बूंदी: बूंदी रेलवे स्टेशन पर कोटा से उदयपुर जाते समय ट्रेन हादसा हो गया. यह ट्रेन 8 डिब्बों की थी, जिसमें करीबन 286 से ज्यादा यात्री सवार थे. जैसे ही हादसे की सूचना लगी मौके पर हड़कप मच गया. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सहित सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ और रेलवे डीआरएम मनीष तिवारी और प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर, जबलपुर हेडक्वार्टर, प्रभात कुमार मौके पर पहुंचे. हादसे की सूचना पर तुरंत बचाव राहत कार्य शुरू किया गया. दरअसल, यह रेलवे और एनडीआरएफ की ओर से करवाया गया मॉकड्रिल था.
इस मॉकड्रिल में एनडीआरएफ ने अपने संसाधनों से बोगियों में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला. गंभीर घायलों को दुर्घटना संचालन ट्रेन में रेफर किया गया. जिसमें इलाज भी हुआ. वहीं मौके पर मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स सुविधा उपलब्ध करवाने के बाद गंभीर घायलों को अस्पताल के लिए रेफर किया गया. वहीं ट्रेन हादसे की सूचना पर जिला परिषद सीईओ रवि वर्मा, उपखंड अधिकारी एचडी सिंह, पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह, सदर थाना अधिकारी भगवान सहाय, कोतवाली थाना अधिकारी तेजपाल सहित पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा और राहत और बचाव कार्य में जुट गए.
वहीं हादसे की सूचना पर जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा व जिला पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा का मौके पर नहीं आना चर्चा का विषय रहा. रेलवे डीआरएम मनीष तिवारी ने बताया कि रेलवे विभाग द्वारा हादसे पर रेलवे विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन की तैयारी को जांचने के लिए समय-समय पर मॉकड्रिल किया जाता है. इसी के तरह शनिवार सुबह बूंदी रेलवे स्टेशन पर रेल दुर्घटना की मॉकड्रिल की गई. जिसमें सभी विभागों की तत्परता देखने को मिली. स्थानीय प्रशासन भी हादसे को लेकर मुस्तैद नजर आया.