ETV Bharat / business

देश दाल से मालामाल, फिर क्यों अरबों डॉलर में कनाडा,रशिया से लेते हैं माल, ये है निर्मला सीतारमण का आत्मनिर्भर प्लान - NIRMALA SITARAMAN FOCUS ON PULSES

साल 2030 तक भारत को दलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है. आंकड़ें बताते हैं कि पिछले 3 सालों में दालों का उत्पादन लगातार गिर रहा है. बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 साल का प्लान तैयार किया है.

NIRMALA SITARAMAN FOCUS ON PULSES
साल 2030 तक दालों में आत्मनिर्भर होगा भारत (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 8:22 PM IST

Updated : Feb 1, 2025, 9:39 PM IST

भोपाल: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को साल 2025-26 के बजट की घोषणा कर दी है. इसमें दलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए नीति तैयार करने की बात कही गई है. जिससे किसानों की आय में वृद्धि की जा सके और उपभोक्ताओं को भी राहत मिले. विशेषज्ञ बताते हैं कि भारत को दलहन फसलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के दो मायने हैं. पहला तो ये कि आने वाले सालों में जो हमारी खपत होगी, उसे मेंटेन कर सकें. दूसरी कनाडा जैसे देशों से, जिनसे अभी भारत के साथ तनावपूर्ण माहौल है, ऐसे देशों से दालों के आयात पर निर्भरता खत्म की जा सके.

'साल 2030 तक दालों में आत्मनिर्भर होगा भारत'

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है. दलहन फसलों का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से सरकार 4 साल तक उनके उत्पादन का शत प्रतिशत दलहन खरीदेगी. इससे साल 2030 तक दालों में भारत आत्मनिर्भर होगा. "

NIRMALA SITARAMAN FOCUS ON PULSES
दालों की आत्मनिर्भरता को लेकर बजट में निर्मला सीतारमण की बड़ी बातें (ETV Bharat)

सरकार की इस नीति से सबसे अधिक मध्यप्रदेश के किसानों को फायदा होगा. दरअसल देश में तुअर उत्पादन वाले राज्यों में मध्यप्रदेश तीसरे नंबर पर है. मध्यप्रदेश से ज्यादा तुअर का उत्पादन महाराष्ट्र और कर्नाटक में होता है. वहीं बीते साल उड़द उत्पादन के मामले में देश में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी करीब 47.70 प्रतिशत मध्य प्रदेश में दर्ज की गई है. जबकि मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान, उड़ीसा और महाराष्ट्र का नंबर है.

NIRMALA SITARAMAN FOCUS ON PULSES
दालों की आत्मनिर्भरता को लेकर बजट में निर्मला सीतारमण की बड़ी बातें (ETV Bharat)

भारत दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता

कृषि वैज्ञानिक डीके पाठक ने बताया कि "सरकार की इस रणनीति का उद्देश्य कनाडा जैसे देशों से दाल की आयात निर्भरता को कम करने के साथ फसल के विविधीकरण और किसानों की आय बढ़ाना है. वर्तमान में दलहन की प्रमुख खेती देश के 55 जिलों में ही होती है. जबकि विश्व में भारत दलहन का सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक है. यहां विश्व की करीब 25 प्रतिशत दलहन फसलों का उत्पादन होता है. बजट में किए गए प्रावधानों से जहां देश दलहन फसलों में आत्मनिर्भर बनेगा वहीं मुद्रास्फीति पर भी लगाम लगेगी."

Madhya Pradesh tops in pulse production
दाल उत्पादन में मध्य प्रदेश अव्वल (ETV Bharat)

'दलहन किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छा कदम'

सीए जयदीप बंसल ने बताया कि "बीते 3 वर्षों में देश में दलहन फसलों का उत्पादन करीब 275 लाख मीट्रिक टन के आसपास रहा है. जबकि नीति आयोग के अनुसार आने वाले 2030 तक भारत में दालों की 326 मीट्रिक टन खपत होगी. इस फासले को बैलेंस करने के लिए केंद्रीय बजट में दलहन किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ये कदम उठाया गया है. दालों के जब दाम बढ़ते हैं, तो एक फैक्टर डिपेंड नहीं करता. इसमें उत्पादन और आयात के साथ अन्य फैक्टर भी प्रभावित करते हैं. सरकार के इस निर्णय से जहां मंहगाई दर कंट्रोल होगी, जनता को इसका सीधा फायदा होगा. एमएसपी दर पर शतप्रतिशत उत्पाद को खरीदने से किसानों की आय भी बढ़ेगी."

Madhya Pradesh tops in pulse production
दाल उत्पादन में मध्य प्रदेश अव्वल (ETV Bharat)

'अनाजों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात'

आर्थिक जानकार आदित्य मनिया जैन कहते हैं कि "केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को विकसित भारत की दिशा में बढ़ते भारत का बजट कहा जा सकता है. पिछले बजट की तरह इस बार भी सरकार का फोकस आधारभूत संरचना को मजबूत करने के अलावा छोटे उद्योगों को मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रावधान किए हैं."

उन्होंने कहा कि "जहां तक देश में अनाजों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात है, तो सरकार ने एक दिन पहले ही आर्थिक सर्वेक्षण में दालों के मामले में उत्पादन क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, क्योंकि दूसरे देशों से दालों के आयात का असर महंगाई पर साफ दिखाई देता है और यह स्थिति उस समय और खराब होने की आशंका होती है जब आयातित देशों में युद्ध या कोई दूसरा संकट आता है."

How much pulses India import
भारत ने दालों का कितना किया आयात (ETV Bharat)

साल 2023-24 में कनाडा से 930 मिलियन डॉलर की दाल खरीदी

भारत का कनाडा से दाल आयात साल 2023-24 में 930 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. वहीं 2022-23 में 370 मिलियन डॉलर और 2021-22 में 411 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. हालांकि भारत कनाडा के अलावा ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार, मोजाम्बिक, तंजानिया, सूडान,रूस और मलावी से तुअर, उड़द और मसूर का आयात करता है. हालांकि भारत कुछ देशों को दलहन फसलें निर्यात भी करता है. इसमें साउदी अरब, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, नेपाल, ईरान, श्रीलंका, कनाडा, तुर्की और बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं.

India is largest producer of pulses in world
विश्व में भारत सबसे बड़ा दाल उत्पादक (ETV Bharat)

दलहन फसलों के लिए मध्यप्रदेश में अनुकूल मानसून

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए रबी फसलों की मूल्य नीति पर अपनी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला है कि भारत में दलहन उत्पादन कुछ ही राज्यों और जिलों तक सीमित है. जैविक और अजैविक तनावों के कारण इसमें महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव होता रहता है. इसमें कहा गया है कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में प्रमुख दलहन फसलों के लिए अनुकूल मानसून है. संभावित रुप से इन प्रदेशों में तुअर, उड़द और मसूर जैसी दालों की खेती को बढ़ावा देने की बात कही गई है.

'उड़द का 5.50 लाख हेक्टेयर का रकबा'

कृषि विशेषज्ञ देशराज सिंह ने बताया कि "राजस्थान में उड़द का उत्पादन भी काफी महत्वपूर्ण है. राजस्थान में करीब 5.50 लाख हेक्टेयर में उड़द की खेती की जाती है. विशेष रूप से पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में उड़द का 40,000 हेक्टेयर का रकबा है. यह घोषणा इन किसानों के लिए खास फायदेमंद होगी, क्योंकि दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए मिशन से इनकी उपज को प्रोत्साहन मिलेगा."

साल दर साल गिर रहा दालों का उत्पादन

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक है, फिर भी इसका उत्पादन बड़ी मांग को पूरा करने के लिए कम पड़ रहा है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 22 में 27.3 मिलियन टन दालों का उत्पादन किया था, जो वित्त वर्ष 23 में घटकर 26 मिलियन टन और वित्त वर्ष 24 में 24.5 मिलियन टन रह गया.

भोपाल: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को साल 2025-26 के बजट की घोषणा कर दी है. इसमें दलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए नीति तैयार करने की बात कही गई है. जिससे किसानों की आय में वृद्धि की जा सके और उपभोक्ताओं को भी राहत मिले. विशेषज्ञ बताते हैं कि भारत को दलहन फसलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के दो मायने हैं. पहला तो ये कि आने वाले सालों में जो हमारी खपत होगी, उसे मेंटेन कर सकें. दूसरी कनाडा जैसे देशों से, जिनसे अभी भारत के साथ तनावपूर्ण माहौल है, ऐसे देशों से दालों के आयात पर निर्भरता खत्म की जा सके.

'साल 2030 तक दालों में आत्मनिर्भर होगा भारत'

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है. दलहन फसलों का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से सरकार 4 साल तक उनके उत्पादन का शत प्रतिशत दलहन खरीदेगी. इससे साल 2030 तक दालों में भारत आत्मनिर्भर होगा. "

NIRMALA SITARAMAN FOCUS ON PULSES
दालों की आत्मनिर्भरता को लेकर बजट में निर्मला सीतारमण की बड़ी बातें (ETV Bharat)

सरकार की इस नीति से सबसे अधिक मध्यप्रदेश के किसानों को फायदा होगा. दरअसल देश में तुअर उत्पादन वाले राज्यों में मध्यप्रदेश तीसरे नंबर पर है. मध्यप्रदेश से ज्यादा तुअर का उत्पादन महाराष्ट्र और कर्नाटक में होता है. वहीं बीते साल उड़द उत्पादन के मामले में देश में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी करीब 47.70 प्रतिशत मध्य प्रदेश में दर्ज की गई है. जबकि मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान, उड़ीसा और महाराष्ट्र का नंबर है.

NIRMALA SITARAMAN FOCUS ON PULSES
दालों की आत्मनिर्भरता को लेकर बजट में निर्मला सीतारमण की बड़ी बातें (ETV Bharat)

भारत दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता

कृषि वैज्ञानिक डीके पाठक ने बताया कि "सरकार की इस रणनीति का उद्देश्य कनाडा जैसे देशों से दाल की आयात निर्भरता को कम करने के साथ फसल के विविधीकरण और किसानों की आय बढ़ाना है. वर्तमान में दलहन की प्रमुख खेती देश के 55 जिलों में ही होती है. जबकि विश्व में भारत दलहन का सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक है. यहां विश्व की करीब 25 प्रतिशत दलहन फसलों का उत्पादन होता है. बजट में किए गए प्रावधानों से जहां देश दलहन फसलों में आत्मनिर्भर बनेगा वहीं मुद्रास्फीति पर भी लगाम लगेगी."

Madhya Pradesh tops in pulse production
दाल उत्पादन में मध्य प्रदेश अव्वल (ETV Bharat)

'दलहन किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छा कदम'

सीए जयदीप बंसल ने बताया कि "बीते 3 वर्षों में देश में दलहन फसलों का उत्पादन करीब 275 लाख मीट्रिक टन के आसपास रहा है. जबकि नीति आयोग के अनुसार आने वाले 2030 तक भारत में दालों की 326 मीट्रिक टन खपत होगी. इस फासले को बैलेंस करने के लिए केंद्रीय बजट में दलहन किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ये कदम उठाया गया है. दालों के जब दाम बढ़ते हैं, तो एक फैक्टर डिपेंड नहीं करता. इसमें उत्पादन और आयात के साथ अन्य फैक्टर भी प्रभावित करते हैं. सरकार के इस निर्णय से जहां मंहगाई दर कंट्रोल होगी, जनता को इसका सीधा फायदा होगा. एमएसपी दर पर शतप्रतिशत उत्पाद को खरीदने से किसानों की आय भी बढ़ेगी."

Madhya Pradesh tops in pulse production
दाल उत्पादन में मध्य प्रदेश अव्वल (ETV Bharat)

'अनाजों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात'

आर्थिक जानकार आदित्य मनिया जैन कहते हैं कि "केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को विकसित भारत की दिशा में बढ़ते भारत का बजट कहा जा सकता है. पिछले बजट की तरह इस बार भी सरकार का फोकस आधारभूत संरचना को मजबूत करने के अलावा छोटे उद्योगों को मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रावधान किए हैं."

उन्होंने कहा कि "जहां तक देश में अनाजों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात है, तो सरकार ने एक दिन पहले ही आर्थिक सर्वेक्षण में दालों के मामले में उत्पादन क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, क्योंकि दूसरे देशों से दालों के आयात का असर महंगाई पर साफ दिखाई देता है और यह स्थिति उस समय और खराब होने की आशंका होती है जब आयातित देशों में युद्ध या कोई दूसरा संकट आता है."

How much pulses India import
भारत ने दालों का कितना किया आयात (ETV Bharat)

साल 2023-24 में कनाडा से 930 मिलियन डॉलर की दाल खरीदी

भारत का कनाडा से दाल आयात साल 2023-24 में 930 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. वहीं 2022-23 में 370 मिलियन डॉलर और 2021-22 में 411 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. हालांकि भारत कनाडा के अलावा ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार, मोजाम्बिक, तंजानिया, सूडान,रूस और मलावी से तुअर, उड़द और मसूर का आयात करता है. हालांकि भारत कुछ देशों को दलहन फसलें निर्यात भी करता है. इसमें साउदी अरब, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, नेपाल, ईरान, श्रीलंका, कनाडा, तुर्की और बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं.

India is largest producer of pulses in world
विश्व में भारत सबसे बड़ा दाल उत्पादक (ETV Bharat)

दलहन फसलों के लिए मध्यप्रदेश में अनुकूल मानसून

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए रबी फसलों की मूल्य नीति पर अपनी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला है कि भारत में दलहन उत्पादन कुछ ही राज्यों और जिलों तक सीमित है. जैविक और अजैविक तनावों के कारण इसमें महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव होता रहता है. इसमें कहा गया है कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में प्रमुख दलहन फसलों के लिए अनुकूल मानसून है. संभावित रुप से इन प्रदेशों में तुअर, उड़द और मसूर जैसी दालों की खेती को बढ़ावा देने की बात कही गई है.

'उड़द का 5.50 लाख हेक्टेयर का रकबा'

कृषि विशेषज्ञ देशराज सिंह ने बताया कि "राजस्थान में उड़द का उत्पादन भी काफी महत्वपूर्ण है. राजस्थान में करीब 5.50 लाख हेक्टेयर में उड़द की खेती की जाती है. विशेष रूप से पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में उड़द का 40,000 हेक्टेयर का रकबा है. यह घोषणा इन किसानों के लिए खास फायदेमंद होगी, क्योंकि दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए मिशन से इनकी उपज को प्रोत्साहन मिलेगा."

साल दर साल गिर रहा दालों का उत्पादन

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक है, फिर भी इसका उत्पादन बड़ी मांग को पूरा करने के लिए कम पड़ रहा है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 22 में 27.3 मिलियन टन दालों का उत्पादन किया था, जो वित्त वर्ष 23 में घटकर 26 मिलियन टन और वित्त वर्ष 24 में 24.5 मिलियन टन रह गया.

Last Updated : Feb 1, 2025, 9:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.