रांची: पंचम झारखंड विधानसभा को गठित हुए साढ़े चार साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है. इस दौरान राज्य ने तीसरी बार सरकार को बनते देखा. अब जनता के बीच जाने की बारी है. विधानसभा चुनाव सिर पर है. लिहाजा, हेमंत सोरेन के कैबिनेट में शामिल मंत्री रेस हो गये हैं. 8 जुलाई को राजभवन में शपथ लेने के बाद मंत्रियों ने कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने नेपाल हाऊस स्थित ऑफिस में पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि इस बार सीएचसी, पीएचसी, अनुमंडल और जिला स्तर के अस्पतालों को विशेष वित्तीय अधिकार देने की व्यवस्था की है. इसके लिए कैबिनेट की सहमति से अलग से एक अरब रुपये. का बजटीय उपबंध किया है. ऐसा होने से अस्पतालों की सभी छोटी-मोटी बुनियादी जरूरतों को उसी स्तर पर पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए विभागीय स्तर की लंबी चौड़ी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा.
वहीं, झामुमो कोटे से मंत्री बने मिथिलेश ठाकुर ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का कार्यभार संभाल लिया. उन्होंने हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए जारी जल जीवन मिशन के काम में तेजी लाने की बात कही. उन्होंने शपथ लेने के बाद विश्वास जताने के लिए सीएम हेमंत सोरेन के प्रति आभार जताया था. इसके अलावा मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, मंत्री बैद्यनाथ राम, मंत्री इरफान अंसारी आज ही अलग-अलग समय पर पदभार ग्रहण करेंगे. कुछ मंत्रियों की ओर से अब तक पदभार ग्रहण करने के बाबत शेड्यूल जारी नहीं हुआ है. वैसे सबसे ज्यादा नजर पहली बार मंत्री बने इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सिंह के अलावा बैद्यनाथ राम पर रही. बैद्यनाथ राम पूर्व में भाजपा की सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
दरअसल, 31 जनवरी को हेमंत सोरेन के जेल जाने और 28 जून को जेल से बाहर आने के बाद झारखंड की राजनीति ने एक बार फिर करवट ली है. पांच माह बाद चंपाई सोरेन फिर से मंत्री बन गये हैं. इस कार्यकाल में हेमंत सोरेन दोबारा सीएम बने हैं. उन्होंने पहली बार अपने 11 विधायकों को मंत्री बनाकर अपने कैबिनेट को संपूर्ण आकार दिया है. आगामी विस चुनाव के मद्देनजर मंत्रियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही बढ़ गयी है. उन्हें छोटे कार्यकाल में परफॉर्म करना है.
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