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एक गलती से हो गयी हत्या-एर्नाकुलम एक्सप्रेस, जानिए रांची से खुलने वाली इस ट्रेन के साथ क्या हुआ - Hatia Ernakulam Express - HATIA ERNAKULAM EXPRESS

रांची के हटिया से केरल के एर्नाकुलम तक जाने वाली एर्नाकुलम एक्सप्रेस एक गलती की वजह से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. दरअसल ट्रेन के नेम प्लेट पर मलयालम में हटिया की स्पेलिंग गलत हो गई. हटिया की जगह जो शब्द मलयालम में लिखा गया उसका मतलब हत्या था. हालांकि जैसे ही रेलवे के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली उन्होंने तुरंत उसे बदल दिया.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 13, 2024, 11:00 PM IST

रांची: राजधानी रांची के हटिया स्टेशन से खुलने वाले हटिया एर्नाकुलम एक्सप्रेस में लगी हुई बोर्ड तब वायरल हो गई जब हटिया को मलयालम में गलती से हत्या एर्नाकुलम एक्सप्रेस लिख दिया गया.

दरअसल, रांची से एर्नाकुलम के लिए चलने वाली ट्रेन के नेम प्लेट पर हटिया एक्सप्रेस तीन भाषा में लिखी थी. अंग्रेजी हिंदी और मलयालम भाषा में हटिया लिखी हुई थी. हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखे हटिया एक्सप्रेस सही था, लेकिन मलयालम भाषा में लिखे हटिया शब्द को गलत लिखा गया था. हटिया को मलयालम में जो लिखा गया था उसका अर्थ हिंदी में हत्या होता है.

रेलवे की तरफ से ट्रांसलेट करने के बाद मलयालम भाषा में जो शब्द लिखा गया उसका मलयालम भाषा कोलापथकम(Kolapathakam) होता है, जिसे हिंदी में हत्या कहा जाता है. इसी गलती के साथ हटिया एर्नाकुलम एक्सप्रेस कई दिनों से रांची से एर्नाकुलम तक परिचालित हो रही थी. लेकिन इसी बीच एक यात्री की नजर नेम प्लेट पर पड़ी और उन्होंने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट किया जो वायरल हो गया. वायरल होने के बाद रेलवे प्रशासन ने तुरंत ही संज्ञान लिया और उसे ठीक कराया.
रेलवे की इस गलती पर के लिए हटिया डिवीजन के डीसीएम निशांत कुमार बताते हैं कि नेम प्लेट के लिए जब ट्रांसलेट किया जा रहा था तो उसके लिए गूगल का सहारा लिया गया था. गूगल में जो भी शब्द निकल कर सामने आया उसे कर्मचारियों ने नेम प्लेट पर लगाकर सार्वजनिक कर दिया. पूर्वोत्तर भारत में ज्यादातर लोगों को मलयालम नहीं आती है. इसीलिए किसी ने गौर नहीं किया और कई दिनों तक इसी नाम के साथ गाड़ी रांची से एर्नाकुलम तक चलती रही. लेकिन जब यह मिस्टेक सोशल मीडिया के माध्यम से निकल कर सामने आई तो हटिया रेलवे डिवीजन की तरफ से उस प्रकार के सभी बोर्ड को बदलकर तुरंत सही किए गए.

ईटीवी भारत की टीम ने जब सीनियर डीसीएम निशांत कुमार से सवाल पूछा कि क्या जब नेम प्लेट पर नाम लिखे जाते हैं तो ट्रांसलेटर से चेक नहीं कराए जाते हैं, तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि हर जगह पर ट्रांसलेटरों की सुविधा नहीं है. जिस वजह से कई बार गूगल या फिर अन्य साइट के माध्यम से लोग काम करते हैं.

रेलवे विभाग के अधिकारी सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने कहा कि इस तरह की गलती निश्चित रूप से भूलवश होती है. लेकिन इसके बावजूद भी आगे से ऐसी गलती ना हो और इसका कैसे विशेष ध्यान रखा जाए. इसको लेकर जरूर ठोस कदम उठाए जाएंगे. सोशल मीडिया पर हटिया स्टेशन पर लगी ट्रेन का जब यह फोटो वायरल हुआ तो कई लोग इसे हल्के अंदाज में भी पोस्ट करते दिख रहे हैं. कोई इसे साधारण गलती बता रहा है तो कोई इसे रेलवे की लापरवाही बता रहा है. हटिया से केरल जाने वाली हटिया एर्नाकुलम एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन परिचालित होती है. जिसमें हजारों की संख्या में लोग सफर करते हैं.

रांची: राजधानी रांची के हटिया स्टेशन से खुलने वाले हटिया एर्नाकुलम एक्सप्रेस में लगी हुई बोर्ड तब वायरल हो गई जब हटिया को मलयालम में गलती से हत्या एर्नाकुलम एक्सप्रेस लिख दिया गया.

दरअसल, रांची से एर्नाकुलम के लिए चलने वाली ट्रेन के नेम प्लेट पर हटिया एक्सप्रेस तीन भाषा में लिखी थी. अंग्रेजी हिंदी और मलयालम भाषा में हटिया लिखी हुई थी. हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखे हटिया एक्सप्रेस सही था, लेकिन मलयालम भाषा में लिखे हटिया शब्द को गलत लिखा गया था. हटिया को मलयालम में जो लिखा गया था उसका अर्थ हिंदी में हत्या होता है.

रेलवे की तरफ से ट्रांसलेट करने के बाद मलयालम भाषा में जो शब्द लिखा गया उसका मलयालम भाषा कोलापथकम(Kolapathakam) होता है, जिसे हिंदी में हत्या कहा जाता है. इसी गलती के साथ हटिया एर्नाकुलम एक्सप्रेस कई दिनों से रांची से एर्नाकुलम तक परिचालित हो रही थी. लेकिन इसी बीच एक यात्री की नजर नेम प्लेट पर पड़ी और उन्होंने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट किया जो वायरल हो गया. वायरल होने के बाद रेलवे प्रशासन ने तुरंत ही संज्ञान लिया और उसे ठीक कराया.
रेलवे की इस गलती पर के लिए हटिया डिवीजन के डीसीएम निशांत कुमार बताते हैं कि नेम प्लेट के लिए जब ट्रांसलेट किया जा रहा था तो उसके लिए गूगल का सहारा लिया गया था. गूगल में जो भी शब्द निकल कर सामने आया उसे कर्मचारियों ने नेम प्लेट पर लगाकर सार्वजनिक कर दिया. पूर्वोत्तर भारत में ज्यादातर लोगों को मलयालम नहीं आती है. इसीलिए किसी ने गौर नहीं किया और कई दिनों तक इसी नाम के साथ गाड़ी रांची से एर्नाकुलम तक चलती रही. लेकिन जब यह मिस्टेक सोशल मीडिया के माध्यम से निकल कर सामने आई तो हटिया रेलवे डिवीजन की तरफ से उस प्रकार के सभी बोर्ड को बदलकर तुरंत सही किए गए.

ईटीवी भारत की टीम ने जब सीनियर डीसीएम निशांत कुमार से सवाल पूछा कि क्या जब नेम प्लेट पर नाम लिखे जाते हैं तो ट्रांसलेटर से चेक नहीं कराए जाते हैं, तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि हर जगह पर ट्रांसलेटरों की सुविधा नहीं है. जिस वजह से कई बार गूगल या फिर अन्य साइट के माध्यम से लोग काम करते हैं.

रेलवे विभाग के अधिकारी सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने कहा कि इस तरह की गलती निश्चित रूप से भूलवश होती है. लेकिन इसके बावजूद भी आगे से ऐसी गलती ना हो और इसका कैसे विशेष ध्यान रखा जाए. इसको लेकर जरूर ठोस कदम उठाए जाएंगे. सोशल मीडिया पर हटिया स्टेशन पर लगी ट्रेन का जब यह फोटो वायरल हुआ तो कई लोग इसे हल्के अंदाज में भी पोस्ट करते दिख रहे हैं. कोई इसे साधारण गलती बता रहा है तो कोई इसे रेलवे की लापरवाही बता रहा है. हटिया से केरल जाने वाली हटिया एर्नाकुलम एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन परिचालित होती है. जिसमें हजारों की संख्या में लोग सफर करते हैं.

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