लेकिन कोर्ट ने कहा कि जिस घर में बेटियां ही सुरक्षित नहीं हैं और रक्षक की भक्षक बन जाएं, ऐसे में आरोपी के खिलाफ नरमी बरती जाना उचित नहीं है. इसलिए कोर्ट ने युवक को आजीवन कारावास के साथ ही 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.

घटना के समय लड़की की उम्र महज साढे़ आठ साल थी. घटना विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के अंतर्गत सामने आई थी. जहां 4 मई 2022 को घर में अकेली लड़की को सौतेले पिता ने अपनी हवस का शिकार बना लिया था.

बेटी और उसकी मां ने कोर्ट में बताया था कि उनका आपस का झगड़ा था लेकिन पुलिस ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कर लिया

लड़की की मां सरकारी अस्पताल में कार्यरत है. सरकारी अधिवक्ता आशीष राठौर ने बताया कि बेटी और उसकी मां ने कोर्ट में बताया था कि उनका आपस का झगड़ा था लेकिन पुलिस ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कर लिया था. अभियोजन ने इस बात को नहीं माना. लड़की के कपड़ों पर वीर्य और मानव शुक्राणु पाए गए थे. डीएनए रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई थी. इसे कोर्ट ने पुख्ता सबूत माना था.

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