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Rajasthan: बाड़मेर में रेल हादसे की सूचना पर मचा हड़कंप ! जानिए सच्चाई - MOCK DRILL RAILWAY STATION BARMER

बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को रेल हादसे से बचाव का मॉकड्रिल किया गया. हादसे की सूचना पर पूरा प्रशासनिक लवाजमा मौके पर पहुंचा.

Mock Drill  Railway Station Barmer
बाड़मेर में रेल हादसे की मॉकड्रिल (Photo Etv Bharat Barmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 22, 2024, 1:21 PM IST

बाड़मेर: जिले में मंगलवार सुबह ट्रेन हादसे की खबर से हड़कंप मच गया. सूचना मिली कि बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के एक डिब्बे पर दूसरा डिब्बा चढ़ गया. इस पर रेलवे की ओर से आपातकालीन सायरन बजने लगा. इसके साथ ही सरकारी मशीनरी एक्टिव हो गई और तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे. आरपीएफ, रेलकर्मी, पुलिस, मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर पहुंची. बचाव कार्य का ऑपरेशन किया गया. लोगों को राहत तब मिली, जब पता चला कि यह एक मॉकड्रिल था.

मॉक ड्रिल के दौरान अधिकारियों ने यात्रियों के बचाव व राहत कार्यों का अवलोकन किया. कोच में फंसे हुए यात्रियों को आपदा प्रबंधन टीमों ने बाहर निकाला. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह रेलवे की ओर से मॉक ड्रिल थी.

बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर मॉक ड्रिल (वीडियो ईटीवी भारत बाड़मेर)

पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट पर मॉक ड्रिल, आतंकी साजिश नाकाम, सीआईएसएफ के जवानों ने 3 आतंकियों को किया ढेर

इससे पीछे मुख्य उद्देश्य यही था कि दुर्घटना होने पर कैसे जल्दी से जल्दी उससे निपटा जाए. दुर्घटना में फंसे लोगों को बचाना सबसे जरूरी होता है. इसके लिए मॉकड्रिल में सभी एजेंसियों ने भाग लिया. इसमें एनडीआरएफ और रेलवे सहित तमाम टीमों ने भाग लिया. इस दौरान सभी टीमों ने अच्छा कार्य किया गया.

मॉक ड्रिल के बाद बचाव में जुटी टीम
मॉक ड्रिल के बाद बचाव में जुटी टीम (फोटो ईटीवी भारत बाड़मेर)

एनडीआरफ टीम के योगेश कुमार ने बताया कि सीईटी परीक्षा होने के बावजूद प्रशासन ने मॉकड्रिल में बढ़ चढ़ हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि मॉकड्रिल इसलिए करवाया जाता है कि इस तरह की दुर्घटना के समय सभी विभाग समन्वय बिठाकर जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू कर सके.

बाड़मेर: जिले में मंगलवार सुबह ट्रेन हादसे की खबर से हड़कंप मच गया. सूचना मिली कि बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के एक डिब्बे पर दूसरा डिब्बा चढ़ गया. इस पर रेलवे की ओर से आपातकालीन सायरन बजने लगा. इसके साथ ही सरकारी मशीनरी एक्टिव हो गई और तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे. आरपीएफ, रेलकर्मी, पुलिस, मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर पहुंची. बचाव कार्य का ऑपरेशन किया गया. लोगों को राहत तब मिली, जब पता चला कि यह एक मॉकड्रिल था.

मॉक ड्रिल के दौरान अधिकारियों ने यात्रियों के बचाव व राहत कार्यों का अवलोकन किया. कोच में फंसे हुए यात्रियों को आपदा प्रबंधन टीमों ने बाहर निकाला. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह रेलवे की ओर से मॉक ड्रिल थी.

बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर मॉक ड्रिल (वीडियो ईटीवी भारत बाड़मेर)

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इससे पीछे मुख्य उद्देश्य यही था कि दुर्घटना होने पर कैसे जल्दी से जल्दी उससे निपटा जाए. दुर्घटना में फंसे लोगों को बचाना सबसे जरूरी होता है. इसके लिए मॉकड्रिल में सभी एजेंसियों ने भाग लिया. इसमें एनडीआरएफ और रेलवे सहित तमाम टीमों ने भाग लिया. इस दौरान सभी टीमों ने अच्छा कार्य किया गया.

मॉक ड्रिल के बाद बचाव में जुटी टीम
मॉक ड्रिल के बाद बचाव में जुटी टीम (फोटो ईटीवी भारत बाड़मेर)

एनडीआरफ टीम के योगेश कुमार ने बताया कि सीईटी परीक्षा होने के बावजूद प्रशासन ने मॉकड्रिल में बढ़ चढ़ हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि मॉकड्रिल इसलिए करवाया जाता है कि इस तरह की दुर्घटना के समय सभी विभाग समन्वय बिठाकर जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू कर सके.

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