भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार देश का पहला सोलर पॉवर स्टोरेज प्लॉट मुरैना में लगाने जा रही है. डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. यह प्लांट 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा. इसके साथ ही सोलर पॉवर के मामले में राज्य सरकार ने दो और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. सरकार ने नर्मदापुरम के बाबई और भोपाल के भौंरी में सोलर पॉवर के लिए भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
3500 करोड़ रुपये में तैयार होगा सोलर स्टोरेज प्लांट
मोहन सरकार में परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया "नवकरर्णीय ऊर्जा की दिशा में प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है. अब राज्य सरकार देश में पहली बार मुरैना में सोलर स्टोरेज प्लांट लगाने जा रही है. नए साल में इसका काम शुरू हो जाएगा और अगले 2 साल यानी 2027 तक यह प्लांट काम करना शुरू कर देगा. इस स्टोरेज प्लांट की क्षमता करीबन 600 मेगावॉट होगी और इस पर सरकार करीबन 3500 करोड़ रुपए व्यय करेगी." नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार का यह बड़ा कदम है.
सोलर स्टोरेज प्लांट से यह होगा फायदा
मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा से 7 हजार मेगावाट बिजली की पूर्ति की जा रही है. प्रदेश में 2030 में 40 हजार हजार मेगावॉट की जरूरत होगी. सरकार की कोशिश अगले 5 साल में नवकरणीय ऊर्जा से बिजली उत्पादन क्षमता को 20 हजार मेगावॉट करने की है. हालांकि सोलर ऊर्जा के मामले में अभी सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके उत्पादन के साथ इसका उपयोग करना होगा है. इसे स्टोरेज नहीं किया जा सकता. मुरैना में बनने वाले स्टोरेज प्लांट में सूरज से बनने वाली बिजली को स्टोर किया जा सकेगा और इसका उपयोग रात के समय किया जा सकेगा. स्टोरेज होने वाली बिजली को बेचना भी आसान होगा.
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सोलर पॉवर के लिए भूमि आवंटन को मंजूरी
वहीं, मोहन सरकार कैबिनेट ने नर्मदापुरम के बाबई में सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए 311.44 एकड़ भूमि आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यहां अभी 214 एकड़ भूमि पर सोलर पॉवर प्रोजेक्ट चल रहा है. मंत्री राव उदय प्रताप ने कहा कि नर्मदापुरम में होने वाले रीजनल इंवेस्टर के पहले मुख्यमंत्री इसका भूमिपूजन करेंगे. उधर भोपाल के भौंरी में भी 21.04 एकड़ भूमि नवकरणीय ऊर्जा के लिए आवंटित करने का निर्णय लिया गया है.