मिर्जापुर : मां विंध्यवासिनी की जयंती पर विंध्याचल धाम को विशेष रूप से सजाया गया. साथ ही मां विंध्यवासिनी के दरबार में रात भर भक्ति रस की धारा बही. देश के जाने-माने कलाकारों ने अपनी सुर साधना से की मां की स्तुति की. मंदिर परिसर में बुधवार रात भर चले कार्यक्रम में श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे नजर आए. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.
मिर्जापुर के विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में हर साल की तरह इस वर्ष भी श्रीविंध्यवासिनी आराधना केंद्र विंध्याचल की ओर से मां विंध्यवासिनी मंदिर के परिसर में मां विंध्यवासिनी जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इससे पहले मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर को फूल-पत्तियों, सतरंगी गुब्बारों और बिजली की रंग बिरंगी लाइटों सजाया गया. इसके अलावा मां विंध्यवासिनी का भव्य शृंगार, पूजन, प्रसाद वितरण के साथ ही संगीत समारोह व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयाेजन किया गया. आयोजन में दिल्ली, मुंबई कोलकाता, प्रयागराज, वाराणसी समेत देश भर के कई कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं.
पुराणों के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि को मां विंध्यवासिनी की जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि इसी दिन मां विंध्यवासिनी देवी विंध्य पर्वत पर निवास करने आई थीं. इसलिए हर वर्ष बड़े ही धूमधाम से विंध्य धाम में विराजमान मां विंध्यवासिनी देवी, मां काली खोह, मां अष्टभुजा देवी का भव्य शृंगार, पूजन होता है और प्रसाद का वितरण किया जाता है. सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को जीवंत रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सन 1971 से शुरुआत की थी. स्थानीय लोगों के साथ विभिन्न प्रदेशों के श्रद्धालु भी यहां आकर भक्ति का लुत्फ उठाते हैं.