ETV Bharat / state

सोशल मीडिया पर उगला जहर, FIR हुई तो हाईकोर्ट में मोबाइल हैक का बहाना - MP High Court

हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को राहत नहीं दी. कोर्ट ने कहा तथ्यों के आधार पर एफआईआर निरस्त नहीं होगी.

MP High Court
एमपी हाईकोर्ट में नहीं चला मोबाइल हैक होने का बहाना (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 4, 2024, 6:12 PM IST

जबलपुर। इंस्टाग्राम पर भगवान राम, हिंदू धर्म के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले युवक को हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने एफआईआर निरस्त किए जाने के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है.

एफआईआर हुई हाई कोर्ट में बनाया बहाना

याचिकाकर्ता मोहम्मद बिलाल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था "सतना जिले के कोतवाली थाने में सुजल वाल्मीकि की शिकायत पर पुलिस ने जांच के बाद उसके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने, अशांति बनाने सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था." याचिका में कहा गया था कि उसके मोबाइल को हैक कर 15 अगस्त 2023 को इंस्टाग्राम में दूसरे धर्म की भावनाओं को भड़काने वाली पोस्ट की गयी थी. याचिका में राहत चाही गयी थी कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाए.

ALSO READ :

करीना कपूर पर बड़ी मुसीबत, हाई कोर्ट ने नोटिस दे पूछा- प्रेगनेंसी बुक में बाइबिल शब्द क्यों आया

एमपी हाईकोर्ट ने दी नाबालिग के 28 सप्ताह के गर्भ को अबॉर्शन करवाने की अनुमति

तथ्यों के आधार पर एफआईआर नहीं होगी निरस्त

एफआईआर का अवलोकन करने पर एकलपीठ ने पाया कि पोस्ट में भगवान राम, हिन्दू धर्म तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गयी. शिकायतकर्ता जब आपत्तिजनक पोस्ट के संबंध में बात करते पहुंचा तो उसने अपशब्दों को प्रयोग करते हुए जातिगत रूप से अपमानित किया. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है "याचिकाकर्ता ने अपने बचाव में तर्क दिया था कि उसका मोबाइल हैक किया गया. वहीं, शिकायतकर्ता का कहना है कि आपत्तिजनक पोस्ट पर बात करने पहुंचने पर अपशब्दों का प्रयोग किया गया. हालांकि न्यायालय एफआईआर की जांच नहीं कर रहा है लेकिन तथ्यों के आधार पर एफआईआर निरस्त नहीं की जा सकती."

जबलपुर। इंस्टाग्राम पर भगवान राम, हिंदू धर्म के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले युवक को हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने एफआईआर निरस्त किए जाने के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है.

एफआईआर हुई हाई कोर्ट में बनाया बहाना

याचिकाकर्ता मोहम्मद बिलाल की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था "सतना जिले के कोतवाली थाने में सुजल वाल्मीकि की शिकायत पर पुलिस ने जांच के बाद उसके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने, अशांति बनाने सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था." याचिका में कहा गया था कि उसके मोबाइल को हैक कर 15 अगस्त 2023 को इंस्टाग्राम में दूसरे धर्म की भावनाओं को भड़काने वाली पोस्ट की गयी थी. याचिका में राहत चाही गयी थी कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाए.

ALSO READ :

करीना कपूर पर बड़ी मुसीबत, हाई कोर्ट ने नोटिस दे पूछा- प्रेगनेंसी बुक में बाइबिल शब्द क्यों आया

एमपी हाईकोर्ट ने दी नाबालिग के 28 सप्ताह के गर्भ को अबॉर्शन करवाने की अनुमति

तथ्यों के आधार पर एफआईआर नहीं होगी निरस्त

एफआईआर का अवलोकन करने पर एकलपीठ ने पाया कि पोस्ट में भगवान राम, हिन्दू धर्म तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गयी. शिकायतकर्ता जब आपत्तिजनक पोस्ट के संबंध में बात करते पहुंचा तो उसने अपशब्दों को प्रयोग करते हुए जातिगत रूप से अपमानित किया. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है "याचिकाकर्ता ने अपने बचाव में तर्क दिया था कि उसका मोबाइल हैक किया गया. वहीं, शिकायतकर्ता का कहना है कि आपत्तिजनक पोस्ट पर बात करने पहुंचने पर अपशब्दों का प्रयोग किया गया. हालांकि न्यायालय एफआईआर की जांच नहीं कर रहा है लेकिन तथ्यों के आधार पर एफआईआर निरस्त नहीं की जा सकती."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.