Amarbel ke Fayde: आज बात एक ऐसे परजीवी की करेंगे, जो दूसरे झाड़ियां पर और पेड़ पौधों पर आश्रित रहता है. ये जिस भी पेड़ में पनप जाता है, वो उस पेड़ के सारे पोषक तत्वों को ले लेता है और आखिर में वो उस पेड़ को भी नष्ट कर देता है. लेकिन किसी भी पेड़ में परजीवी की तरह आश्रय लेने वाला ये बेल सेहत के लिए काफी गुणकारी है, इसका औषधीय महत्व भी है.
बड़े काम का है अमरबेल
झाड़ियां में या पेड़ों में जाल की तरह फैला पीले कलर का ये बेल अमर बेल कहलाता है. इसके बारे में अधिकतर लोग जानते भी हैं, ये एक परजीवी है और पूरा इसका जीवनकाल दूसरे पेड़ों पर आश्रित होकर गुजरता है. ये जिस पेड़ या झाड़ी पर पनपता है उसके सारे पोषक तत्व को ग्रहण करता है. आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि, ''अमरबेल एक तरह का परजीवी पौधा है, जो कि दूसरे पेड़ों के ऊपर पनपता है.
ये बेल रूप में होता है. इसको संस्कृत में अमरबल्ली बोला जाता है. यह प्रायः उत्तर भारत में कई पेड़ों के ऊपर फलता फूलता दिखाई दे जाता है. बेल अपना पूरा पोषण उस पेड़ से लेता है जिस पेड़ पर यह रहता है. इसीलिए इसमें अपनी क्वालिटीज तो होती ही है, साथ ही साथ यह जिस पौधे के ऊपर पनप रहा होता है, उसकी क्वालिटी को भी अडॉप्ट कर लेता है.''
अमरबेल का औषधीय महत्व
शहडोल के आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव अमरबेल का औषधीय महत्व बताते हुए कहते हैं कि, ''बात करें चिकित्सा के महत्व की तो अमर बेल का जो तना होता है, उसको कूट पीसकर तिल के तेल में मिलाकर तेल बनाया जाए तो वह तेल बालों के लिए बहुत लाभदायक होता है. इसके तने का ताजा रस अगर बालों पर लगाया जाए तो ये काफी हद तक बालों को चमकीला और मुलायम बनाता है. हालांकि इसके बहुत सारे और प्रयोग भी हैं. जैसे कि इसका तना पाइल्स के इलाज में काम आता है. गैस से निजात दिलाता है. विभिन्न रोग में भी इसके तने का पेस्ट काफी लाभकारी है.''