शहडोल: दिसंबर का महीना चल रहा है और ठंड बिल्कुल चरम पर है. मध्य प्रदेश में तापमान लगातार गिरता जा रहा है. ठंड से लोगों का हाल बेहाल है. जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, साथ ही किसान भी परेशान हैं. क्योंकि जिस तरह से तापमान 5 डिग्री के नीचे आ जा रहा है, उससे फसलों में पाला पड़ने की आशंका है, जिससे उसकी पूरी फसल बर्बाद हो सकती है. लेकिन कुछ उपाय करने से फसलों को ठंड से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.
पाला किन परिस्थियों में पड़ता है
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि, ''पहले तो हमें यह जानना जरूरी होता है कि पाला किन-किन परिस्थितियों में फसल में कब लगता है. वायुमंडल का जो तापमान होता है, वो जीरो डिग्री से कम हो जाता है. हवा का प्रवाह दोपहर के समय बंद रहता है, मतलब शांत रहता है. इस अवस्था में पौधे के अंदर कोशिका में जो पानी होता है वो बर्फ के रूप में परिवर्तित हो जाता है. बर्फ पौधे की कोशिकाओं को तोड़ देता है. जिससे पौधा सूखकर मुरझा जाता है. उसके बाद उसकी डेथ हो जाती है. इस अवस्था को ही फसल में पाला लगना बोलते हैं.''
मेढ़ों पर लगाएं ऐसे पौधे
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति फसलों को पाला से बचाने के लिए उपाय बताते हुए कहते हैं कि, ''इसके बचाव के लिए कई तरीके हैं. दीर्घकालीन उपाय के अंतर्गत अगर लंबे समय तक अपनी फसल को पाला से बचाना है तो खेतों में विशेष प्रकार के वृक्ष विशेष दिशा में लगाएं. जैसे उत्तर पश्चिम दिशा की ओर जो खेत के मेड़ होते हैं, खेत के उस मेड़ में शीशम, बबूल, जामुन, मुनगा के पौधे लगा देते हैं, तो ये हवा को रोकने का काम करता है.''
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फसलों को पाला से बचाने के उपाय
- हमारे यहां सब्जी मुख्य रूप से बैगन है, मिर्च है टमाटर है. किसान इन दिनों उनकी नर्सरी लगा रहे हैं. उनके पौधे अभी बहुत छोटे होंगे या बीज डाले होंगे, तो उसको इस ठंड में बचाने के लिए धान या जूट की बोरी से उसे ढक दें, जिससे अंदर की नमी बनी रहे.
- खेत में फसलों में पाला पड़ने की समस्या लग रही है तो खेत में किसी प्रकार की निराई गुड़ाई का काम ना करें. जिससे फसल में गर्मी बनी रहे.
- मुख्य रूप से ठंड की फसलें जैसे गेहूं, सरसों, मटर अलसी पर हल्की-हल्की सिंचाई करते रहें. स्प्रिंकलर से हो सके तो ज्यादा बेहतर है, जिससे भूमि में नमी बनी रहे.
- खेत के मेढ़ में पैरा, भूसा या खरपतवार को रात्रि के समय धुआं करते रहें.
- इसके अलावा थायो यूरिया की एक ग्राम मात्रा को 2 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करते रहें. घुलनशील सल्फर की 8 से 10 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ की दर से फसल पर छिड़काव कर सकते हैं.
इसके अलावा घुलनशील सल्फर की दो ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल कर अगर छिड़काव करते हैं तो निश्चित रूप से फसल को पाले से फायदा होगा. कम नुकसान होगा और खेत को सुरक्षित कर सकते हैं. इन टिप्स को आजमाने से फसलें सुरक्षित रहेंगी और बंपर पैदावार होगी.