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दिवाली से पहले बढ़ेगा DA तो क्या HRA भी बढ़ेगा? क्या है मोहन यादव सरकार का प्लान?

डीए का इंतजार कर रहे प्रदेश के कर्मचारी HRA की भी कर रहे मांग, क्या इसपर विचार करेगी सरकार?

MP GOVT DA HRA HIKE PLAN DIWALI 2024
क्या है मोहन यादव सरकार का प्लान? (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Mp Govt DA hike before diwali : दिवाली से पहले सरकार द्वारा एडवांस सैलरी दिए जाने के फैसले के बाद भी प्रदेश के सराकारी कर्मचारी खुश नहीं हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है प्रदेश सरकार द्वारा लंबित महंगाई भत्ते (DA) का ना मिलना. ऐसे में जब दिवाली को महज 3 दिन शेष रह गए हैं तो सवाल ये उठने लगे हैं कि आखिर मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार का डीए या HRA को लेकर क्या प्लान है? क्या दिवाली की एडवांस सैलरी के साथ कर्मचारियों को खुशखबरी मिलेगी या फिर सिर्फ सैलरी के साथ ही संतुष्ट होना पड़ेगा. इसके साथ ही सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर मध्यप्रदेश सरकार ने दिवाली के पहले डीए बढ़ाया तो इसके साथ HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस भी बढ़ेगा?

क्या है HRA?

HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस यानी गृह भाड़ा भत्ता कर्मचारी की सैलरी का अहम हिस्सा होता है. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को मूल वेतन और ग्रेड पे के जोड़ का 10 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 30 प्रतिशत हाउस रेंट अलाउंस के रूप में दिया जाता था. छठे वेतनमान के हिसाब से HRA की अधिकतम सीमा 30 प्रतिशत है. वहीं अब HRA को बढ़ाने की मांग भी कर्मचारी संगठन करने लगे हैं.

एडवांस सैलरी से ज्यादा डीए की चिंता

मध्यप्रदेश में एचआरए से पहले महंगाई भत्ते का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. कर्मचारी संगठन लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं कि उन्हें महंगाई भत्ता का केंद्र के बराबर भुगतान किया जाए. दरअसल, कर्मचारियों को एडवांस सैलरी से ज्यादा डीए की चिंता है जिसपर लंबे से फैसला अटका हुआ है. डीए के बवाल पर कांग्रेस भी बीच में कूद पड़ी है. कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, '' एडवांस वेतन के कदम के लिए आपको साधुवाद मुख्यमंत्री जी लेकिन वेतन कर्मचारियों का अधिकार है और कर्मचारियों की असली दीपावली तभी रोशन होगी जब आप उन्हें 7% महंगाई भत्ता देंगे. जब साथ में चुनी हुई छत्तीसगढ़ की सरकार ने भत्ता जारी कर दिया है तो मध्यप्रदेश में क्या रुकावट आ रही है? या सरकार की भत्ता देने की मंशा ही नहीं है. वेतन कर्मचारियों का अधिकार है, उसको जल्दी देकर वाहवाही मत लूटिए. ये मेरी मांग नहीं है ये कर्मचारियों की मांग है, भत्ता जारी कीजिए और कर्मचारियों की दीपावली को रोशन कीजिए.''

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28 को मिलेगी एडवांस सैलरी, कांग्रेस ने कहा वाहवाही न लूटें

गौरतलब है कि दिवाली को देखते हुए सीएम मोहन यादव ने सभी शासकीय कर्मचारियों को जल्द वेतन देने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए थे. इसके बाद वित्त विभाग ने 28 अक्टूबर सोमवार को 1 नवंबर को मिलने वाला वेतन देने का फैसला किया है. हालांकि, कांग्रेस ने इसपर भी सवाल खड़े किए हैं. प्रदेश उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने तंज कसते हुए कहा, '' वेतन सभी कर्मचारियों का अधिकार है, इसे पहले देकर सरकार को वाहवाही नहीं लूटनी चाहिए. कर्मचारियों की दिवाली तभी रोशन होगी जब उन्हें 7 प्रतिशत डीए दिया जाएगा.'' अब देखना ये हो कि मोहन यादव सरकार डीए और एचआरए को लेकर दिवाली के पहले कोई फैसला लेती है या नहीं.

Mp Govt DA hike before diwali : दिवाली से पहले सरकार द्वारा एडवांस सैलरी दिए जाने के फैसले के बाद भी प्रदेश के सराकारी कर्मचारी खुश नहीं हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है प्रदेश सरकार द्वारा लंबित महंगाई भत्ते (DA) का ना मिलना. ऐसे में जब दिवाली को महज 3 दिन शेष रह गए हैं तो सवाल ये उठने लगे हैं कि आखिर मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार का डीए या HRA को लेकर क्या प्लान है? क्या दिवाली की एडवांस सैलरी के साथ कर्मचारियों को खुशखबरी मिलेगी या फिर सिर्फ सैलरी के साथ ही संतुष्ट होना पड़ेगा. इसके साथ ही सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर मध्यप्रदेश सरकार ने दिवाली के पहले डीए बढ़ाया तो इसके साथ HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस भी बढ़ेगा?

क्या है HRA?

HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस यानी गृह भाड़ा भत्ता कर्मचारी की सैलरी का अहम हिस्सा होता है. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को मूल वेतन और ग्रेड पे के जोड़ का 10 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 30 प्रतिशत हाउस रेंट अलाउंस के रूप में दिया जाता था. छठे वेतनमान के हिसाब से HRA की अधिकतम सीमा 30 प्रतिशत है. वहीं अब HRA को बढ़ाने की मांग भी कर्मचारी संगठन करने लगे हैं.

एडवांस सैलरी से ज्यादा डीए की चिंता

मध्यप्रदेश में एचआरए से पहले महंगाई भत्ते का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. कर्मचारी संगठन लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं कि उन्हें महंगाई भत्ता का केंद्र के बराबर भुगतान किया जाए. दरअसल, कर्मचारियों को एडवांस सैलरी से ज्यादा डीए की चिंता है जिसपर लंबे से फैसला अटका हुआ है. डीए के बवाल पर कांग्रेस भी बीच में कूद पड़ी है. कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, '' एडवांस वेतन के कदम के लिए आपको साधुवाद मुख्यमंत्री जी लेकिन वेतन कर्मचारियों का अधिकार है और कर्मचारियों की असली दीपावली तभी रोशन होगी जब आप उन्हें 7% महंगाई भत्ता देंगे. जब साथ में चुनी हुई छत्तीसगढ़ की सरकार ने भत्ता जारी कर दिया है तो मध्यप्रदेश में क्या रुकावट आ रही है? या सरकार की भत्ता देने की मंशा ही नहीं है. वेतन कर्मचारियों का अधिकार है, उसको जल्दी देकर वाहवाही मत लूटिए. ये मेरी मांग नहीं है ये कर्मचारियों की मांग है, भत्ता जारी कीजिए और कर्मचारियों की दीपावली को रोशन कीजिए.''

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गौरतलब है कि दिवाली को देखते हुए सीएम मोहन यादव ने सभी शासकीय कर्मचारियों को जल्द वेतन देने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए थे. इसके बाद वित्त विभाग ने 28 अक्टूबर सोमवार को 1 नवंबर को मिलने वाला वेतन देने का फैसला किया है. हालांकि, कांग्रेस ने इसपर भी सवाल खड़े किए हैं. प्रदेश उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने तंज कसते हुए कहा, '' वेतन सभी कर्मचारियों का अधिकार है, इसे पहले देकर सरकार को वाहवाही नहीं लूटनी चाहिए. कर्मचारियों की दिवाली तभी रोशन होगी जब उन्हें 7 प्रतिशत डीए दिया जाएगा.'' अब देखना ये हो कि मोहन यादव सरकार डीए और एचआरए को लेकर दिवाली के पहले कोई फैसला लेती है या नहीं.

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