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कर्ज की कश्ती पर डोलता मध्यप्रदेश, कर्मचारियों का DA एरियर भारी या ये स्कीम बनी बोझा - Madhya Pradesh Debt Crisis - MADHYA PRADESH DEBT CRISIS

मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार अगस्त में दूसरी बार कर्ज लेने जा रही है. यानी अगस्त में 10 हजार करोड़ का और बोझ मध्यप्रदेश पर बढ़ जाएगा. इस प्रकार मध्यप्रदेश पर कुल कर्जा अब 4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर हो गया है. आखिर इतना कर्ज सरकार को क्यों लेना पड़ रहा है, कर्ज की अधिकांश राशि कहां खर्च हो रही. आइए जानते हैं.

MP increasing debt
मध्यप्रदेश पर लगातार बढ़ रहा कर्ज (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 24, 2024, 4:33 PM IST

Updated : Aug 24, 2024, 4:56 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के लिए कर्ज लेना अब कोई नई बात नहीं है. हर महीने या दो माह के अंदर सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है. अभी 1 अगस्त को मध्यप्रदेश सरकार ने 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया. अब 5 हजार करोड़ का कर्जा फिर सरकार लेने जा रही है. इस माह कर्ज लेने का ये दूसरा अवसर है. खास बात ये है कि सरकार की योजना के अनुसार इस वित्त वर्ष में करीब 90 हजार करोड़ रुपये सरकार कर्ज लेगी. यानी इस वित्त वर्ष की समाप्ति पर मध्यप्रदेश पर 5 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज हो जाएगा.

मोहन यादव सरकार का 8 माह में 5वीं बार कर्ज

पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के कार्यकाल में दनादन कर्ज लिया गया. वही सिलसिला अभी भी जारी है. मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार के गठन के 8 माह हुए हैं. इस दौरान सरकार 5वीं कर्ज लेने की तैयारी में है. ये 5 हजार करोड़ का कर्ज जन्माष्टमी तक मिल जाएगा. आंकड़ों के अनुसार मोहन यादव सरकार ने 23 जनवरी 2024 को 2500 करोड़ का कर्ज लिया. फिर 7 फरवरी को 3 हजार करोड़ का कर्ज उठाया. इसके बाद 22 मार्च को फिर 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया. 01 अगस्त को सरकार ने फिर 5 हजार करोड़ का लोन लिया.

आखिर बार-बार लोन लेने की जरूरत क्यों पड़ रही

मध्यप्रदेश पर 31 मार्च 2024 तक वित्त वर्ष में 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज था. एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक बीजेपी सरकार ने एक साल में 44 हजार करोड़ रुपए कर्ज उठाया. 31 मार्च 2023 को सरकार पर कर्ज की राशि 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक था. दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार की कई योजनाएं इतनी महंगी हैं कि बगैर कर्ज लिए गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती है. लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, तीर्थ दर्शन योजना, रामपथ गमन क्षेत्रीय विकास, पीएम जन आरोग्य योजना यानि आयुष्मान भारत आदि योजनाओं पर सरकार का अधिकांश बजट खर्च हो रहा है.

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लाड़ली बहना योजना ने सरकार बनाई लेकिन बजट बिगाड़ा

मध्यप्रदेश में मास्टर स्ट्रोक साबित हुई लाड़ली बहना योजना से बजट गड़बड़ा रहा है. भले ही इस योजना के दम पर बीजेपी ने फिर से सत्ता में धमाकेदार वापसी कर ली है. लेकिन वित्तीय प्रबंधन संभालने में सरकार को पसीने छूट रहे हैं. लाड़ली बहना योजना में सरकार को हर माह करीब 1,600 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती है. लाड़ली बहना योजना का असर है कि सरकार को विकास के कई कार्यों को या तो रोकना पड़ा या कोई और बहाना बनाना पड़ा. मध्यप्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर वरिष्ठ पत्रकार योगी योगराज कहते हैं "लगभग सभी राज्य सरकारें कर्ज लेती हैं. लेकिन मध्यप्रदेश में कुछ सालों से ये प्रचलन ज्यादा बढ़ गया है. दरअसल, सियासी लाभ लेने के लिए मुफ्त की योजनाओं से सारा मामला बिगड़ रहा है. मुफ्त की योजनाओं से विकास कार्य तेजी से प्रभावित हो रहे हैं."

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के लिए कर्ज लेना अब कोई नई बात नहीं है. हर महीने या दो माह के अंदर सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है. अभी 1 अगस्त को मध्यप्रदेश सरकार ने 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया. अब 5 हजार करोड़ का कर्जा फिर सरकार लेने जा रही है. इस माह कर्ज लेने का ये दूसरा अवसर है. खास बात ये है कि सरकार की योजना के अनुसार इस वित्त वर्ष में करीब 90 हजार करोड़ रुपये सरकार कर्ज लेगी. यानी इस वित्त वर्ष की समाप्ति पर मध्यप्रदेश पर 5 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज हो जाएगा.

मोहन यादव सरकार का 8 माह में 5वीं बार कर्ज

पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के कार्यकाल में दनादन कर्ज लिया गया. वही सिलसिला अभी भी जारी है. मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार के गठन के 8 माह हुए हैं. इस दौरान सरकार 5वीं कर्ज लेने की तैयारी में है. ये 5 हजार करोड़ का कर्ज जन्माष्टमी तक मिल जाएगा. आंकड़ों के अनुसार मोहन यादव सरकार ने 23 जनवरी 2024 को 2500 करोड़ का कर्ज लिया. फिर 7 फरवरी को 3 हजार करोड़ का कर्ज उठाया. इसके बाद 22 मार्च को फिर 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया. 01 अगस्त को सरकार ने फिर 5 हजार करोड़ का लोन लिया.

आखिर बार-बार लोन लेने की जरूरत क्यों पड़ रही

मध्यप्रदेश पर 31 मार्च 2024 तक वित्त वर्ष में 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज था. एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक बीजेपी सरकार ने एक साल में 44 हजार करोड़ रुपए कर्ज उठाया. 31 मार्च 2023 को सरकार पर कर्ज की राशि 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक था. दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार की कई योजनाएं इतनी महंगी हैं कि बगैर कर्ज लिए गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती है. लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, तीर्थ दर्शन योजना, रामपथ गमन क्षेत्रीय विकास, पीएम जन आरोग्य योजना यानि आयुष्मान भारत आदि योजनाओं पर सरकार का अधिकांश बजट खर्च हो रहा है.

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Last Updated : Aug 24, 2024, 4:56 PM IST
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