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मध्य प्रदेश में स्कूलों में बढ़ेगी फीस, मोहन यादव सरकार ने उठाया बड़ा कदम - MP SCHOOLS FEES WILL INCREASE

मध्य प्रदेश में स्कूलों की फीस बढ़ने वाली है. मोहन यादव सरकार निजी विद्यालय अधिनियम में संशोधन कर स्कूलों की फीस बढ़ाने वाली है.

MP SCHOOLS FEES WILL INCREASE
मध्य प्रदेश में स्कूलों में बढ़ेगी फीस (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 10, 2024, 3:22 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश के छोटे स्कूलों में पढ़ने वाले स्कूलों के बच्चों के परिजनों पर आने वाले समय में आर्थिक बोझ बढ़ सकता है. साल में 25 हजार तक की स्कूल फीस लेने वाले स्कूलों को सरकार मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस व संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम से बाहर करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने संशोधन विधेयक तैयार किया है. इसे विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. इसमें संशोधन से 25 हजार तक की स्कूल फीस लेने वाले स्कूल 10 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ा सकेंगे. इसके लिए उन्हें जिला कमेटी से अनुमति लेने की बाध्यता नहीं होगी.

करीबन 17 हजार स्कूलों को मिलेगा फायदा

मध्य प्रदेश में करीबन 35 हजार निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस और संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 बनाया था. जिसे 2018 में लागू कर दिया गया था. इसके बाद साल 2020 में इसके नियम लागू किए गए. इसमें प्रावधान किया गया था कि निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से 10 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकेंगे. 10 फीसदी से ज्यादा फीस वृद्धि के लिए जिला कमेटी की अनुमति अनिवार्य की गई है.

MOHAN YADAV GOVT PRIVATE SCHOOL ACT
मोहन सरकार करने जा रही नियम में संशोधन (ETV Bharat)

अब छोटे स्कूलों को मिलेगी राहत

अब राज्य सरकार छोटे स्कूलों को फीस बढ़ोत्तरी में राहत देन की तैयारी कर रही है. प्रदेश में ऐसे करीबन 17 हजार स्कूल हैं, जिनकी सालाना फीस 25 हजार रुपए से कम है. ऐसे स्कूलों को मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस व संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम के दायरे से बाहर किया जाएगा. इसके पीछे स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि छोटे स्कूल यदि 10 फीसदी फीस बढ़ाते हैं, तो बड़े स्कूलों के मुकाबले इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता. इसलिए छोटे स्कूलों को फीस बढ़ोत्तरी की सीमा 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की तैयारी की जा रही है.

सरकार के फैसले का किया स्वागत

यानी 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ोत्तरी करने पर उन्हें जिला कमेटी से अनुमति लेनी होगी. उधर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह के मुताबिक "यदि सरकार छोटे स्कूलों को फीस बढ़ोत्तरी की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव करती है, तो यह अच्छा कदम होगा. छोटे स्कूलों में छात्र संख्या और फीस दोनों ही कम होती है."

भोपाल: मध्य प्रदेश के छोटे स्कूलों में पढ़ने वाले स्कूलों के बच्चों के परिजनों पर आने वाले समय में आर्थिक बोझ बढ़ सकता है. साल में 25 हजार तक की स्कूल फीस लेने वाले स्कूलों को सरकार मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस व संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम से बाहर करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने संशोधन विधेयक तैयार किया है. इसे विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. इसमें संशोधन से 25 हजार तक की स्कूल फीस लेने वाले स्कूल 10 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ा सकेंगे. इसके लिए उन्हें जिला कमेटी से अनुमति लेने की बाध्यता नहीं होगी.

करीबन 17 हजार स्कूलों को मिलेगा फायदा

मध्य प्रदेश में करीबन 35 हजार निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस और संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 बनाया था. जिसे 2018 में लागू कर दिया गया था. इसके बाद साल 2020 में इसके नियम लागू किए गए. इसमें प्रावधान किया गया था कि निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से 10 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकेंगे. 10 फीसदी से ज्यादा फीस वृद्धि के लिए जिला कमेटी की अनुमति अनिवार्य की गई है.

MOHAN YADAV GOVT PRIVATE SCHOOL ACT
मोहन सरकार करने जा रही नियम में संशोधन (ETV Bharat)

अब छोटे स्कूलों को मिलेगी राहत

अब राज्य सरकार छोटे स्कूलों को फीस बढ़ोत्तरी में राहत देन की तैयारी कर रही है. प्रदेश में ऐसे करीबन 17 हजार स्कूल हैं, जिनकी सालाना फीस 25 हजार रुपए से कम है. ऐसे स्कूलों को मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस व संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम के दायरे से बाहर किया जाएगा. इसके पीछे स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि छोटे स्कूल यदि 10 फीसदी फीस बढ़ाते हैं, तो बड़े स्कूलों के मुकाबले इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता. इसलिए छोटे स्कूलों को फीस बढ़ोत्तरी की सीमा 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की तैयारी की जा रही है.

सरकार के फैसले का किया स्वागत

यानी 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ोत्तरी करने पर उन्हें जिला कमेटी से अनुमति लेनी होगी. उधर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह के मुताबिक "यदि सरकार छोटे स्कूलों को फीस बढ़ोत्तरी की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव करती है, तो यह अच्छा कदम होगा. छोटे स्कूलों में छात्र संख्या और फीस दोनों ही कम होती है."

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